वर्तमान में यह पत्र 300 अंकों का है जिसके लिए 3 घंटे का समय निर्धारित है। अर्हक अंक UPSC 2023 की नोटिफिकेशन के अनुसार 25 % है। आत्मविश्वस्त रहने के लिए इस पत्र में कम-से-कम 60 % अंक आ सके, ऐसी तैयारी रखें।
यह ब्लॉग हिंदी माध्यम से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लगे प्रतिभागियों के लिए है | ब्लॉग का उद्देश्य है कि हिंदी माध्यम पर अच्छी पकड़ रखने वाले लोग इस परीक्षा के लिए दुविधा रहित होकर हिंदी माध्यम का चयन करे और अच्छे रैंक के साथ इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करे |
रविवार, 24 दिसंबर 2023
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा- भारतीय भाषा प्रश्न पत्र (हिंदी )
वर्तमान में यह पत्र 300 अंकों का है जिसके लिए 3 घंटे का समय निर्धारित है। अर्हक अंक UPSC 2023 की नोटिफिकेशन के अनुसार 25 % है। आत्मविश्वस्त रहने के लिए इस पत्र में कम-से-कम 60 % अंक आ सके, ऐसी तैयारी रखें।
रविवार, 2 जुलाई 2023
IAS @ हिंदी माध्यम -पुस्तक के रूप में
अपनी पहली पुस्तक को आप सबों को हाथों में सौंपने में मुझे अतीव आह्लाद का अनुभव हो रहा है। यह पुस्तक इस ब्लॉग पर आप सबों के साथ और प्यार से प्रेरित है। आशा है की पुस्तक को आप सबों का प्यार प्राप्त होगा। पुस्तक अमेज़न और प्रभात प्रकाशन के प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं के पास उपलब्ध है। अमेज़न पर पुस्तक का लिंक निम्नवत है -
आपका,
केशवेंद्र कुमार
रविवार, 8 जनवरी 2023
DISTANCE EDUCATION से भी आप बन सकते हैं आईएएस
दोस्तों, मेरे ब्लॉग पर एक सवाल बहुत बार लोगों ने पूछा है की अगर उन्होंने IGNOU से स्नातक किया है, क्या वे IAS की परीक्षा दे सकते हैं। जवाब है हाँ। मैंने खुद स्नातक और परास्नातक की डिग्री इग्नू से ली है। विगत 15 वर्षों में बहुत से ऐसे विद्यार्थियों ने सिविल सेवा परीक्षा पास की है जिन्होंने स्नातक की डिग्री IGNOU या किसी अन्य प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त दूरस्थ शिक्षा कोर्स से की है।
Distance education too can give IAS officers
UPSC की वर्ष 2022 की सिविल सेवा की नोटिस से शैक्षणिक योग्यता के सम्बन्ध में प्रावधान निम्नलिखित है-
रविवार, 1 जनवरी 2023
नववर्ष 2023 में सफर चलता रहे यूं ही
सफर चलता रहे यूं ही ।
दिल मचलता रहे यूं ही ।।
मुकम्मल होने की चाहत रहे।
अधूरापन खलता रहे यूं ही ।।
हुस्न तो नूर है इलाही का ।
आशिकों को छलता रहे यूं ही ।।
तूफानों में बीच समंदर खेवे नैया।
न कोई किनारे हाथ मलता रहे यूं ही ।।
सिकंदर को भी जहां से खाली हाथ जाना है ।
चांद सितारों का अहं गलता रहे यूं ही ।।
जलेगा राख होगा फिर भी उससे आएगी खुशबू।
दिल तो दिल है, जले, जलता रहे यूं ही ।।
तीर लोहे का हो या सरकंडे का ।
तीर का मोल है, निशाने हलता रहे यूं ही ।।
दोस्तों पे प्यार हो, दुश्मनों पे वार हो ।
दुश्मन की छाती पे मूंग दलता रहे यूं ही।।
दोस्ती जज्बा है वो जिसका कोई जोड़ नहीं।
दोस्तों का बिछड़ना टलता रहे यूं ही ।
लाख नाउम्मीदी हो, अंधेरे हो
सीने में आस पलता रहे यूं ही
डूबते हुए भी छठ में जिसे पूजते हैं
नई सुबह आने को,सूरज ढलता रहे यूं ही ।।
दीप से दीप जले, हाशिए भी रौशन हो ।
अच्छा काम फलता रहे यूं ही ।।