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बुधवार, 10 मई 2017

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए दर्शन शास्त्र की पुस्तक सूची

दर्शनशास्त्र हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए काफी लोकप्रिय वैकल्पिक विषय रहा है | निबंध पत्र के लिए इसकी प्रासंगिकता और उपयोगिता को देखते हुए इसका वैकल्पिक विषय के रूप में महत्त्व और भी बढ़ गया है |  वैसे छात्र जिन्हें दर्शन में और साहित्यिक- सामाजिक समस्याओं के गहन अनुशीलन, चिंतन और समाधान खोजने में आनंद आता है और जिनकी भाषा पर अच्छी पकड़ है, वे निस्संकोच इस विषय का चयन कर सकते हैं| दर्शनशास्त्र के साथ सिविल सेवा की तैयारी  के लिए पुस्तक सूचि निम्नलिखित है-

प्रश्न पत्र १ एवं २
प्राचीन भारतीय धर्म एवं दर्शन- डॉ शिवस्वरूप सहाय-  मोतीलाल बनारसीदास प्रकाशन
भारतीय दर्शन- संपादक- डॉ नन्द किशोर देवराज - उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ
भारतीय दर्शन( दो भागों में )- डॉ राधाकृष्णन -(अनुवादक- नंदकिशोर गोभिल)- राजपाल एंड संस प्रकाशन
नीतिशास्त्र के प्रमुख सिद्धांत-डॉ डी आर जाटव- मालिक एंड कंपनी- दिल्ली
पाश्चात्य दर्शन- याकूब मसीह
समकालीन पाश्चात्य दर्शन- बी के लाल
भारतीय संस्कृति- नरेन्द्र मोहन -प्रभात प्रकाशन- नयी दिल्ली

इग्नू की बी ए एवं एम ए दर्शनशास्त्र की पुस्तकें


विस्तृत अध्ययन हेतु- (पुस्तकालय की मदद से )
दर्शन दिग्दर्शन - राहुल सांकृत्यायन- किताबघर प्रकाशन
भारतीय दर्शनशास्त्र का इतिहास -  जयदेव वेदालंकार - न्यू भारतीय बुक कारपोरेशन- नयी दिल्ली
(मध्यकालीन आचार्यों का दर्शन - आचार्य शंकर, रामानुज, आचार्य मध्व, बल्लभ और चैतन्य दर्शन )
भारतीय दर्शन का इतिहास (५ खंडो में )- डॉ सुरेन्द्रनाथ गुप्ता- राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी द्वारा अनुदित एवं प्रकाशित
भारतीय दर्शन की मूलगामी समस्याएँ- नारायण शास्त्री द्रविड़- विश्वविद्यालय प्रकाशन, सागर

वैकल्पिक विषय की तैयारी करते हुए यह बात ध्यान में रखे की आपके सिलेबस तैयार करना है और पूरी समझ के साथ, रट्टा मरकर नहीं | साथ-ही-साथ इस बात का भी ध्यान रखे की ज्ञान अनंत और अथाह है | ज्ञान प्राप्ति के लिए हम जीवन भर पढ़ सकते हैं और पढ़ते रहेंगे | अपना सारा ध्यान अभी चिड़िया की आंख अर्थात सिविल सेवा में अच्छे रैंक के साथ सफलता पाने पर लगाये | किताबों पर नहीं टॉपिक पर अपना ध्यान केन्द्रित करें | जब आप सारे टॉपिक कुछ चुनिन्दा स्तरीय पुस्तकों से तैयार कर लेते हैं तो फिर अन्य स्तरीय पुस्तकों से दुहराते हुए कोई नयी बात मिलने पर उसे नोट कर ले |
शुभकामनाओं के साथ,
केशवेन्द्र कुमार, IAS