शनिवार, 24 दिसंबर 2022

UPSC CIVIL SERVICE INTERVIEW 2022

 सिविल सेवा 2022  की मुख्य परीक्षा का परिणाम एवं साक्षात्कार की तिथि  आ चुकी  है | ।  30.01.2023 से ही साक्षात्कार शुरू हो रहे हैं और इसी थोड़े समय में आपको अपने व्यक्तित्व में धार लगानी है। आपको साक्षात्कार बोर्ड के सामने अपने आपको सम्पूर्णता में सामने रखना है अपनी मानवीय खूबियों-खामियों के साथ। मेरी सलाह यही है की चिंता में अपना सर खुजाने की जगह उपरवाले का शुक्रिया अदा करते हुए आगे की तैयारियों में जुट जाये। 

साक्षात्कार की तैयारी के समय सिविल सेवा परीक्षा की नोटिफिकेशन से साक्षात्कार के सम्बन्ध में दिए निर्देश को अपने दिशासूचक की तरह प्रयोग करें  | ये निर्देश इस प्रकार हैं -

अ)उम्मीदवार  का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार का बायोडाटा होगा | उससे सामान्य रूचि की बातों पर प्रश्न पूछे जायेंगे | साक्षात्कार का उद्देश्य यह जानना है की उम्मीदवार लोकसेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं | यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक क्षमता को जांचने के अभिप्राय से की जाती है | मोटे तौर पर इस परीक्षा का प्रयोजन न केवल उसके बौध्दिक गुणों को वरन सामाजिक लक्षणों को और सामाजिक घटनाओं में उसकी रूचि  का भी  मूल्याङ्कन करना  है | इसमें उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति, स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति, संतुलित निर्णय की शक्ति, रूचि की विविधता और गहराई, नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता, बौधिक और नैतिक ईमानदारी की भी जांच की जा सकती है |

आ) साक्षात्कार की प्रणाली क्रॉस-एग्जामिनेशन की नहीं वरन स्वाभाविक वार्तालाप की प्रक्रिया द्वारा उम्मीदवार के मानसिक गुणों का पता लगाने का प्रयत्न किया जाता है | परन्तु, वह वार्तालाप एक विशेष दिशा में एवं एक विशेष प्रयोजन से होता है |

इ) साक्षात्कार उम्मीदवार के सामान्य या विशेष ज्ञान की परीक्षा के लिए नहीं होता क्यूंकि उनकी जांच लिखित प्रश्न पत्रों में पहले ही हो जाती है | उम्मीदवारों से आशा की जाती है की वो ना केवल अपने शैक्षणिक विशेष विषयों में पारंगत हो बल्कि उन घटनाओं पर भी ध्यान दें जो उनके चारों और अपने राज्य या देश के भीतर और बाहर घट रही हैं, तथा आधुनिक विचारधारा और नई-नई खोजों में भी रूचि लें जो की किसी सुशिक्षित युवा में जिज्ञासा पैदा कर सकती है |"


साक्षात्कार की औपचारिकताओं से मैं इस लेख की शुरुआत करना चाहूँगा | ये चीजें महत्वपूर्ण है पर बहुत ज्यादा नहीं।  साक्षात्कार बोर्ड के लोग आप सिविल सेवा के लिए कितने उपयुक्त है, इसे जांचने-परखने के लिए बैठे हैं।  इसलिए आपके अन्दर क्या है, यह उनके लिए ज्यादा मायने रखता है। हालांकि, बाहरी व्यक्तित्व भी गरिमामय हो, इस बात का ध्यान रखना जरुरी है। 

1.औपचारिकताए-- साक्षात्कार के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के सारे सर्टिफिकेट करीने से रखें | जाति प्रमाणपत्र (अगर आप अनुसूचित जाति/ जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं ),  अपने नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र (अगर आप वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं ) और साक्षात्कार फॉर्म में दिए अन्य निर्दिष्ट प्रमाण पत्र साथ में रखना ना भूलें | आपके साक्षात्कार से पहले आपके सर्टिफिकेट वेरीफाई किये जायेंगे |

2.वेश-भूषा -  आपका पहनावा औपचारिक एवं गरिमापूर्ण होना चाहिए | हाँ, इस बात का ध्यान रखे की आप मॉडलिंग के लिए नहीं जा रहे हैं | मैंने अपने साक्षात्कार के लिए डार्क ब्लू कलर की पैंट और उजले में महीन सोबर डिजाईन वाली शर्ट पहनी थी | टाई का प्रयोग आपकी इच्छा पर है, पर अगर आप इसके साथ आरामदेह है तो टाई का व्यवहार करे | बेल्ट और शू फॉर्मल होनी चाहिए | सबसे महत्त्वपूर्ण बात है की आप अपने साक्षात्कार के दिन के ड्रेस के साथ सहज और विश्वस्त होने चाहिए | साक्षात्कार के पहले ड्रेस को दो-तीन बार पहने | एक वैकल्पिक जोड़ा भी साथ में रखे |

3.अभिवादन -
हिंदी माध्यम से जो छात्र साक्षात्कार देने जाते हैं, उनको इस बात की सबसे ज्यादा उलझन होती है की अभिवादन में हिंदी का व्यवहार करे या प्रचलित अंग्रेजी जुमलों का | मेरी अपनी राय है की जब आप पूरा साक्षात्कार हिंदी में देने जा रहे हैं तो उसकी शुरुआत अंग्रेजी के साथ करना इस बात को दर्शाता है की आप अपनी भाषा को कमतर मानते है | कमरे में प्रवेश के समय अनुमति भी हिंदी में ही मागे- "क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ श्रीमान ?"( वैसे बहुत बार इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती है , साक्षात्कार बोर्ड गेट खुलते ही  आपका नाम पुकारते हुए आपको अन्दर आकर बैठने को कह सकता है |) अन्दर जाकर आप अपने लिए निर्दिष्ट कुर्सी के पास जाकर खड़े होकर चेहरे पर मुस्कराहट के साथ भारतीय परम्परा में साक्षात्कार बोर्ड के अध्यक्ष/अध्यक्षा एवं अन्य सदस्यों की तरफ देखते हुए हाथ जोड़ कर नमस्कार करे | सामान्यतः चेयरमैन बीच में और चार अन्य सदस्य (दो उनकी दायीं तरफ और दो बायीं तरफ ) होते हैं | आप अभिवादन करते हुए एक बार चेयरमैन को, एक बार दायीं और के दो सदस्यों को और एक बार बायीं और के दो सदस्यों को देखते हुए नमस्कार करें | सारे सदस्यों को अलग- अलग नमस्कार करने की जरुरत नहीं है | हाँ  अगर कोई महिला सदस्य हो तो आप उन्हें अलग से नमस्ते कर सकते हैं |


4.बायो-डाटा -    आप सबों की तरह मुझे भी ये शंका थी कि आप के सर्टिफिकेट और बायोडाटा साक्षात्कार कक्ष में आपके साथ रखना जरुरी है या नहीं? आपके द्वारा भरे गए विवरण के आधार पर आपका बायोडाटा साक्षात्कारकर्ताओं के पास मौजूद होता है | अतः , आप अपने बायोडाटा और सर्टिफिकेट की फाइल  एहतियात के तौर पर अपने साथ साक्षात्कार कक्ष में ले भी  सकते हैं या कक्ष के बाहर यदि उसे रखने की व्यवस्था हो तो छोड़ भी सकते हैं |  


 
तो, साक्षात्कार के दिन क्या पहनना है, किस तरह के कपड़े आपके व्यक्तित्व की सही  झलक देंगे, प्रमाणपत्र, बायोडाटा जैसी आवश्यक  औपचारिकताए 3-4  दिनों के अन्दर निपटा ले।  इनके बाद आपको अपने साक्षात्कार के केंद्र बिंदु पर ध्यान देना है। 

सबसे पहले आपने प्राथमिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के फॉर्म को भरने में जो जानकारियां भरी हैं, उनकी एक कॉपी ले अपनी एक डायरी या नोट बुक में साक्षात्कार के संभावित मुद्दों एवं  का चयन करे एवं संभावित प्रश्नों  उनका करें।

कुछ संभावित टॉपिक इस प्रकार हैं-

१. आपकी शैक्षिक पृष्ठभूमि - आपने जिस विषय से स्नातक एवं उससे ऊपर का अध्ययन किया है उसकी एक स्तरीय जानकारी होना आपके लिए जरुरी है. वर्तमान में उस विषय से जुड़े मुद्दे जो ख़बरों में हो उसकी भी जानकारी आपके लिए अनिवार्य है। साक्षात्कार बोर्ड  आपसे आपके पढ़े विषयों की  गंभीर जानकारी अपेक्षित  करता है खासकर जब वो आपका वैकल्पिक विषय भी हो। 

२. आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि - आपके माता- पिता , भाई- बहन के कार्यक्षेत्र से जुडी महत्तवपूर्ण बातें | 

३. आपका गृह राज्य- उसका इतिहास-भूगोल-राजनीति-कला-संस्कृति और वहां वर्तमान में चर्चा में रही ख़बरें जो राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रही हो।  

४. आपका गृह जिला- वहां की खास बातें, वहां का प्रशासन, अगर आपको वहां का जिला कलक्टर या पुलिस कप्तान का कार्यभार दिया जाये तो क्या बदलाव लायेंगे.

५. आपका कर्म क्षेत्र एवं  कर्म भूमि-  अगर आप किसी नौकरी में  हों तो उस नौकरी के कार्य, महत्त्व, आंकड़े, संगठन और अन्य जरुरी बातों को भी तैयार कर ले |  आप कही दुसरे राज्य में कार्य कर रहे हैं तो उस राज्य और जिले के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाना जरुरी है. जैसे पश्चिम बंगाल में  काम कर रहे लोगों के लिए विवेकानंद एवं रामकृष्ण मिशन, नक्सलवाद, बंगाल का विकास, बंगलादेशी शरणार्थियों और आप्रवासियों की समस्या जैसे मुद्दे पर विस्तृत जानकारी जरुरी है.  राजस्थान में यदि आप नौकरी कर रहे हैं  राजपूताने का इतिहास, रेगिस्तान से जुडी जानकारियां, पर्यटन, वहां के किले, जल संरक्षण जैसे बिंदु आपको जानने चाहिए | 

६,भारत के इतिहास, भूगोल, वर्तमान, भविष्य, यहाँ की कला-संस्कृति-सभ्यता- धर्म-साहित्य- प्रशासन-राजनीति जैसे मुद्दों पर आपके पास समुचित जानकारी होनी चाहिए | 

७.अंतर्राष्ट्रीय संबध -खासकर भारत के विदेश संबंधों के बारे में आपकी स्पष्ट राय होनी चाहिए. अभी खासकर इस  सम्बन्ध में कुछ अहम् मुद्दे निम्न हैं -
* G  20 की अध्यक्षता एवं महत्त्व, 
*संयुक्त राष्ट्र संघ  भारत की भूमिका,
* रूस-यूक्रेन  युद्ध और रूस -नाटो के तनाव के तृतीय विश्व  युद्ध में बदलने की सम्भावना 
*क्या भारत की रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थता और रूस से पेट्रोलियम खरीदना भारत के विदश नीति हेतु ठीक है 
* श्रीलंका का आर्थिक संकट और जन आंदोलन 
*गलवान, डोकलाम, अरुणाचल तिब्बत पर चल  रहे विवादों के बीच भारत चीन संबंध और भारत को चीन के साथ संतुलन हेतु सामरिक, आर्थिक एवं वैश्विक सम्बन्ध में क्या करना चाहिए 
* पाकिस्तान के साथ भारतीय संबंधों की वर्तमान स्थिति 
*अफगानिस्तान की  वर्तमान तालिबान  सरकार के साथ भारत के संबंध 

८.आपने सेवाओं की जो प्राथमिकता दी है, उसके स्पष्ट और तर्कपूर्ण उत्तर आपके पास होने चाहिए. और आपके उत्तरों से ऐसा नही लगना चाहिए की आप किसे सर्विस को कम करके आंक रहे हैं .
उदाहरण के लिए यदि आपकी पहली प्राथमिकता आईएएस और दूसरी आईएफएस है तो उसका कारण आपसे पूछा जा सकता है. अगर आपने कुछ अनोखी प्राथमिकताएँ दी है, तो सवाल पूछे जाने की संभावनाएं ज्यादा होती है. जैसे किसी की प्रथम चॉइस अगर IRS या आईपीएस हो तो 'क्यूँ 'का आपके पास संतोषजनक उत्तर होना चाहिए.

९. राज्यों की प्राथमिकताओं पर भी सवाल हो सकते हैं. ईमानदार जवाब काफी है. हर किसी के अपने गृह राज्य या नजदीक के राज्य या पसंद के राज्य में जाने के अपने -अपने कारण होते है. उसे विश्वस्तपूर्ण रूप में बताना काफी है. हाँ, बोर्ड को ये नही लगना चाहिए की आप समस्याग्रस्त राज्यों से भागने की चेष्टा कर रहे हैं.

१०. बजट एवं एवं भारतीय अर्थव्यवस्था  के बारे में मुख्य जानकारियां आपके पास होनी चाहिए.

११. समसामयिक मुद्दों  जैसे 
*फुटबॉल को भारत में कैसे बढ़ावा दिया  सकता है ताकि विश्व कप फुटबॉल जैसे मुकाबलों में  भारत की टीम भी हिस्सा ले सके 
*कोरोना से देश-दुनिया में आये बदलाव 
*प्राथमिक स्वस्थ्य को सुदृढ़ किये  आवश्यकता 
*जेल में बंद विचाराधीन कैदियों के  प्रश्न का क्या समाधान 
*क्या क्रिप्टो करेंसी को बैन किया जाना चाहिए 
* TB के उन्मूलन की भारत की 
*  प्रशासनिक भ्रष्टाचार की रोकथाम 
*  महिलाओं के विरुद्ध  बढ़ते जघन्य  अपराध और उन्हें रोकने की  रणनीति 
 * जनांदोलन का बदलता स्वरुप 

 इन समसामयिक मुद्दों पर आपके पास एक संतुलित और तार्किक राय होनी चाहिए. अति से बचे. हमेशा ध्यान रखे की विचारों में बुध्ध के मध्यम  मार्ग का पालन हमेशा श्रेयस्कर होता है. मूल्यों पर अटल रहे पर विचारों में लचीलापन बनाये रखे. आपके खुद के विचार समय के साथ कैसे बदलते हैं , इसका विश्लेषण करने पर आप इस बात की उपयोगिता समझ पाएंगे. अपने विचारों के साथ दूसरों (बोर्ड के सदस्यों ) के विचारों का भी आदर करे और हठधर्मिता से बचे। किसी व्यक्ति, संस्था,देश,  अंतर्राष्ट्रीय संगठन, NGO के बारे  में प्रश्न होने पर सकारात्मक-नकारात्मक पहलुओं के  साथ संतुलित विचार रखें | 

१२. पाठ्येतर गतिविधियों में अगर आपकी सहभागिता रही है तो उसके बारे में पूरा जानकारी जुटा कर रखे.

१३. आपने फॉर्म में जो शौक फरमाए हैं(HOBBY) वो आपको शौक न दें, इसका ख्याल रखे. हॉबी से साक्षात्कार  में ढेर सारे सवाल आने की आशा रख सकते हैं. इसलिए, हॉबी में आपने जो- जो विषय दिए हैं, उसके बारे में आपके पास पूरी जानकारी होनी चाहिए. जैसे, अगर आपने किताबें पढना अपनी हॉबी में दिया है तो हाल में पढ़ी अच्छी किताबों के बारे में, आपके प्रिय लेखक एवं कवि के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए.  आपको साहित्यिक फेस्टिवल एवं पुस्तक मेलों के आयोजन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. हॉबी पर मैंने एक विस्तृत आलेख दिया है जिसे आप एक बार देख सकते हैं.

१४.बहुत सारे परिस्थिति वाले सवाल आपसे पूछे जा सकते हैं जैसे-
---आपके जिले  कोविड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, आप जिला पदाधिकारी के तौर पर क्या कदम उठायेंगे। 
---आपके जिले में एक  पुराना पल पुल क्षतिग्रस्त हो गया है और और वहां कई लोगों  के फंसे होने की सूचना है, आप क्या कदम उठाएंगे | 
   --अगर आप किसी नक्सल प्रभावित जिले में पोस्टेड हो तो नक्सलवाद से निपटने के लिए क्या कदम उठाएंगे?
---आपको ऐसे जिले में पोस्टिंग मिली है जहाँ पेयजल की भारी समस्या है, आप उससे कैसे निपटेंगे?
---आपके जिले में भूकंप या चक्रवात या बाढ़ जैसी कोई प्राकृतिक आपदा आने की चेतावनी मिली है. आप क्या-क्या कदम उठाएंगे?

इन सारे मुख्य विषयों पर पूछे जा सकने वालों सवालों की खुद से सूची बनाये और उनके जवाब तैयार करे।  अपने साथियों के साथ पूरी गंभीरता से छद्म साक्षात्कार की तैयारी करे।  जरुरत लगे तो कोचिंग संस्थाओं के छदम साक्षात्कार बोर्ड की सहायता भी ले सकते हैं।  पत्रिकाओं से सफल प्रतिभागियों के साक्षात्कार पढ़े। उनसे आपको साक्षात्कार में पूछे जा सकने वाले प्रश्नों की विविधता का अंदाजा लगेगा।  साक्षात्कार पर   कुछ स्तरीय बुक भी ले सकते हैं। पत्रिकाओं में कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु के साक्षात्कार वाले कॉलम और विश्लेषण से आपको काफी सहायता मिलेगी।  इसके 2 -3 सालों के अंक  साक्षात्कार एवं ग्रुप डिस्कशन के कॉलम अच्छे से पढ़ पढ़ लें। 


साक्षात्कार कक्ष में में ध्यान देने योग्य कुछ अन्य बातें -




-साक्षात्कार में नपे- तुले शब्दों में जवाब देना श्रेयस्कर है. जितना पूछा जाये, उतना ही जवाब दे।  साक्षात्कार बोर्ड के सभी सदस्यों की और देखते हुए आई कांटेक्ट बनाये रखते हुए जवाब दे। 

-चेहरे पर स्वाभाविक सहज मुस्कान बनाये रखे। चेहरे पर चिंता या घबराहट को नहीं झलकने दें।  काफी सहजता से साक्षात्कार के सहज प्रवाह में बहते चले। 

-जिस सवाल का जवाब न आता हो, ईमानदारी के साथ बोर्ड को बताये कि आपको उस सवाल का जवाब पता नहीं है। और आप उस बारे में जानकारी हासिल करेंगे। (सभी सवालों के जवाब तो गूगल को भी पता नहीं है। )  

-यथार्थोन्मुख आदर्शवाद पर चलें, ऐसे जवाब न दें जिन्हें अमली  जामा नहीं पहनाया जा सकता |  

-मानवतावाद, संविधान और नैतिक मूल्य मात्र से प्रेरित हो उनके दायरे में जवाब दें। 


अपनी तरफ से इन्ही शब्दों के साथ मैं आप लोगों की सफलता की दुआ करते हुए आप लोगों से विदा लेता हूँ. ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनाएँ.


 

मंगलवार, 12 अप्रैल 2022

शिशु मृत्यु दर में सतत विकास लक्ष्य की केरल की मैराथन दौड़

किसी भी देश के लिए शिशु मृत्यु दर यानि प्रति एक हजार जीवित जन्मे शिशुओं में एक वर्ष के समय में होने वाली मृत्यु की संख्या उसके सामाजिक विकास को दर्शाने का एक अहम  मापदंड है | भारत सरकार  रजिस्ट्रार जनरल का कार्यालय इस आंकड़ें का का वार्षिक आकलन करता है | भारत के लिए वर्ष 2018 में शिशु मृत्यु दर 32 से घटकर 30 पर पहुंची है | बड़े राज्यों में बिहार अच्छा प्रदर्शन करते हुए 32 से घटकर 29 के आंकड़े पर पहुंचा है | यह पहली बार है की बिहार की शिशु मृत्यु दर भारत से बेहतर हुई है और यह सतत विकास लक्ष्य की समयबद्ध प्राप्ति के लिए पूरे देश को आशाजनक आश्वस्ति देता है | बिहार के बारे में यह बात भी काफी अच्छी है की शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर में बस दो अंकों का अंतर है | शहरी क्षेत्र के लिए जहाँ यह दर 27 है, वही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह दर 29 है | 

सैंपल रजिस्ट्रेशन बुलेटिन अक्टूबर 2021 में जारी हुई है और बड़े राज्यों में केरल ने शानदार उपलब्धि दर्ज करते हुए शिशु मृत्यु दर को 6 पर लाने का कारनामा कर दिखाया है |  सतत विकास लक्ष्य के इस महत्तवपूर्ण पड़ाव को 11 वर्ष पहले हासिल करके केरल ने भारत के अन्य बड़े राज्यों के लिए एक मिसाल पेश की है | केरल की यह यात्रा एक मैराथॉन  यात्रा रही है | एक समय वह भी था जब केरल की शिशु मृत्यु दर 13 के आंकड़े से नीचे आने का नाम ही नहीं ले रही थी | यह वह समय था जब लोग केरल में सवाल पूछ रहे थे की शिशु मृत्यु दर को एक अंक में लाने का केरल का सपना क्या सपना ही रह जायेगा | 


केरल की  इस उपलब्धि के पीछे क्या-क्या आधारभूत कारण रहे हैं, इस पर इस आलेख में विस्तार से चर्चा करना चाहूंगा | 

राज्य आधारित सतत विकास लक्ष्य  

सतत विकास लक्ष्यों में केरल अन्य भारतीय राज्यों की तुलना में काफी आरामदेह स्थिति में था | ऐसे में स्वास्थ्य की टीम ने मिलकर स्वास्थ्य सचिव राजीव सदानंदन के नेतृत्व में केरल के अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज विशेषज्ञों के टीम वर्क द्वारा केरल केंद्रित चुनौतीपूर्ण सतत विकास लक्ष्यों का निर्धारण किया | इसने पूरी टीम को एक लक्ष्य दिया जिसको प्राप्त करना श्रमसाध्य था और साथ ही रोमांचक भी था | शिशु मृत्यु दर का लक्ष्य 2020 तक 8 एवं वर्ष 2030 तक 6 का लक्ष्य निर्धारित किया गया था | 


लक्ष्य का क्रियान्वयन 

शिशु मृत्यु दर को तीव्र गति से कम करने के लिए स्वास्थ्य सचिव के स्तर पर सभी विशेषज्ञों एवं सम्बद्ध लोगों के साथ टास्क फाॅर्स का गठन किया गया था | प्रति माह की आवृति में होनेवाली इसकी बैठक ने द्रुत गति से शिशु मृत्यु दर में कमी में एक बड़ी भूमिका निभायी | स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य निदेशालय, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशालय, SHSRC, शिशु रोग विशेषज्ञों  संगठन IAP , यूनिसेफ एवं अन्य सभी सम्बद्ध लोगों ने इस लक्ष्य के प्रति अपना पूरा सहयोग और समर्पण दिया | 

राज्य  में सभी शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग और जिला एवं राज्य स्तर पर गोपनीय शिशु मृत्यु लेखा को कार्यक्षम बनाया गया ताकि कोई भी शिशु मृत्यु रिपोर्टिंग से न छूटने पाए |  इसके लिए जन्म पंजीयन के आंकड़े एवं आशा द्वारा भी आंकड़ों की पुष्टि की प्रकिया अपनाई गयी |  गोपनीय शिशु मृत्यु लेखा का उद्देश्य था की इससे प्राप्त सीख को सरकारी एवं निजी अस्पतालों के डॉक्टरों, कर्मचारियों के प्रशिक्षण में उपयोग में लाया जाए |  इसने शिशु मृत्यु दर के प्रति सभी स्तरों पर गंभीरता लायी | 


केरल के शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव, लोगों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता, टीकाकरण की उच्च दर, गुणवत्तापूर्ण गर्भावस्था जांच इन सब घटकों ने भी वहां के शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम् योगदान दिया है | साथ ही राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को रोगी केंद्रित करने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अधिक सुविधा, अधिक डॉक्टर, स्टाफ नर्स के साथ फैमिली हेल्थ सेंटर में बदलने के निर्णय ने भी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की सुविधाओं में बड़ा परिवर्तन लाने में योगदान दिया | 

दो अन्य कार्यक्रम जिसने इस उपलब्धि को पाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई वो हैं हृदय की गंभीर आनुवंशिक बीमारी से ग्रसित (CHD) बच्चों के ईलाज हेतु हृदयम कार्यक्रम एवं समग्र नवजात  शिशु स्वास्थ्य जाँच के कार्यक्रम शलभं  | इन दोनों कार्यक्रमों ने पूरे देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा | इन दोनों नवाचारों ने शिशु मृत्यु दर को तेजी से घटाने में अहम् भूमिका निभायी |  

केरल की यह उपलब्धि आशान्वित करती है की केरल के साथ पूरे देश में शिशु स्वास्थ्य में क्रन्तिकारी बदलाव संभव है, बस रणनीति सही होनी चाहिए | केरल स्वास्थ्य टीम  के साथ मिशन डायरेक्टर , NHM  के तौर पर इन तीन वर्षों के कार्यकाल की संतुष्टि आज भी मन को  आनंद और आत्मसंतुष्टि  देती है |  सभी राज्य यदि शिशु मृत्यु दर में कमी की रणनीति बनाकर सुचारु क्रियान्वयन करे तो सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के साथ देश के विकास में भी अहम् भूमिका निभा पाएंगे |