सफर चलता रहे यूं ही ।
दिल मचलता रहे यूं ही ।।
मुकम्मल होने की चाहत रहे।
अधूरापन खलता रहे यूं ही ।।
हुस्न तो नूर है इलाही का ।
आशिकों को छलता रहे यूं ही ।।
तूफानों में बीच समंदर खेवे नैया।
न कोई किनारे हाथ मलता रहे यूं ही ।।
सिकंदर को भी जहां से खाली हाथ जाना है ।
चांद सितारों का अहं गलता रहे यूं ही ।।
जलेगा राख होगा फिर भी उससे आएगी खुशबू।
दिल तो दिल है, जले, जलता रहे यूं ही ।।
तीर लोहे का हो या सरकंडे का ।
तीर का मोल है, निशाने हलता रहे यूं ही ।।
दोस्तों पे प्यार हो, दुश्मनों पे वार हो ।
दुश्मन की छाती पे मूंग दलता रहे यूं ही।।
दोस्ती जज्बा है वो जिसका कोई जोड़ नहीं।
दोस्तों का बिछड़ना टलता रहे यूं ही ।
लाख नाउम्मीदी हो, अंधेरे हो
सीने में आस पलता रहे यूं ही
डूबते हुए भी छठ में जिसे पूजते हैं
नई सुबह आने को,सूरज ढलता रहे यूं ही ।।
दीप से दीप जले, हाशिए भी रौशन हो ।
अच्छा काम फलता रहे यूं ही ।।
नववर्ष 2023 की हार्दिक शुभमंगलकामनाएं।
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