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रविवार, 19 मई 2024

सिविल सेवा के बारे में संवैधानिक उपबंध एवं संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की भूमिका एवं कृत्य

किसी भी सिविल सेवक के लिए भारतीय संविधान एक पथप्रदर्शक के स्थान पर है। भारत के स्वाधीनता संग्राम के सबक, संविधान सभा की धारदार बहसें, संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, कर्तव्य ,  नीति निर्देशक तत्त्व, पंचायती राज एवं स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था एवं अन्य संवैधानिक प्रावधान सिविल सेवक को कठिन निर्णयों के समय दिशा दिखाते हैं। सिविल सेवाओं की व्यवस्था भारतीय संविधान में वर्णित है।   

भारतीय संविधान के 14 वें भाग में सिविल सेवाओं के बारे में प्रावधान हैं। 
अनुच्छेद 309, 310, 311, 312 में सिविल सेवाओं का वर्णन है जिसका सार संक्षेप निम्नलिखित है - 

अनुच्छेद 309-सक्षम विधायिका द्वारा अधिनियम बनाने की शक्ति एवं  राष्ट्रपति एवं राज्यपाल द्वारा सेवाओं की भर्ती एवं सेवा शर्तों के सम्बन्ध में नियम बनाने की शक्ति 

अनुच्छेद  310 -सिविल सेवक राष्ट्रपति या राज्यपाल के  प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर बने रहेंगे। 
(उन्हेंअनुच्छेद 311 की सुरक्षा, मौलिक अधिकारों की सुरक्षा प्राप्त है।उन्हें विहित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही अनुच्छेद 311 के प्रावधानों के अधीन ही पदच्युत किया जा सकता है ) 
अनुच्छेद 311-केंद्र एवं राज्य की  सिविल सेवाओं को संरक्षण हेतु प्रावधान
पदच्युति नियुक्ति प्राधिकार के अधीनस्थ द्वारा नहीं , 
पदच्युति, पदावनति,  जांच के बिना नहीं जहां आरोप बताये गए हैं, उन आरोपों पर सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया गया है, जांच के दौरान प्राप्त सबूतों के आधार पर दंड का अधिरोपण किया जा सकता है।  
अनुच्छेद  312 -अखिल भारतीय सेवा का वर्णन , नयी अखिल भारतीय सेवा के निर्माण की प्रक्रिया 

अखिल भारतीय सेवा एवं केंद्रीय राजपत्रित सेवाओं हेतु परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाती है। इस प्रतिष्ठित आयोग ने अपनी जनमानस में एक अटूट छवि और विश्वास साल-दर-सालबरक़रार  रखा है और इस कारण सिविल सेवा परीक्षा भारत की ही नहीं विश्व की सबसे कठिन एवं प्रतिष्ठित परीक्षाओं में एक मानी जाती है।  सिविल सेवाओं हेतु परीक्षा संघ UPSC के बारे में संवैधानिक प्रावधान अनुच्छेद 315 से से 323 तक हैं और इन प्रावधानों का संक्षिप्त विवरण निम्नवत है-

अनुच्छेद 315 के अनुसार  संघ के लिए एक लोग सेवा आयोग होगा और प्रत्येक राज्य के लिए  एक लोक सेवा आयोग होगा | 

अनुच्छेद 316  के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी  |  सदस्यों में लगभग आधे ऐसे व्यक्ति होंगे जो अपनी  नियुक्ति की तारीख पर भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन कम -से -कम दस वर्ष पद धारण किया हो |   संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से छः वर्ष की अवधि तक या 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक अपना पद धारण करेगा। संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य राष्ट्रपति  को सम्बोधित अपने हस्ताक्षर सहित पत्र द्वारा अपना पद त्याग सकेगा | 
इस अनुच्छेद में राज्य लोक सेवा के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया का भी वर्णन है जिनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी। 

अनुच्छेद 317   के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग का  अध्यक्ष या कोई  अन्य सदस्य यदि दिवालिया घोषित होता है, अपनी पद पर रहते हुए अपने कर्तव्यों के इतर किसी सवेतन नियोजन में लगता है या राष्ट्रपति राय में मानसिक या शारीरिक शैथिल्य के कारण अपने पद पर बने रहने के अयोग्य है , तो राष्ट्रपति अध्यक्ष या ऐसे अन्य सदस्य को आदेश द्वारा पद से हटा सकेंगे। 

संघ लोक सेवा आयोग का  अध्यक्ष या कोई  अन्य सदस्य यदि निगमित कंपनी के सदस्य के रूप में या संयुक्त रूप में भारत सरकार या राज्य सरकार के द्वारा या निमित्त किये गए करार से सम्पृक्त  या हितबद्ध हो या उसके लाभ, फायदे या उपलब्धि में साझीदार हों तो इसे कदाचार माना जायेगा | इस कदाचार या किसी अन्य कदाचार में राष्ट्रपति के निर्देश  उपरांत उच्चतम न्यायलय द्वारा अनुच्छेद 145 के अधीन जांच पर प्रतिवेदन दिया जायेगा जिसमे कदाचार पुष्ट होने पर राष्ट्रपति अध्यक्ष या ऐसे अन्य सदस्य को आदेश द्वारा पद से हटा सकेंगे। 

अनुच्छेद 318  के अनुसार राष्ट्रपति संघ लोक सेवा आयोग के  सदस्यों की संख्या और उनकी सेवा की शर्तों का विनियमों द्वारा निर्धारण करेंगे मगर लोक सेवा आयोग के  सदस्यों की सेवा की शर्तों में उनकी नियुक्ति के पश्चात् कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जायेगा | राज्य लोक सेवा आयोग के संबंध में यह शक्ति राज्यपाल के पास है।  

अनुच्छेद 319   के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग का  अध्यक्ष भारत सरकार या किसी राज्य सरकार की अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा। संघ लोक सेवा आयोग के   अध्यक्ष से भिन्न अन्य सदस्य संघ लोक सेवा आयोग का  अध्यक्ष या राज्य  लोक सेवा आयोग का  अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के पात्र होंगे किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य सरकार की अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होंगे ।राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य (अध्यक्ष को छोड़कर ) संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य बनने या किसी किसी भी राज्य सेवा आयोग के अध्यक्ष बनने के पात्र होंगे।  

अनुच्छेद 320   के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग संघ की सेवाओं के लिए परीक्षाओं का संचालन करेगी। इसके साथ ही सिविल सेवा और सिविल पदों पर भर्ती की प्रद्धति से संबंधित विषयों पर,  इन पर नियुक्ति में, एक सेवा से दूसरी सेवा में प्रोन्नति या अंतरण में, सेवाओं से संबंधित अनुशासनिक विषयों, क्षतिपूर्ति पेंशन जैसे कई बिंदुओं पर राष्ट्रपति के निर्देश पर परामर्श देने की संघ लोक सेवा आयोग की अहम् परामर्शदात्री भूमिका है। राज्य लोक सेवा आयोग राज्य हेतु समान भूमिका निभाएगी।   

अनुच्छेद 321 के अनुसार संसद संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संघ की सेवाओं  संबंध में और किसी स्थानीय प्राधिकारी या विधि द्वारा गठित अन्य निगमित निकाय या किसी लोक संस्था की सेवाओं के संबंध में भी  अतिरिक्त कृत्यों के प्रयोग के लिए उपबंध कर सकेगा। राज्य विधायिका द्वारा राज्य लोक सेवा आयोग के संबंध में यही भूमिका निभायी जाएगी। 

अनुच्छेद 322  के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग के व्यय भारत की संचित निधि पर भारित होंगे एवं राज्य लोक सेवा आयोग के व्यय राज्य की संचित निधि पर भारित होंगे। 


अनुच्छेद 322  के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग का यह कर्त्तव्य होगा की वह राष्ट्रपति को आयोग द्वारा किये जाने वाले कार्यों  संबंध में वार्षिक प्रतिवेदन दे  और राष्ट्रपति उन मामलों के संबंध में जिसमें आयोग की सलाह स्वीकार नहीं की गयी थी, अस्वीकृति के कारणों  स्पष्ट करने वाले ज्ञापन सहित उस प्रतिवेदन  की प्रति संसद के दोनों सदनों के सम्मुख रखवाएंगे। 
राज्य लोक सेवा आयोग वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को देंगे और इसे उपरोक्त रूप में राज्य विधानमंडल के सम्मुख रखा जायेगा। 

सिविल सेवा के संबंध में ये प्रावधान एक नियमबद्ध एवं देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध सेवा हेतु सभी आवश्यक प्रावधानों को संवैधानिक संरक्षण दे कर सिविल सेवाओं को उनकी आंतरिक मजबूती प्रदान करते हैं और सेवाओं को एक गरिमापूर्ण उत्तरदायित्व के रूप में सामने लाते हैं। 

रविवार, 24 दिसंबर 2023

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा- भारतीय भाषा प्रश्न पत्र (हिंदी )


सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सबसे पहला पेपर भारतीय भाषा का है जिसमे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किसी भी भाषा को चुना जा सकता है | हिंदी भाषियों के लिए सबसे सुगम विकल्प हिन्दी है | कुछ लोग मैथिली भाषा भी अपनी सुविधानुसार चुन सकते हैं |   यह पत्र  UPSC की नोटिस के अनुसार दसवीं के स्तर का है मगर वास्तविकता में यह उससे थोडा सा भारी है |  वैसे तो इस पत्र के अंक आपके रैंक को निर्धारित करने में कोई भूमिका नहीं निभाते, मगर अगर आप इस पत्र में पास करने हेतु  अंक नहीं लाते हैं तो आपके सिविल सेवा में आने के सपने को एक साल का और इंतजार करना पद सकता है | इस पत्र में पास होने पर ही आपके अन्य पत्रों की जांच की जायेगी | इस पत्र की तैयारी के लिए मुख्य बातें मैं संक्षेप में आपके सामने रख रहा हूँ |

वर्तमान में यह पत्र 300 अंकों का है जिसके लिए 3 घंटे का समय निर्धारित है। अर्हक अंक UPSC 2023 की नोटिफिकेशन के अनुसार 25 % है। आत्मविश्वस्त रहने के लिए इस पत्र में कम-से-कम 60 % अंक आ सके, ऐसी तैयारी रखें।  

इस पत्र के वर्तमान पैटर्न में 600 शब्दों में निबंध लिखना होता है जिसकी तैयारी आपको अलग से करने की कोई आवश्यकता नहीं। इसके लिए 100 अंक हैं।   यह निबंध पत्र की तैयारी के साथ स्वयमेव तैयार हो जायेगा। वर्ष 2022 में सामान्य हिंदी पत्र में पूछे निबंध इस प्रकार हैं -
नवीकरणीय ऊर्जा - संभावनाएं एवं चुनौतियां 
संचार क्रांति का महत्त्व 
खेलों का बढ़ता व्यवसायीकरण 
खान-पान का स्वास्थ्य पर प्रभाव 

फिर , 60  अंकों के गद्यांश आधारित प्रश्न हैं जिन्हें बनाने में ज्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए। सामान्यतः, यदि आप अच्छे पाठक हैं तो ये प्रश्न आपके लिए चुटकी बजाते हल होनेवाले हैं। और, प्रारंभिक परीक्षा में सी-सैट  में भी आप गद्यांश आधारित प्रश्नों की तैयारी कर चुके होते हैं। 

अगला खंड है दिए गए गद्यांश का एक तिहाई शब्दों में संक्षेपण लिखने का। इसके लिए भी 60  अंकों का प्रावधान है। इसके लिए थोड़ा अभ्यास वांछनीय हैं। 

फिर 20 अंकों का अंग्रेजी से हिंदी और 20 अंकों का  हिंदी  से अंग्रेजी अनुवाद है। यह खंड कुछ विद्यार्थियों को थोड़ा भारी लग सकता है पर चूँकि यह पत्र क्वालीफाइंग है, इसलिए किसी कमजोर खंड को  लेकर आप फ़िलहाल तनावग्रस्त न हों।  हालांकि, वर्तमान में संपर्क भाषा के तौर पर ठीक-ठाक अंग्रेजी जानना आपके आत्मविश्वास के लिए अच्छा है। 

इसके बाद का 40 अंकों का खंड हिंदी व्याकरण का है। मुहावरों का वाक्य में प्रयोग, वाक्यों को शुद्ध करके लिखने जैसे सवाल, पर्यायवाची शब्द, श्रुति सम भिन्नार्थक शब्दों के वाक्य प्रयोग द्वारा अर्थान्तर  स्पष्ट करने जैसे 10-10 अंको के चार सवाल आते हैं।

इस पत्र की तैयारी के लिए डॉ वासुदेवनन्दन  प्रसाद की आधुनिक हिंदी व्याकरण और रचना या कोई भी अन्य समकक्ष हिंदी व्याकरण एवं रचना की पुस्तक ली जा सकती है। पुस्तक से सब कुछ तैयार करने की जगह निर्धारित पाठ्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करें।   

कुल मिलाकर हिंदी भाषी विद्यार्थियों के लिए यह एक सरल पत्र है। मगर इसको हलके में लेने की भूल मत करें।  अगर इस पत्र में पास मार्क नहीं, तो आपके सिविल सेवा का सपना टूट सकता है। 



रविवार, 2 जुलाई 2023

IAS @ हिंदी माध्यम -पुस्तक के रूप में



अपनी पहली पुस्तक को आप सबों को हाथों में सौंपने में मुझे अतीव आह्लाद का अनुभव हो रहा है।  यह पुस्तक इस  ब्लॉग पर आप सबों के साथ और प्यार से प्रेरित है।  आशा है की पुस्तक को आप सबों का प्यार प्राप्त होगा।  पुस्तक अमेज़न और प्रभात प्रकाशन के प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं के पास उपलब्ध है।  अमेज़न पर पुस्तक का लिंक निम्नवत है -

https://amzn.eu/d/6ilYWuO 


आपका, 

केशवेंद्र कुमार 



शनिवार, 24 दिसंबर 2022

UPSC CIVIL SERVICE INTERVIEW 2022

 सिविल सेवा 2022  की मुख्य परीक्षा का परिणाम एवं साक्षात्कार की तिथि  आ चुकी  है | ।  30.01.2023 से ही साक्षात्कार शुरू हो रहे हैं और इसी थोड़े समय में आपको अपने व्यक्तित्व में धार लगानी है। आपको साक्षात्कार बोर्ड के सामने अपने आपको सम्पूर्णता में सामने रखना है अपनी मानवीय खूबियों-खामियों के साथ। मेरी सलाह यही है की चिंता में अपना सर खुजाने की जगह उपरवाले का शुक्रिया अदा करते हुए आगे की तैयारियों में जुट जाये। 

साक्षात्कार की तैयारी के समय सिविल सेवा परीक्षा की नोटिफिकेशन से साक्षात्कार के सम्बन्ध में दिए निर्देश को अपने दिशासूचक की तरह प्रयोग करें  | ये निर्देश इस प्रकार हैं -

अ)उम्मीदवार  का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार का बायोडाटा होगा | उससे सामान्य रूचि की बातों पर प्रश्न पूछे जायेंगे | साक्षात्कार का उद्देश्य यह जानना है की उम्मीदवार लोकसेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं | यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक क्षमता को जांचने के अभिप्राय से की जाती है | मोटे तौर पर इस परीक्षा का प्रयोजन न केवल उसके बौध्दिक गुणों को वरन सामाजिक लक्षणों को और सामाजिक घटनाओं में उसकी रूचि  का भी  मूल्याङ्कन करना  है | इसमें उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति, स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति, संतुलित निर्णय की शक्ति, रूचि की विविधता और गहराई, नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता, बौधिक और नैतिक ईमानदारी की भी जांच की जा सकती है |

आ) साक्षात्कार की प्रणाली क्रॉस-एग्जामिनेशन की नहीं वरन स्वाभाविक वार्तालाप की प्रक्रिया द्वारा उम्मीदवार के मानसिक गुणों का पता लगाने का प्रयत्न किया जाता है | परन्तु, वह वार्तालाप एक विशेष दिशा में एवं एक विशेष प्रयोजन से होता है |

इ) साक्षात्कार उम्मीदवार के सामान्य या विशेष ज्ञान की परीक्षा के लिए नहीं होता क्यूंकि उनकी जांच लिखित प्रश्न पत्रों में पहले ही हो जाती है | उम्मीदवारों से आशा की जाती है की वो ना केवल अपने शैक्षणिक विशेष विषयों में पारंगत हो बल्कि उन घटनाओं पर भी ध्यान दें जो उनके चारों और अपने राज्य या देश के भीतर और बाहर घट रही हैं, तथा आधुनिक विचारधारा और नई-नई खोजों में भी रूचि लें जो की किसी सुशिक्षित युवा में जिज्ञासा पैदा कर सकती है |"


साक्षात्कार की औपचारिकताओं से मैं इस लेख की शुरुआत करना चाहूँगा | ये चीजें महत्वपूर्ण है पर बहुत ज्यादा नहीं।  साक्षात्कार बोर्ड के लोग आप सिविल सेवा के लिए कितने उपयुक्त है, इसे जांचने-परखने के लिए बैठे हैं।  इसलिए आपके अन्दर क्या है, यह उनके लिए ज्यादा मायने रखता है। हालांकि, बाहरी व्यक्तित्व भी गरिमामय हो, इस बात का ध्यान रखना जरुरी है। 

1.औपचारिकताए-- साक्षात्कार के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के सारे सर्टिफिकेट करीने से रखें | जाति प्रमाणपत्र (अगर आप अनुसूचित जाति/ जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं ),  अपने नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र (अगर आप वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं ) और साक्षात्कार फॉर्म में दिए अन्य निर्दिष्ट प्रमाण पत्र साथ में रखना ना भूलें | आपके साक्षात्कार से पहले आपके सर्टिफिकेट वेरीफाई किये जायेंगे |

2.वेश-भूषा -  आपका पहनावा औपचारिक एवं गरिमापूर्ण होना चाहिए | हाँ, इस बात का ध्यान रखे की आप मॉडलिंग के लिए नहीं जा रहे हैं | मैंने अपने साक्षात्कार के लिए डार्क ब्लू कलर की पैंट और उजले में महीन सोबर डिजाईन वाली शर्ट पहनी थी | टाई का प्रयोग आपकी इच्छा पर है, पर अगर आप इसके साथ आरामदेह है तो टाई का व्यवहार करे | बेल्ट और शू फॉर्मल होनी चाहिए | सबसे महत्त्वपूर्ण बात है की आप अपने साक्षात्कार के दिन के ड्रेस के साथ सहज और विश्वस्त होने चाहिए | साक्षात्कार के पहले ड्रेस को दो-तीन बार पहने | एक वैकल्पिक जोड़ा भी साथ में रखे |

3.अभिवादन -
हिंदी माध्यम से जो छात्र साक्षात्कार देने जाते हैं, उनको इस बात की सबसे ज्यादा उलझन होती है की अभिवादन में हिंदी का व्यवहार करे या प्रचलित अंग्रेजी जुमलों का | मेरी अपनी राय है की जब आप पूरा साक्षात्कार हिंदी में देने जा रहे हैं तो उसकी शुरुआत अंग्रेजी के साथ करना इस बात को दर्शाता है की आप अपनी भाषा को कमतर मानते है | कमरे में प्रवेश के समय अनुमति भी हिंदी में ही मागे- "क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ श्रीमान ?"( वैसे बहुत बार इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती है , साक्षात्कार बोर्ड गेट खुलते ही  आपका नाम पुकारते हुए आपको अन्दर आकर बैठने को कह सकता है |) अन्दर जाकर आप अपने लिए निर्दिष्ट कुर्सी के पास जाकर खड़े होकर चेहरे पर मुस्कराहट के साथ भारतीय परम्परा में साक्षात्कार बोर्ड के अध्यक्ष/अध्यक्षा एवं अन्य सदस्यों की तरफ देखते हुए हाथ जोड़ कर नमस्कार करे | सामान्यतः चेयरमैन बीच में और चार अन्य सदस्य (दो उनकी दायीं तरफ और दो बायीं तरफ ) होते हैं | आप अभिवादन करते हुए एक बार चेयरमैन को, एक बार दायीं और के दो सदस्यों को और एक बार बायीं और के दो सदस्यों को देखते हुए नमस्कार करें | सारे सदस्यों को अलग- अलग नमस्कार करने की जरुरत नहीं है | हाँ  अगर कोई महिला सदस्य हो तो आप उन्हें अलग से नमस्ते कर सकते हैं |


4.बायो-डाटा -    आप सबों की तरह मुझे भी ये शंका थी कि आप के सर्टिफिकेट और बायोडाटा साक्षात्कार कक्ष में आपके साथ रखना जरुरी है या नहीं? आपके द्वारा भरे गए विवरण के आधार पर आपका बायोडाटा साक्षात्कारकर्ताओं के पास मौजूद होता है | अतः , आप अपने बायोडाटा और सर्टिफिकेट की फाइल  एहतियात के तौर पर अपने साथ साक्षात्कार कक्ष में ले भी  सकते हैं या कक्ष के बाहर यदि उसे रखने की व्यवस्था हो तो छोड़ भी सकते हैं |  


 
तो, साक्षात्कार के दिन क्या पहनना है, किस तरह के कपड़े आपके व्यक्तित्व की सही  झलक देंगे, प्रमाणपत्र, बायोडाटा जैसी आवश्यक  औपचारिकताए 3-4  दिनों के अन्दर निपटा ले।  इनके बाद आपको अपने साक्षात्कार के केंद्र बिंदु पर ध्यान देना है। 

सबसे पहले आपने प्राथमिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के फॉर्म को भरने में जो जानकारियां भरी हैं, उनकी एक कॉपी ले अपनी एक डायरी या नोट बुक में साक्षात्कार के संभावित मुद्दों एवं  का चयन करे एवं संभावित प्रश्नों  उनका करें।

कुछ संभावित टॉपिक इस प्रकार हैं-

१. आपकी शैक्षिक पृष्ठभूमि - आपने जिस विषय से स्नातक एवं उससे ऊपर का अध्ययन किया है उसकी एक स्तरीय जानकारी होना आपके लिए जरुरी है. वर्तमान में उस विषय से जुड़े मुद्दे जो ख़बरों में हो उसकी भी जानकारी आपके लिए अनिवार्य है। साक्षात्कार बोर्ड  आपसे आपके पढ़े विषयों की  गंभीर जानकारी अपेक्षित  करता है खासकर जब वो आपका वैकल्पिक विषय भी हो। 

२. आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि - आपके माता- पिता , भाई- बहन के कार्यक्षेत्र से जुडी महत्तवपूर्ण बातें | 

३. आपका गृह राज्य- उसका इतिहास-भूगोल-राजनीति-कला-संस्कृति और वहां वर्तमान में चर्चा में रही ख़बरें जो राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रही हो।  

४. आपका गृह जिला- वहां की खास बातें, वहां का प्रशासन, अगर आपको वहां का जिला कलक्टर या पुलिस कप्तान का कार्यभार दिया जाये तो क्या बदलाव लायेंगे.

५. आपका कर्म क्षेत्र एवं  कर्म भूमि-  अगर आप किसी नौकरी में  हों तो उस नौकरी के कार्य, महत्त्व, आंकड़े, संगठन और अन्य जरुरी बातों को भी तैयार कर ले |  आप कही दुसरे राज्य में कार्य कर रहे हैं तो उस राज्य और जिले के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाना जरुरी है. जैसे पश्चिम बंगाल में  काम कर रहे लोगों के लिए विवेकानंद एवं रामकृष्ण मिशन, नक्सलवाद, बंगाल का विकास, बंगलादेशी शरणार्थियों और आप्रवासियों की समस्या जैसे मुद्दे पर विस्तृत जानकारी जरुरी है.  राजस्थान में यदि आप नौकरी कर रहे हैं  राजपूताने का इतिहास, रेगिस्तान से जुडी जानकारियां, पर्यटन, वहां के किले, जल संरक्षण जैसे बिंदु आपको जानने चाहिए | 

६,भारत के इतिहास, भूगोल, वर्तमान, भविष्य, यहाँ की कला-संस्कृति-सभ्यता- धर्म-साहित्य- प्रशासन-राजनीति जैसे मुद्दों पर आपके पास समुचित जानकारी होनी चाहिए | 

७.अंतर्राष्ट्रीय संबध -खासकर भारत के विदेश संबंधों के बारे में आपकी स्पष्ट राय होनी चाहिए. अभी खासकर इस  सम्बन्ध में कुछ अहम् मुद्दे निम्न हैं -
* G  20 की अध्यक्षता एवं महत्त्व, 
*संयुक्त राष्ट्र संघ  भारत की भूमिका,
* रूस-यूक्रेन  युद्ध और रूस -नाटो के तनाव के तृतीय विश्व  युद्ध में बदलने की सम्भावना 
*क्या भारत की रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थता और रूस से पेट्रोलियम खरीदना भारत के विदश नीति हेतु ठीक है 
* श्रीलंका का आर्थिक संकट और जन आंदोलन 
*गलवान, डोकलाम, अरुणाचल तिब्बत पर चल  रहे विवादों के बीच भारत चीन संबंध और भारत को चीन के साथ संतुलन हेतु सामरिक, आर्थिक एवं वैश्विक सम्बन्ध में क्या करना चाहिए 
* पाकिस्तान के साथ भारतीय संबंधों की वर्तमान स्थिति 
*अफगानिस्तान की  वर्तमान तालिबान  सरकार के साथ भारत के संबंध 

८.आपने सेवाओं की जो प्राथमिकता दी है, उसके स्पष्ट और तर्कपूर्ण उत्तर आपके पास होने चाहिए. और आपके उत्तरों से ऐसा नही लगना चाहिए की आप किसे सर्विस को कम करके आंक रहे हैं .
उदाहरण के लिए यदि आपकी पहली प्राथमिकता आईएएस और दूसरी आईएफएस है तो उसका कारण आपसे पूछा जा सकता है. अगर आपने कुछ अनोखी प्राथमिकताएँ दी है, तो सवाल पूछे जाने की संभावनाएं ज्यादा होती है. जैसे किसी की प्रथम चॉइस अगर IRS या आईपीएस हो तो 'क्यूँ 'का आपके पास संतोषजनक उत्तर होना चाहिए.

९. राज्यों की प्राथमिकताओं पर भी सवाल हो सकते हैं. ईमानदार जवाब काफी है. हर किसी के अपने गृह राज्य या नजदीक के राज्य या पसंद के राज्य में जाने के अपने -अपने कारण होते है. उसे विश्वस्तपूर्ण रूप में बताना काफी है. हाँ, बोर्ड को ये नही लगना चाहिए की आप समस्याग्रस्त राज्यों से भागने की चेष्टा कर रहे हैं.

१०. बजट एवं एवं भारतीय अर्थव्यवस्था  के बारे में मुख्य जानकारियां आपके पास होनी चाहिए.

११. समसामयिक मुद्दों  जैसे 
*फुटबॉल को भारत में कैसे बढ़ावा दिया  सकता है ताकि विश्व कप फुटबॉल जैसे मुकाबलों में  भारत की टीम भी हिस्सा ले सके 
*कोरोना से देश-दुनिया में आये बदलाव 
*प्राथमिक स्वस्थ्य को सुदृढ़ किये  आवश्यकता 
*जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के  प्रश्न का क्या समाधान 
*क्या क्रिप्टो करेंसी को बैन किया जाना चाहिए 
* TB के उन्मूलन की भारत की 
*  प्रशासनिक भ्रष्टाचार की रोकथाम 
*  महिलाओं के विरुद्ध  बढ़ते जघन्य  अपराध और उन्हें रोकने की  रणनीति 
 * जनांदोलन का बदलता स्वरुप 

 इन समसामयिक मुद्दों पर आपके पास एक संतुलित और तार्किक राय होनी चाहिए. अति से बचे. हमेशा ध्यान रखे की विचारों में बुध्ध के मध्यम  मार्ग का पालन हमेशा श्रेयस्कर होता है. मूल्यों पर अटल रहे पर विचारों में लचीलापन बनाये रखे. आपके खुद के विचार समय के साथ कैसे बदलते हैं , इसका विश्लेषण करने पर आप इस बात की उपयोगिता समझ पाएंगे. अपने विचारों के साथ दूसरों (बोर्ड के सदस्यों ) के विचारों का भी आदर करे और हठधर्मिता से बचे। किसी व्यक्ति, संस्था,देश,  अंतर्राष्ट्रीय संगठन, NGO के बारे  में प्रश्न होने पर सकारात्मक-नकारात्मक पहलुओं के  साथ संतुलित विचार रखें | 

१२. पाठ्येतर गतिविधियों में अगर आपकी सहभागिता रही है तो उसके बारे में पूरा जानकारी जुटा कर रखे.

१३. आपने फॉर्म में जो शौक फरमाए हैं(HOBBY) वो आपको शौक न दें, इसका ख्याल रखे. हॉबी से साक्षात्कार  में ढेर सारे सवाल आने की आशा रख सकते हैं. इसलिए, हॉबी में आपने जो- जो विषय दिए हैं, उसके बारे में आपके पास पूरी जानकारी होनी चाहिए. जैसे, अगर आपने किताबें पढना अपनी हॉबी में दिया है तो हाल में पढ़ी अच्छी किताबों के बारे में, आपके प्रिय लेखक एवं कवि के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए.  आपको साहित्यिक फेस्टिवल एवं पुस्तक मेलों के आयोजन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. हॉबी पर मैंने एक विस्तृत आलेख दिया है जिसे आप एक बार देख सकते हैं.

१४.बहुत सारे परिस्थिति वाले सवाल आपसे पूछे जा सकते हैं जैसे-
---आपके जिले  कोविड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, आप जिला पदाधिकारी के तौर पर क्या कदम उठायेंगे। 
---आपके जिले में एक  पुराना पल पुल क्षतिग्रस्त हो गया है और और वहां कई लोगों  के फंसे होने की सूचना है, आप क्या कदम उठाएंगे | 
   --अगर आप किसी नक्सल प्रभावित जिले में पोस्टेड हो तो नक्सलवाद से निपटने के लिए क्या कदम उठाएंगे?
---आपको ऐसे जिले में पोस्टिंग मिली है जहाँ पेयजल की भारी समस्या है, आप उससे कैसे निपटेंगे?
---आपके जिले में भूकंप या चक्रवात या बाढ़ जैसी कोई प्राकृतिक आपदा आने की चेतावनी मिली है. आप क्या-क्या कदम उठाएंगे?

इन सारे मुख्य विषयों पर पूछे जा सकने वालों सवालों की खुद से सूची बनाये और उनके जवाब तैयार करे।  अपने साथियों के साथ पूरी गंभीरता से छद्म साक्षात्कार की तैयारी करे।  जरुरत लगे तो कोचिंग संस्थाओं के छदम साक्षात्कार बोर्ड की सहायता भी ले सकते हैं।  पत्रिकाओं से सफल प्रतिभागियों के साक्षात्कार पढ़े। उनसे आपको साक्षात्कार में पूछे जा सकने वाले प्रश्नों की विविधता का अंदाजा लगेगा।  साक्षात्कार पर   कुछ स्तरीय बुक भी ले सकते हैं। पत्रिकाओं में कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु के साक्षात्कार वाले कॉलम और विश्लेषण से आपको काफी सहायता मिलेगी।  इसके 2 -3 सालों के अंक  साक्षात्कार एवं ग्रुप डिस्कशन के कॉलम अच्छे से पढ़ पढ़ लें। 


साक्षात्कार कक्ष में में ध्यान देने योग्य कुछ अन्य बातें -




-साक्षात्कार में नपे- तुले शब्दों में जवाब देना श्रेयस्कर है. जितना पूछा जाये, उतना ही जवाब दे।  साक्षात्कार बोर्ड के सभी सदस्यों की और देखते हुए आई कांटेक्ट बनाये रखते हुए जवाब दे। 

-चेहरे पर स्वाभाविक सहज मुस्कान बनाये रखे। चेहरे पर चिंता या घबराहट को नहीं झलकने दें।  काफी सहजता से साक्षात्कार के सहज प्रवाह में बहते चले। 

-जिस सवाल का जवाब न आता हो, ईमानदारी के साथ बोर्ड को बताये कि आपको उस सवाल का जवाब पता नहीं है। और आप उस बारे में जानकारी हासिल करेंगे। (सभी सवालों के जवाब तो गूगल को भी पता नहीं है। )  

-यथार्थोन्मुख आदर्शवाद पर चलें, ऐसे जवाब न दें जिन्हें अमली  जामा नहीं पहनाया जा सकता |  

-मानवतावाद, संविधान और नैतिक मूल्य मात्र से प्रेरित हो उनके दायरे में जवाब दें। 


अपनी तरफ से इन्ही शब्दों के साथ मैं आप लोगों की सफलता की दुआ करते हुए आप लोगों से विदा लेता हूँ. ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनाएँ.


 

गुरुवार, 6 अगस्त 2020

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का भाषिक लोकतंत्रीकरण


सिविल सेवा परीक्षा 2019 का परीक्षाफल आ चुका है और इसमें सफल सभी अभ्यर्थियों को मेरी हार्दिक बधाई | जो सफल नहीं हो सके हैं,  इस बार की प्राथमिक परीक्षा दे रहे हैं, उन्हें अपनी कमियों से सीख लेते हुए आत्मविश्लेषण कर इस वर्ष 4 अक्टूबर को होनेवाली प्राथमिक परीक्षा  के लिए पूरे जोश-खरोश से तैयारी में जुटने हेतु शुभकामनाएं | वैसे अभ्यर्थी, जिनकी पास अब प्रयास बाकी नहीं है या आयुसीमा पार कर चुके हैं, उनसे मैं कहना चाहूंगा की आप हार नहीं माने और अपनी रुचि  के अनुरूप अन्य करियर ऑप्शन पर अपनी ऊर्जा लगाएं  | जीवन हर परीक्षा से बड़ा और महत्तवपूर्ण है | हो सकता है की आप जीवन में कुछ और बड़ा काम करने हेतु आएं हो |

सिविल सेवा में हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं  के छात्रों की घटती संख्या चिंता का विषय है |  जहाँ एक और नयी शिक्षा नीति में मातृभाषा में शिक्षा देने की बात की जा रही है, वहीं दूसरी और CSAT के आगमन के बाद अंग्रेजी माध्यम और इंजीनियरिंग से सिविल सेवा में आनेवाले छात्रों का वर्चस्व बढ़ा है  जो सिविल सेवा के लोकतान्त्रिक स्वरुप और विविधता के लिए सही नहीं  है |

संविधान की 22 भाषाओं में एक या दो भाषा का सिविल सेवा में वर्चस्व यह दिखाता है की हम अभी भी सभी भारतीय भाषाओं  को सिविल सेवा परीक्षा हेतु बराबरी दिलाने के लक्ष्य से कोसों दूर है | हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु माध्यम में कुछ वर्ष काफी छात्रों ने सिविल सेवा की तैयारी  कर सफलता प्राप्त की और यह आशा बंध रही थी की सिविल सेवा परीक्षा भाषिक लोकतांत्रीकरण की और जा रही है | लेकिन फिर हाल के वर्षों में सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम समेत अन्य भारतीय भाषाओं का नगण्य प्रदर्शन यह दर्शाता है की अंग्रेजी भाषा का वर्चस्व जिसे भारतीय भाषाएं चुनौती देने की दिशा में बढ़ रही थी, पुनः पहले की भांति होता जा रहा है | मैथिली,  कोंकणी, बोडो, डोगरी, मणिपुरी, संथाली, सिंधी, नेपाली, ओड़िआ, असामीज,  जैसी भाषाओं  से यदि सिविल सेवा में रिजल्ट चाहिए तो इन भाषाओं को बोलने वाले राज्यों में राज्य सरकाओं द्वारा प्रतिभाशाली बच्चों के लिए फ्री कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए | उपरोक्त वर्णित भाषाओं के अतिरिक्त हिंदी, तमिल , उर्दू,  तेलुगु, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, काश्मीरी,  पंजाबी,  मलयालम, मराठी, संस्कृत भाषाओं के माध्यम से भी सिविल सेवा में रिजल्ट लाने और अभी आ रहे नगण्य रिजल्ट की संख्या में वृद्धि के लिए  NGO  एवं इन भाषाओं के संगठनों को भी इस दिशा में फ्री कोचिंग हेतु कदम उठाने की जरुरत है |

UPSC  को आत्ममंथन करते हुए सिविल सेवा परीक्षा में आये बदलावों पर विचार करने की जरुरत है | यह परीक्षा ऐसी होनी चाहिए की किसी भी भाषा के माध्यम से आने वाली प्रतिभा को बढ़ावा दे सके और तकनीकी या मानविकी किसी भी शैक्षिक पृष्ठभूमि से आये छात्र के लिए परीक्षा का स्तर समान हो | दो वैकल्पिक विषय को हटा सामान्य अध्ययन के अंक बढ़ाने की नीति ने इस परीक्षा का क्या भला किया है और क्या बुरा, इसपर भी विकार करने का समय आ गया है |

UPSC से यह भी अनुरोध है की सिविल सेवा परीक्षा परिणामों के बाद जल्द ही किस माध्यम से कितने छात्र उत्तीर्ण हुए है और किस शैक्षणिक पृष्ठभूमि से कितने छात्रों का चयन हुआ है , इसके तथ्यों को सामने ला दे ताकि एक सटीक विश्लेषण किया जा सके |  जिन भाषाओं को माध्यम के रूप में  लेते हुए बहुत ही काम छात्र भाग ले रहे हैं या सफल हो रहे हैं, उनके सन्दर्भ में प्रोत्साहन हेतु कदम उठाने हेतु UPSC  द्वारा केंद्र एवं सम्बद्ध राज्य सरकार को सलाह दिया जाना चाहिए | रिक्तियों की घटती संख्या भी चिंता का विषय है और यह देखने की जरुरत है की सभी सर्विस वर्तमान समय की जरुरत को देखते हुए पदों की संख्या का निर्धारण कर सभी रिक्तियों को UPSC को रिपोर्ट करें |

हिंदी में जो प्रश्न पत्र बनाये जा रहे हैं, उनकी भाषा पर हर बार बहस होती है | कहने की जरुरत नहीं है की हिंदी के प्रश्न को समझने के लिए हिंदी के विद्वानों को भी अंग्रेजी सवाल को पढ़ना पड़ जाता | इस परीक्षा में यदि सवाल अंग्रेजी से यांत्रिक रूप से अनुदित किये जाने की जगह सरल हिंदी में लिखे जाए तो इससे भी विद्यार्थियों का भला होगा |

अभ्यर्थियों को मैं यह सलाह भी देना चाहूंगा की CSAT  में 33 % अंक लाने की बाध्यता इतना बड़ा पहाड़ भी नहीं है जिसके वजह से वो हिंदी या अन्य भारतीय भाषाओं को माध्यम के रूप में चुनने की जगह मजबूरी में अंग्रेजी माध्यम का चुनाव करें | माध्यम तो बस एक साधन है, अगर आपमें प्रतिभा है, लगन है और समाज, देश और मानवता के लिए कुछ कर दिखाने का जूनून है , तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी |  हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के लिए मैं अपने ब्लॉग पर और समय निकाल कर कुछ अन्य महत्तवपूर्ण विषयों पर आपको सलाह देने की लिए नियमित रूप से हाजिर होता रहूँगा |
शुभकामनाओं के साथ,
आपका,
केशवेंद्र कुमार





मंगलवार, 9 मई 2017

FAQ- सिविल सेवा की तैयारी में लगे साथियों द्वारा बार- बार पूछे जानेवाले सवालों के जवाब

प्राथमिक एवं मुख्य  परीक्षा से संबंधित -


१.सिविल सेवा की तैयारी के लिए  हिंदी में कौन सा समाचार पत्र पढ़े ? क्या हिन्दू समाचारपत्र पढना अनिवार्य है ? 

नहीं, सिविल सेवा की अंग्रेजी माध्यम से तैयारी करनेवाले अधिकांश छात्र हिन्दू समाचारपत्र का अध्ययन करते है | यह एक अच्छा समाचारपत्र है जो समसामयिकी एवं निबंध के लिए उपयोगी है | अगर आपकी अंग्रेजी अच्छी है और आप हिन्दू पेपर पढने में कोई दिक्कत नहीं महसूस करते हैं तो इसे पढना अच्छा है | अगर आपको भाषा की दिक्कत आ रही है तो आप किसी भी अच्छे हिंदी समाचारपत्र जैसे हिंदुस्तान, प्रभात खबर, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, जनसत्ता जो की आपके राज्य में उपलब्ध है, को पढ़ सकते हैं | इतना ध्यान रखे की आपको पेपर सिविल सेवा की तैयारी के लिए पढना है| अपना ध्यान देश-विदेश की प्रमुख घटनाओं, सम्पादकीय एवं आलेखों और साक्षात्कार की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण अपने प्रदेश की घटनाओं पर केन्द्रित करें |

२. समसामयिकी - करंट अफेयर  कितने दिनों का पढ़े ?

सामान्यतः प्रारंभिक परीक्षा के सवा  वर्ष (उदहारण के लिए मई में यदि प्रारंभिक परीक्षा हो तो पिछले वर्ष की जनवरी तक)  पहले तक की समसामयिकी पर ध्यान केन्द्रित करना काफी है |

३. मैं १० वीं/ १२ वीं कक्षा में हूँ ,सिविल सेवा की तैयारी कैसे करूँ ?

--अपना ध्यान १० वीं / १२ वीं की परीक्षा अच्छे तरह से उत्तीर्ण करने पर लगाये | अपनी लेखन शैली पर ध्यान दे | अच्छी किताबें पढने की आदत डालें | समाचारपत्र के साथ कुछ पत्रिकाएँ जैसे कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु , योजना, कुरुक्षेत्र, विज्ञान प्रगति पढना अभी काफी है | स्नातक के द्वितीय या तृतीय वर्ष से गंभीरता से सिविल सेवा की तैयारी आरम्भ करना काफी है |

4. सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय में क्या पढ़े और क्या छोड़े?

--सामान्य अध्ययन एवं  वैकल्पिक विषय की तैयारी करते हुए यह बात ध्यान में रखे की आपके सिलेबस तैयार करना है और पूरी समझ के साथ, रट्टा मरकर नहीं | साथ-ही-साथ इस बात का भी ध्यान रखे की ज्ञान अनंत और अथाह है | ज्ञान प्राप्ति के लिए हम जीवन भर पढ़ सकते हैं और पढ़ते रहेंगे | अपना सारा ध्यान अभी चिड़िया की आंख अर्थात सिविल सेवा में अच्छे रैंक के साथ सफलता पाने पर लगाये | किताबों पर नहीं टॉपिक पर अपना ध्यान केन्द्रित करें | जब आप सारे टॉपिक कुछ चुनिन्दा स्तरीय पुस्तकों से तैयार कर लेते हैं तो फिर अन्य स्तरीय पुस्तकों से दुहराते हुए कोई नयी बात मिलने पर उसे नोट कर ले |

5. नोट्स बनाये या नहीं ?

-यह आपके पास उपलब्ध समय पर निर्भर करता है | संक्षिप्त एवं सटीक नोट्स बनाये जो आपको दुहराने में मदद करेगा | किसी भी विषय पर एक अच्छी किताब को मुख्य किताब के तौर पर प्रयोग करे और उस विषय पर उस किताब के अलावा कुछ भी अच्छी सामग्री मिले तो नोट्स ले ले |

६. समसामयिकी  के लिए क्या हो रणनीति ?

हिंदी के दो अच्छे समाचार पत्र संक्षेप में पढ़े, सटीक नोट लें | निबंध के लिए कुछ अच्छा मिले तो उसे अलग रख ले | दो सिविल सेवा की पत्रिकाओं (प्रतियोगिता दर्पण/ सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल/ सिविल सर्विसेज टाइम्स/कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु इत्यादि)  को पढने से लगभग काफी अंश कवर हो जाएगा | योजना एवं कुरुक्षेत्र पढ़े | बीबीसी हिंदी की वेबसाइट देखे और संक्षिप्त  नोट्स ले लें | सप्ताह में एक या दो दिन इन्टरनेट से भी प्रमुख राष्ट्रीय/ अंतर राष्ट्रीय महत्त्व की संस्थाओं के वेबसाइट से नोट्स बना ले |

७. कैसे चुने वैकल्पिक विषय-

---आपने जिस विषय से स्नातक या परास्नातक किया है, उसके पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र UPSC की वेबसाइट पर देखे, अगर संतुष्ट हैं तो उसे ही अपने वैकल्पिक विषय के रूप में रखे |
--अगर नहीं, तो फिर उपलब्ध वैकल्पिक विषयों में से अपनी रुचि के चार-पांच विषयों को छांटे | उनका पाठ्यक्रम एवं पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र UPSC की वेबसाइट पर देखे | उसमे जो आपके अच्छा लगे और सामान्य अध्ययन एवं निबंध के पत्र में भी लाभदायी लगे, उसे वैकल्पिक विषय के रूप में रखे |
--किसी भी विषय को चुनने पर आपके लिए उसके फायदे-नुकसान इस परीक्षा की तैयारी के सम्बन्ध में होंगे | तराजू के दोनों पलड़ों को देखते हुए, संतुलन बनाते हुए दृढ निर्णय ले | एक बार विषय चुनने के बाद उसे बदलना बेवकूफी होगी, इस बात का ध्यान रख अपना समय लेते हुए सही निर्णय ले | प्रशासन में आपके सही निर्णय लेने की क्षमता एक महत्त्वपूर्ण अंग है और सही वैकल्पिक विषय का चयन आपके निर्णय क्षमता का परीक्षण भी है |

८ क्या निबंध पत्र अंग्रेजी में लिखना है ?

अगर आप सिविल सेवा की परीक्षा हिंदी माध्यम में दे रहे हैं तो आप हिंदी माध्यम में निबंध लिखेंगे |

९. क्या नौकरी करते हुए आईएएस/आईपीएस/सिविल सेवा की तैयारी हो सकती है ?

बिलकुल, बहुत से लोगों ने नौकरी के साथ इस परीक्षा की तैयारी की है और मैं खुद उनमे से एक हूँ | हाँ, आपको समय का प्रबंधन अच्छे से करना होगा और नौकरी और तैयारी में सम्यक संतुलन साधना होगा | छः से आठ घंटे तक आप तैयारी के लिए निकल सके तो यह संभव है |

१०. क्या सिर्फ सिविल सेवा की तैयारी करें या उसके साथ किसी और नौकरी की तैयारी करें?

-अगर आपकी आर्थिक पृष्ठभूमि अच्छी है तो आप अपनी उच्चतर शिक्षा को जारी रखते हुए सिविल सेवा की तैयारी करें |
-अगर नहीं तो फिर बैंक/एसएससी/रेलवे/शिक्षक/लेक्चरर/ एवं ऐसी किसी भी अच्छी नौकरी की परीक्षा पर भी ध्यान दे जिसमे आने के बाद भी आप सिविल सेवा की तैयारी कर सके | पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद आप नेट/ JRF परीक्षा का भी विकल्प रख सकते हैं |

११. आईएस/आईपीएस/ सिविल सेवा के लिए क्या शैक्षणिक योग्यता चाहिए ?

किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से स्नातक में पास होना काफी है | स्नातक के अंक या डिवीज़न बाधा नहीं है, स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए |

१२. सामान्य अध्ययन की पुस्तक सूची कहाँ से मिलेगी ?
मैंने अपनी तैयारी के लिए सामान्य अध्ययन के लिए जिन पुस्तकों की सहायता ली थी, उसके बारे में मैंने विस्तार से अपने ब्लॉग पर लिखा है | यह आलेख कई लोगों यहाँ तक की कोचिंग संस्थाओं द्वारा भी काफी उद्धृत किया गया है और मेरे एवं ब्लॉग के सन्दर्भ के साथ या उसके बिना भी सोशल मीडिया में काफी शेयर भी किया गया है | इस सन्दर्भ में सिविल सेवा में हुए बदलावों के मद्देनजर कुछ परिवर्तन अपेक्षित है जिसे मैं कोरोना संकट के बाद नयी पुस्तकों एवं पत्रिकाओं की समीक्षा कर करूँगा |  अभी भी यह सूची सामान्य अध्ययन के पाठ्यक्रम को समग्रता से कवर करती है |  आलेख का लिंक निम्न है -






साक्षात्कार से संबंधित

१. साक्षात्कार किस भाषा में दे सकते हैं ?

जिस भाषा में आपने सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा दी है, आप उस भाषा में साक्षात्कार दे सकते है | हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से सिविल सेवा मुख्य परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी उसी भाषा का चयन साक्षात्कार के लिए कर सकते हैं |

२. क्या हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले छात्रों का साक्षात्कार हिंदी में होता है ?

--जी हाँ | हाँ, बोर्ड में ऐसे एक या दो मेम्बर हो सकते हैं जिन्हें हिंदी नहीं आती हो, इसलिए अगर आप अंग्रेजी बोल और समझ लेते हैं तो और भी अच्छा है | कोई सदस्य जान बूझकर अंग्रेजी में सवाल कर सकते हैं, आप उसका जवाब हिंदी में बिंदास देने के लिए स्वतंत्र है |


३. क्या साक्षात्कार में अंग्रेजी की प्रचलित शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं ?

--ऐसे अंग्रेजी के शब्द जो हिंदी की बोलचाल में प्रचलित हैं और जिनका हिंदी में उत्तम विकल्प मौजूद नहीं है, उनके लिए अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग उचित है | उदहारण के लिए SAARC सम्मलेन  के लिए आप हिंदी में दक्षेस सम्मेलन शब्द या सार्क सम्मलेन शब्द किसी का भी उपयोग कर सकते हैं क्योंकि दोनों ही हिंदी की शब्दावली में सामान रूप से प्रचलित है |