मंगलवार, 17 नवंबर 2009

सिविल सेवा की तैयारी में कोचिंग संस्थाओं की भूमिका

सिविल सेवा की तैयारी में लगे अभ्यर्थियों के सामने ये बहुत बार सवाल उठता है की कोचिंग करे या न करे, करे तो किस कोचिंग में जाएँ? हर साल UPSC  के रिजल्ट के बाद पेपर-पत्रिकाओं  में कोचिंग संस्थाओं के बड़े -बड़े विज्ञापनों की टैग लाइन होती है-" सफलता का पर्याय, इस बार के सफल अभ्यर्थियों में आधे से ज्यादा हमारी कोचिंग से, टॉप 50 और टॉप 100  में हमारे इतने छात्र इत्यादि".  क्या वाकई ऐसा है, क्या कोचिंग सफलता दिलाने में इतने अहम् हैं, क्या कोचिंग के बिना सफलता प्राप्त नही की जा सकती, क्या सारे TOPPERS  जिनके बारे में कोचिंग संस्थान दावा करते हैं, उन्होंने उनके यहाँ से कोचिंग की होती है?

चलिए मैं अपने और अपने साथी रविकांत के उदहारण से अपनी बात को आगे बढ़ाता हूँ. हम दोनों ने सिविल सेवा की 2007 -08  की परीक्षा की तैयारी रेलवे में जॉब करते हुए साथ-साथ की थी. हमारे मन में सीधी-सीधी बात थी की हमें किसी कोचिंग संस्थान की वैशाखी की जरुरत नही और हम अपने बल-बूते तैयारी करेंगे. दूसरी बात यह भी की नौकरी की व्यस्तताओं के कारण न हमारे पास कोचिंग करने का समय था और न ही हम अपने पैसे कोचिंग में बर्बाद करना चाहते थे. सो, एक अहिन्दीभाषी राज्य पच्छिम बंगाल के सुदूर जिलों बर्धमान और बीरभूम में रेलवे में बुकिंग क्लर्क की नौकरी करते हुए हमने हिंदी माध्यम से सिविल सेवा की तैयारी की. पत्र-पत्रिकाओं की उपलब्धता का यह आलम था की मैंने लगभग सारी पत्रिकाएँ डाक से मंगाई होगी या फिर किताबों के लिए महीने-दो महीने में एक बार पटना जा कर किताबें ली. इन सब के बावजूद मैंने अपने पहले प्रयास में 45  वाँ और रविकांत ने अपने दुसरे प्रयास में 77 वाँ स्थान पाया. Interview के पहले हम लोगों ने दिल्ली में चाणक्य और Discovery संस्थान से एक-एक mock interview किया था. और रिजल्ट के बाद  की कहानी सुनिए, चाणक्य कोचिंग संस्थान ने तो शालीनता बरतते हुए अपनी पत्रिका में स्पष्ट लिखा की हम लोगों ने उनका साक्षात्कार का course किया पर discovery ने बेशर्मी की सारी हदों को पार करते हुए THE Hindu  पेपर और सिविल सेवा की सारी पत्रिकाओं में मेरी और रविकांत की फोटो तक छापते हुए हमें अपना छात्र घोषित किया. ट्रेनिंग की व्यस्तताओं के कारण मैं इस सम्बन्ध में कुछ नही कर पाया नही तो मैं उनके विरुद्ध क़ानूनी कदम उठाने की सोच रहा था. सो, 500 रूपये देकर आधे घंटे का mock interview करने से जब कोई कोचिंग उस बन्दे की सफलता को अपनी कोचिंग के प्रचार में भुनाने का साहस कर सकता है तो फिर आप इन विज्ञापनों की विश्वसनीयता को खुद जाँच सकते हैं.

आप खुद देख सकते हैं की हर साल के रिजल्ट के बाद टॉप 50 -100 की सूची में आने वाले अधिकांश छात्रों की सफलता के दावे आपको के लिए कम-से-कम 10 -15 कोचिंग संस्थान सामने आते हैं. होता है की अपनी तैयारी के क्रम में लड़के भटकते हुए कई कोचिंग्स को try करते हैं, सो अगर आप एक बार किसी कोचिंग में गए  और आपने अपनी फोटो के साथ उसका फॉर्म भर दिया तो फिर भले ही आपने एक दिन के बाद ही उस कोचिंग को छोड़ दिया हो, आपकी सफलता को भुनाने में वो कोचिंग पीछे नही रहेगा. कोचिंग कोई सेवा नही, शुद्ध व्यवसाय है मेरे भाई और ये व्यवसाय अभी करोडो का है. कोचिंग की फ़ीस को देखो तो 50000 से लेकर एक लाख या उससे भी ज्यादा चार्ज करने वाले कोचिंग आपको दिख जायेंगे.

खैर, मूल प्रश्न पर वापस लौटे, 'क्या कोचिंग किसी को आईएस बना सकते हैं?' मेरा मानना है- नहीं. जब तक आपके अन्दर वो जज्बा और जूनून नही होगा तब तक कुछ नही हो सकता. और अगर कोई बन्दा आपने भाग्य के सहारे पूरी तरह कोचिंग के सहारे आईएस बन भी जाता है तो वो आपने करियर में क्या करेगा, राम जाने. आइयें, लगे हाथो कोचिंग के लाभ और घटे पर एक निष्पक्ष विश्लेषण कर ले-

कोचिंग के लाभ-
१. अगर विज्ञान विषयों का कोई छात्र किसी बिलकुल नए मानविकी विषय को अपनाता है तो प्राम्भ में कोचिंग उसे थोड़ी मदद पहुंचा सकते हैं.
२. अगर किसी छात्र ने परीक्षा के बारे में जानने का अपना बेसिक होम वर्क पूरा नही किया है तो यह जानकारी उसे कोचिंग से मिल सकती है.
३. अगर छात्र किसी अन्तःप्रेरणा से नही बल्कि घर-समाज के दवाब में इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो कोचिंग इस परीक्षा के प्रति रुझान बनाने में उनकी मदद कर सकते हैं.
४. कोचिंग आपको एक ग्रुप से मिलाते हैं जो आपकी तरह ही आशंकाओं-आशाओं-निराशाओं के झूले में झूलता इस परीक्षा की तैयारी में लगा है.
५. कोचिंग कुछ रोमांटिक अभ्यर्थियों को लव stories बनाने के मौके भी देते हैं.

कोचिंग के नुक्सान -
१. कोचिंग आपके अभिभावकों की जेब पर एक अच्छा-खासा बोझ डालते हैं. कोचिंग ज्यादातर दिल्ली या बड़े शरों में केन्द्रित हैं सो छात्र दूर-दराज से दिल्ली में आकर छोटे-छोटे कमरों में अस्वास्थ्यकर जीवन बिताते हुए चिंता-तनाव-अवसाद की दुनिया में जीते हुए इसकी तैयारी करते हैं.
२. कोचिंग आपको शोर्ट-कट की आदत लगाते हैं, और याद रखे की यदि जिन्दगी में कुछ बड़ा करना है तो शोर्ट-कट से बचते हुए आपने रस्ते खुद तैयार करने चाहिए.
३. UPSC अपनी तरफ से कोचिंग को बढ़ावा न देने के लिए हर संभव कदम उठती है. हर साल प्रश्नपत्रों की बदलती प्रकृति  से आप देख सकते हैं की कोई भी कोचिंग इस बात का दावा नही कर सकती की क्या पूछ जा सकता है.
४. कोचिंग का एक सबसे बार घाटा है की  एक जैसे नोट्स से सैकड़ो लड़के जब परीक्षा में लिखेंगे तो अनुभवी examinor उनके नंबर काटने में कोई हिचकिचाहट नही करते हैं.
५. कोचिंग आपको स्तरीय किताबों की जगह नोट्स पढने की आदत लगाते हैं, एक्साम की बदलती प्रकृति के मद्देनजर यह बात आपकी सफलता के लिए खतरनाक हो सकती है.



अगर कोचिंग करनी ही पर जाये तो-
१. कोचिंग के नोट्स पे पूरी तरह depend नही करे, उनको सहायक सामग्री की तरह इस्तेमाल करते हुए आपने विशिष्ट नोट्स तैयार करे.
२. अपनी रचनात्मकता और विशिष्टता को कोचिंग की भीड़ में नही खोने दे.

दोस्तों, मेरा सन्देश यही है की आप खुद पर भरोसा करे, Question Bank , Syllabus , library  और स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं तथा किताबों को आपने अध्ययन की आधारशिला बनाये. कोचिंग करना, न करना आपकी पसंद, जरुरत और उनके बारे में आपकी राय पर निर्भर करता है. खुद पर और स्वाध्याय पर भरोसा करे. हमेशा याद रखे की-
                  गगन को झुका के धरा के चरणों पर धर सकता है
                  इन्सान ठान ले तो फिर क्या नही कर सकता है.

सोमवार, 21 सितंबर 2009

सिविल सेवा की तैयारी के लिए उपयोगी पत्र-पत्रिकाएँ

सिविल सेवा की तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं का योगदान बड़ा ही अहम होता है। सामान्य अध्ययन पत्र की आधी तैयारी का दारोमदार इन्ही के ऊपर होता है। इसके अलावा बहुत सारे ऐच्छिक विषयों यथा राजनीतिविज्ञान, लोकप्रशासन, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र में भी पत्र-पत्रिकाएँ आपको अद्यतन बने रहने में मदद करती हैं। निबंध पत्र में अच्छे अंक लाना पूरी तरह आपके द्वारा अच्छे पत्र-पत्रिकाओं के अध्ययन पर निर्भर है। साक्षात्कार में भी ये आपको काफी मदद पहुंचाते हैं।


तो साथियों, मैं सिविल सेवा की तैयारी में उपयोगी पत्र-पत्रिकाओं की एक संक्षिप्त सूची आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ-


समाचार पत्र:-
The Hindu
दैनिक जागरण/हिंदुस्तान/दैनिक भास्कर/प्रभात खबर



पत्रिकाएं:- (कोई दो)

प्रतियोगिता दर्पण

चाणक्या सिविल सर्विसेज टूडे

सिविल सर्विसेज क्रोनिकल

CSR (हिन्दी या अंग्रेजी)

सिविल सर्विसेज टाईम्स

अरिहंत समसामयिकी महासागर



अन्य पत्रिकाएं:- विज्ञान प्रगति

योजना

कुरुक्षेत्र

अहा, जिंदगी! (निबंध एवं सकारात्मक चिंतन हेतु)

Frontline (ऐच्छिक)/इंडिया टुडे/आउटलुक के विशिष्ट अंक



सन्दर्भ पत्रिकाएं:- मनोरमा ईयर बुक

भारत (ईयर बुक)



Question Bank (UPSC: 1988-2008) with answer

प्रारम्भिक:- अरिहंत

मुख्य:- सिविल सर्विसेज क्रोनिकल

सिविल सेवा में पाए स्वर्णिम सफलता हिंदी साहित्य के साथ

दोस्तों, साहित्य को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लेकर सिविल सेवा में सफल होने वाले छात्रों की संख्या दिन-पर-दिन बढती ही जा रही है. मेरे बैच अर्थात २००८ में आईएस में १० के आसपास ऐसे छात्र थे जिन्होंने एक विषय हिंदी साहित्य रखा था. इस विषय में अंक भी काफी अच्छे आ रहे हैं.


अब आपके मन में यह सवाल होगा की यह विषय किन छात्रों के लिए ज्यादा उपयुक्त है? यदि अपने स्नातक या स्नातकोत्तर किसी स्तर पर हिंदी साहित्य का अध्ययन किया है, या फिर हिंदी में रचनात्मक लेखन में आपकी अच्छी रूचि हो और आप किसी विषय पर अपने विचारों को सहज-सरल भाषा में प्रभावशाली रूप में अभिव्यक्त कर सकते हैं तो फिर यह विषय आपके लिए ही बना है. यह विषय सामान्य अध्ययन में तो आपको कोई फायदा नही पहुंचाता  पर निबंध पत्र में आपको काफी अच्छे नंबर लाने  में जरुर सहायता पहुंचाता है.

हिंदी विषय के लिए संक्षिप्त पुस्तक सूची है-

प्रथम पत्र

१. हिंदी भाषा : हरदेव बाहरी

२. हिंदी भाषा का विकास : गोपाल राय

३. इग्नू स्नातक व स्नातकोत्तेर के भाषा एवं साहित्येतिहास खंड के नोट्स

४. हिंदी साहित्य एवं संवेदना का विकास : रामस्वरूप चतुर्वेर्दी



द्वितीय प्रश्न पत्र

१.भारत दुर्दशा- संवेदना व शिल्पा : रेवती रमण / सिद्धनाथ कुमार

२.मोहन राकेश और अषाढ़ का एक दिन - गिरीश रस्तोगी

३.महाकाव्य से मुक्ति - रेवती रमण

४. चिंतामणि प्रकाश - रेवती रमण

५. प्रसाद और स्कदगुप्त -रेवती रमण

६. सूरदास और भ्रमरगीत सार -डॉ किशोरीलाल*

७.कबीर साखी सुधा- डॉ वासुदेव सिंह *

८.प्रेमचंद की कहानिया :सादगी का सौंदर्य शास्त्र - डॉ सदानंद शाही



* मूल पाठ्य पुस्तक खरीदने की जरुरत नहीं



ऊपर दी गई अधिकांश पुस्तके अनुपम प्रकाशन (पटना) या राजकमल या वाणी प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित है

द्वारा प्रकाशित है . .

द्वितीय प्रश्न पत्र में अन्य मूल किताबे खरीदनी हैं .

किताबों के अलावा छात्र कुछ साहित्यिक पत्रिकाएँ यथा आजकल, नया ज्ञानोदय, तद्भव, कथन, कथादेश आदि में से कोई एक या दो ,नियमित रूप से ले ककते हैं.

सिविल सेवा की तैयारी राजनीतिविज्ञान विषय के साथ

साथियों, सिविल सेवा के लिए राजनीति विज्ञान एक पसंदीदा वैकल्पिक विषय रहा है. हिंदी और अंग्रेजी, दोनों ही माध्यमों के अभ्यर्थियों ने अपनी सफलता के लिए इस विषय पर भरोसा किया है. और परीक्षा के परिणाम भी इस बात की पुष्टि करते हैं की इस विषय ने अपने चाहनेवालों को निराश नही किया है. आलोक कुमार झा, मंजू राजपाल जैसे लोगों ने दिखाया है की इस विषय को लेकर आप सफलता की दौड़ में सबसे आगे आने का ख्वाब देख सकते हैं.


इस विषय की सबसे बड़ी खासियत ये है की मुख्या परीक्षा के सामान्य अध्ययन पत्र में यह सबसे ज्यादा मदद पहुँचने वाला वैकल्पिक विषय है. पहले पत्र में भारतीय संविधान और राज्यव्यवस्था खंड तथा दुसरे पत्र में अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध एवं भारत के विश्व सम्बन्ध खंड के लगभग २०० अंक के सामान्य अध्ययन के प्रश्न इस वैकल्पिक विषय के छात्रों के लिए खुद-ब-खुद तैयार हो जाते हैं. इसके अलावा भारत का स्वाधीनता संग्राम एवं अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था खंड के भी ५०-६० अंक के प्रश्न को यह विषय अपने में समेटे हुए है. प्राम्भिक परीक्षा में भी सामान्य अध्ययन के १५-२० प्रश्न इस वैकल्पिक विषय से कवर हो जाते हैं .

अब प्रश्न उठता है की कैसे अभ्यर्थियों के लिए यह विषय उपयुक्त है? मेरा मानना है कि वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने राजनीति विज्ञान का किसी भी स्तर पर अध्ययन किया है, उनके लिए यह एक स्वाभाविक पसंद है. साथ ही वैसे लोग जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध में काफी रूचि है और जो भारतीय प्रशाशन की बारीकियों के अध्ययन में दिलचस्पी रखते हैं, उनके लिए यह अच्छा विषय है.



राजनीति विज्ञान

प्रथम प्रश्न पत्र



१.राजनीतिक सिद्धांत की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
या
समकालीन राजनीतिक सिद्धांत - जे सी जौहरी -स्टर्लिंग पब्लिकेशन

२.राजनीतिक चिंतन की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन


३.भारतीय प्रशासन एवं राजनीति (राज्यों की राजनीति सहित) - बी एल फाडिया - प्रतियोगिता साहित्य

४.संविधान - डी डी बासु/ सुभाष कश्यप

५.संसद - सुभाष कश्यप

६.राजनीति विज्ञान - NCERT - XI, XII





द्वितीय प्रश्न पत्र  हेतु-


१. तुलनात्मक राजनीति एवं राजनीतिक संस्थाएं - सी बी गेना - विकास पब्लिशिंग हाउस
                                या
तुलनात्मक राजनीति की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन

                                 या
तुलनात्मक राजनीति- जे सी जोहरी - स्टर्लिंग पब्लिकेशन



२.अंतर्राष्ट्रीय राजनीति (सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पक्ष)- बी एल फाडिया - प्रतियोगिता साहित्य

३.अंतर्राष्ट्रीय संगठन - पुष्पेश पन्त - TMH

४.अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध - वी एन खन्ना - विकास पब्लिशिंग हाउस , नयी दिल्ली

५. २१ वीं शताब्दी में अन्तर सम्बन्ध - पुष्पेश पन्त - TMH





The Hindu से अन्तर सम्बन्ध पर नोट्स

Frontline से नोट्स

IGNOU political science book of BA &; MA

सिविल सेवा के लिए निकलनेवाली स्तरीय पत्रिकाओं के अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध विशेषांक



किताबों की यह सूची मात्र सांकेतिक है, अभी हिंदी माध्यम में राजनीतिविज्ञान के हर अंग पर दो-चार अच्छी किताबें उपलब् हैं. हाँ, ये किताबें आपके पाठ्यक्रम को पूरा कवर कर लेती हैं. उसके बाद आप अन्य उपलब्ध पुस्तकों को देख कर ये जान सकते हैं की आपको उनकी जरुरत है या नही.

शुभकामनाओं के साथ,

केशव

शनिवार, 22 अगस्त 2009

सिविल सेवा सामान्य-अधययन पत्र केलिए पुस्तक सूची

साथियों, सिविल सेवा के लिए सामान्य अधययन पत्र की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकों की सूची मैं यहाँ दे रहा हूँ। यह सूची प्राम्भिक एवं मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम को आच्छादित करती है। हाँ, पर यह सूची बस सांकेतिक है, एक-एक विषय पर अभी ३-४ स्तरीय किताबें उपलब्ध हैं, आपको उस बुक को चुनना है जो आपको पढने और समझने में अच्छी लग रही हो। आपको यह ध्यान में रखना है की आपको सिलेबस तैयार करना है न की किताबे। किताबो से वे ही चैप्टर पढ़े जो सिलेबस में पढने हो।
एक बार सिलेबस को समाप्त करने के बाद आप किसी भी नई किताब को देखकर यह पता कर सकते हैं की उसमे आपके कामका और कुछ है या नही। वैसे NCERT की ९,१०,११,१२ क्लास की किताबों को आप आंख मूंदकर सामान्य अधययन का आधार बनाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं.
१.इतिहास हेतु
-आधुनिक भारत- यशपाल एवं ग्रोवर
-स्वाधीनता संग्राम-विपिन चंद्र
-आजादी के बाद का भारत- विपिन चंद्र
-प्रतियोगिता दर्पण -कला-संस्कृति अतिरिक्तांक
-प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत- प.द.अतिरिक्तांक (सिर्फ़ प्रारंभिक परीक्षा हेतु)

२.भूगोल हेतु

-Atlas- Oxford Student's Atlas या हिमालय एटलस
-११ एवं १२ की NCERT की बुक या भारत का भूगोल-खुल्लर
-प्रतियोगिता दर्पण भूगोल अतिरिक्तांक प्राम्भिक परीक्षा के लिए

३.प्रशासन एवं संविधान
-भारतीय राज्यव्यवस्था-लक्ष्मीकांत
-हमारा संविधान- सुभाष कश्यप या बासु

४.अर्थशास्त्र एवं भारतीय अर्थव्यवस्था
-प्रतियोगिता दर्पण का भारतीय अर्थव्यवस्था अतिरिक्तांक
-भारतीय अर्थव्यवस्था- रुद्रदत्त व् सुन्दरम

५.विज्ञान/ विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी
_प्राम्भिक परीक्षा हेतु-
NCERT ९,१० की बुक
-प्रतियोगिता दर्पण का सामान्य विज्ञानं अतिरिक्तांक
_मुख्य परीक्षा हेतु
भारत में विज्ञानं एवं प्रोद्योगिकी- टाटा मैक्ग्राहिल या विवास पैनोरमा या सिविल सर्विसेस क्रोनिकल प्रकाशन की -कोई एक
-विज्ञानं प्रगति पत्रिका के नवीनतम साल-दोसाल के अंक
-कंप्यूटर पर संक्षिप्त टिप्पणी युक्त कोई बुक

६.अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध / भारत के विदेश सम्बन्ध
-२१वी शताब्दी में अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध -पुष्पेश पन्त
-अंतर्राष्ट्रीय संगठन- पुष्पेश पन्त
-सिविल सेवा हेतु समर्पित पत्रिकाओं के अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध / भारत के विदेश सम्बन्ध विशेषांक

७.गणित एवं तर्कशक्ति-
प्रतियोगिया दर्पण अतिरिक्तांक

८.सांख्यिकी -
प्राम्भिक सांख्यिकी एवं भारतीय आर्थिक विकास -टी.आर.जैन एवं वि.के.ओहरी।
या NCERT की सांख्यिकी की ११ की बुक


सफलता की शुभकामनाएँ के साथ-
केशवेन्द्र- आईएस, KERALA SAMVARG , २००८ बैच

बुधवार, 12 अगस्त 2009

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा निबंध-पत्र : क्या लिखे, कैसे लिखे

मुख्य परीक्षा के निबंध पत्र के बारे में बहुत सारे छात्र शंकित रहते हैं की क्या लिखना है और कैसे लिखना है? बहुत सारे छात्र इस पत्र को गंभीरता से नही लेते पर यह ध्यान रखे की निबंध पत्र के अंक बहुत बार आपकी सफलता को निर्धारित करते हैं। निबंध में 200 में कोई 50 अंक लाता है तो कोई 150। अब आप सोच सकते हैं की निबंध के अंकों का क्या महत्व है? वर्ष 2013 से नए बदलावों के साथ निबंध पत्र के अंक 250 कर दिए जाने से इसकी महत्ता  और आपको सफलता दिलाने में इस पत्र की भूमिका और भी बढ़ गयी है |

निबंध पत्र के साथ एक और दिक्कत जो छात्रों के सामने आती है वो यह है की पुराने प्रश्नपत्र उपलब्ध नही हो पाते। वैसे, अब यूपीएससी की वेबसाइट पर कुछ वर्षों के निबंध के प्रश्न पत्र उपलब्ध है | खैर जहाँ तक निबंध के विषयों की बात है तो सामान्यतः  6 दिए गए विषयों में आपको किसी एक विषय पर 3 घंटों में एक निबंध लिखना होता है। पिछले वर्ष बस 4 विषयों का ही विकल्प दिया गया था शब्द- सीमा का कोई उल्लेख नही होता पर सामान्यतः  अपने निबंध को 2500 शब्दों के आस-पास रखे |

वर्ष 2015 से नए पैटर्न में 1000-1200 शब्दों में दो निबंध लिखने हैं | खंड क में चार विषयों में से किसी एक पर और फिर खंड ख के चार विषयों में से किसी एक पर निबंध लिखना है |

निबंध के विषयों में काफी विविधता होती है और हर एक निबंध अलग-अलग क्षेत्र से होता है। सो यहाँ हर किसी के लिए गुंजाईश है। सामान्यतया समसामयिक मुद्दे, भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दे, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे, सामाजिक मुद्दे, साहित्यिक- दार्शनिक -चिन्तनपरक विषय से   निबंध के विकल्प दिए जाते हैं |  आपको देखना है की आप किस विषय पर सबसे अच्छा और सबसे हटकर अपने आपको अभिव्यक्त कर सकते हैं।

निबंध लिखने की शैली की जहाँ तक बात है तो वो हर किसी के लिए अलग-अलग होती है। आपको अपनी शैली ख़ुद से निखारनी होगी। बेहतर यह है की आप एक नोटबुक बनाकर उसमे निबंध के लिए महत्वपूर्ण 10-15 सदाबहार मुद्दे और 20-25 समसामयिक मुद्दों के लिए ढांचा तैयार करले। इसके अर्न्तगत आप सामान्य अध्ययन में दिए गए कुछ सामाजिक मुद्दों, पर्यावरण सम्बंधित मुद्दों को भी निबंध के लिए तैयार कर ले सकते है। आपको चुने हुए विषयों पर जो भी जानकारी पत्र-पत्रिकाओं या किताबों से मिलती है उसे आप अपनी नोटबुक में जगह देते चले। जरुरी आंकड़े, उद्धरण, काव्य पंक्तियाँ, वर्त्तमान व सटीक उद्धरण ये सब जहाँ से भी मिले उसे आप सम्बंधित निबंध के अर्न्तगत नोट करते चले।

साथ ही, किसी भी विषय पर मौलिक, तार्किक सोचने और अपने विचारों को सरल-सहज प्रवाहमयी भाषा में  प्रभावी ढंग से रखने के लिए मेहनत करे | यह न केवल आपको निबंध के पत्र एवं सामान्य अध्ययन के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों को हल करने में मदद करगी वरन जीवन में भी पग-पग पर आपकी मदद करेगी |

निबंध पत्र के लिए कुछ जरुरी पत्र - पत्रिकाओं की सूची मैं दे रहा हूँ-
*कुरुक्षेत्र
*योजना
*विज्ञान प्रगति
*आहा, जिन्दगी
*कथन (त्रैमासिक)
*इंडिया टुडे, आउटलुक के कुछ महत्वपूर्ण अंक
* हिन्दू पत्र एवं फ्रंटलाइन (दोनों अंग्रेजी के हैं) के आलेख
*सिविल सेवा से सम्बंधित पत्रिकाओं के आलेख
* समाचार पत्रों के सम्पादकीय पृष्ठ के आलेख।

यह सूची आरंभिक मार्गदर्शन के लिए है, जैसे- जैसे आप अपनी तैयारी में गहरे उतरते जायेंगे, आपको ख़ुद-बखुद जरुरी-गैरजरूरी का फर्क समझ अत जाएगा। हंस की तरह नीर-क्षीर विवेक आपको सूचनाओं के ढेर और भाषा की भूलभुलैयाँ में से अपने कम की सामग्री चुनने में मदद करेगा। और हाँ, सीधी- सादी दिल को छू जाने वाली भाषा में लिखे। परीक्षक भी आपसे प्रसन्न हुए बिना नही रह पायेगा.

सोमवार, 3 अगस्त 2009

रणनीति की जरुरत

सिविल सेवा को निकालने की लिए जो सबसे जरुरी चीज है, वो है आपकी रणनीति। यह ऐसी परीक्षा है जिसे आप किसी के सहारे नही उत्तीर्ण कर सकते। आपका आत्मविश्वास, आपकी इच्छा-शक्ति, आपकी अन्तः-प्रेरणा ही आपको सफलता तक ले जा सकती है। इस सेवा को निकलने के पीछे अगर आप कोई बड़ी प्रेरणा ले कर चल रहे हैं तो वो जरुर आपको मदद पहुंचायेगी। यह प्रेरणा अपने माता-पिता को ख़ुशी देने की हो सकती है, समाज सेवा की हो सकती हैं, देश के लिए कुछ करने की हो सकती है, अपने आपको समाज की नजरों में साबित करने की जरुरत की की हो सकती है, या फ़िर अपने प्रेम को पाने की हसरत आपको इस सेवा को निकालने को प्रेरित कर सकती है।

चलिए, अब ठोस सुझावों पर आया जाए। आपकी रणनीति तो आपको ख़ुद बनानी है, मैं बस कुछ सुझाव दे रहा हूँ-

*एक नोट बुक ले कर उसमे आप सिविल सेवा के बारे में आपको जो भी जानकारी पत्र-पत्रिकाओं से या सफल लोगों के साक्षात्कार से या इन्टरनेट से  मिलती है, उसे नोट करते चले। जानकारी प्रासंगिक होनी चाहिए।

*यूपीएससी की वेबसाइट http://www.upsc.gov.in/ को अपने ध्रुवतारे की तरह व्यवहार करे | इस वेबसाइट से एग्जामिनेशन खंड में जाकर परीक्षा की नोटिफिकेशन और सुधार को ध्यान से पढ़े और डाउनलोड कर ले  यदि आपके पास रोजगार समाचार का समबद्ध अंक नहीं है | इसके साथ ही इस वेबसाइट से पिछले साल के प्रश्नपत्र और उनके उत्तर (कुछ ही पत्रों के लिए उपलब्ध ) को देखे | यह आपको इस परीक्षा के बारे में सबसे प्रामाणिक  जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा |

*परीक्षा के सिलेबस एवं क्वेश्चन बैंक को अपने कंपास की तरह व्यव्हार करे जो आपको सिविल सेवा की तैयारी की भटकन भारी राह में दिशाबोध कराएगा |

*अपने ऑप्शनल विषय को पुरी सतर्कता के साथ अपनी रूचि, पाठ्य-सामग्री की उपलब्धता, प्रश्नों की प्रकृति, स्कोरिंग जैसे मुद्दों को ध्यान में रख कर चुने। सुझाव सबसे ले पर करे अपने मन की। हमेशा ध्यान रखे की विषय महत्वपूर्ण नही है, महत्वपूर्ण है आपकी उसपर पकड़ और आपकी सफलता।

नए पैटर्न के अनुसार अब आपको एक ही वैकल्पिक विषय चुनना है, अतः वही विषय चुने जिसपर आपकी अच्छी पकड़ हो या जिसमें आपकी रूचि हो |

*प्राम्भिक और मुख्य परीक्षा के हर अंग के लिए अपनी रणनीति तैयार करे, देखे की आपकी मजबूती क्या है, आपकी कमजोरी क्या है। अपनी मजबूतियों पर ध्यान केंद्रित कर अपनी रणनीति बनाये और अपनी कमजोरियों को धीरे- धीरे घटाते हुए उन्ही भी अपनी मजबूतियों में बदलने का प्रयास करे।

*उदहारण के लिए मैं आपको अपनी रणनीति बता रहा हूँ, अपनी तैयारी के समय मैं रेलवे मैं कार्यरत था।( 2007-08) सो, मुझे कम समय में अपनी तैयारी पुरी करनी थी। मैंने प्राम्भिक परीक्षा में ऑप्शनल विषय पर अपना ध्यान केंद्रित करने की योजना अपनाई। मेरा लक्ष्य था की मुझे ऑप्शनल विषय में 300 में  225  और सामान्य अध्ययन में 150 कम से कम 75 अंक लाने हैं। प्राम्भिक परीक्षा के लिए 450 में  300 का लक्ष्य काफी सटीक और सुरक्षित लगा था मुझे। इसी तरह से आप अपने लिए भी लक्ष्य तय कर उसे प्राप्त कर सकते हैं।

परीक्षा के नए बदलावों  के अनुसार अब प्राथमिक परीक्षा में 200 अंकों का सामान्य अध्ययन का पत्र और 200 अंकों का सीसैट है | मुख्य परीक्षा में चार पत्रों का सामान्य अध्ययन 1000 अंकों का है और वैकल्पिक विषय के  500 अंकों के लिए दो पत्र हैं | इसके अलावा निबंध के 250 महत्तवपूर्ण अंक हैं | मुख्य परीक्षा में सफल होने पर 275 अंकों का साक्षात्कार है | इनमें आप सफल उमीदवारों के अंकों को देखते हुए अपने लक्ष्य निर्धारित करे |

*निबंध के लिए भी शुरू से ही तैयारी करते चले। सामान्य अध्ययन के काफी विषय जो सामाजिक मुद्दों से सम्बन्ध रखते हैं, को आप निबंध  के रूप में तैयार कर सकते हैं। इससे आपको इक पंथ,दो काज का फायदा मिलेगा | इक तरफ तो आप निबंध के लिए तैयार रहेंगे और दूसरी तरफ  सामान्य अध्ययन के कुछ विषय काफी गुणवत्ता के साथ तैयार हो जायेंगे |

*तैयारी करते हुए आपका पुरा ध्यान मुख्य परीक्षा पर होना चाहिए। सिविल सेवा की परीक्षा के लिए आपकी परिस्तिथियों को मद्देनजर रखते हुए एक से दो वर्ष के समय की आवश्यकता होती है | इस समय में आपका ध्यान मुख्यतः मुख्य परीक्षा पर केन्द्रित होना चाहिये | प्राम्भिक परीक्षा के लिए परीक्षा के पहले के 6 महीने काफी हैं। वैसे यहाँ भी अपनी जरुरत के अनुसार जरुरी फेरबदल कर सकते हैं, पर इस बात का जरुर ध्यान रखे की प्राम्भिक परीक्षा  के पहले आप एक बार मुख्य परीक्षा की तैयारी  कर चुके हो। यह आपको जरुरी आत्मविश्वास  देगा।
*अपनी जरुरत के अनुसार  महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए शोर्ट-नोट्स  तैयार करे | मैंने अपने तथा अन्य कई लोगों के अनुभव से देखा है कि अपने मौलिक संक्षिप्त नोट तैयार कर पढने वाले लोग हमेशा इस परीक्षा में एडवांटेज में रहते हैं |


शुभकामनाओं के साथ,

केशवेन्द्र कुमार, आईएएस

बुधवार, 22 जुलाई 2009

कुछ अच्छे ब्लोग्स और वेबसाइट्स

साथियों, आपकी जानकारी के लिए मैं इन्टरनेट पर उपलब्ध कुछ अच्छे ब्लॉग की सूचि दे रहा हूँ-
http://www.shubhra-saxena.blogspot.com/
यह वर्ष 2009 में प्रथम स्थान प्राप्त शुभ्रा सक्सेना का ब्लॉग है. http://www.piedhornbill.blogspot.com/
यह वर्ष २००८ में द्वितीय स्थान हासिल करने वाले सुप्रीत सिंह गुलाटी का ब्लॉग है।
सिविल सेवा के लिए जानकारी और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने वाली कुछ अच्छी वेबसाइट्स हैं-
http://www.threeauthors.com/

सोमवार, 6 जुलाई 2009

आईएस आसमान से नही टपकते

साथियों, आप सिविल सेवा में आना चाहते हैं, अपने लिए एक मुकाम बनाना चाहते हैं, देश की इस सबसे प्रतिष्ठित सेवा में आ कर समाज और देश की तस्वीर को बदलना चाहते हैं। खुशी की बात है की आपके मन में ये अरमान है।
दुःख की बात है की आप परेशान हैं, हैरान हैं, आपको ख़ुद पर विश्वास नही हो रहा है की आप अपने सपने को हकीकत में बदल सकते हैं की नहीं? आपकी परेशानी कई तरह की हो सकती है, आपके मन में कई तरह के सवाल हो सकते हैं। जैसे-
*क्या हिन्दी माध्यम से मैं अच्छा रैंक लाकर आईएस बन सकता हूँ ?
*क्या इंग्लिश मीडियम वालों की ज्यादा नम्बर मिलते हैं ?
*क्या कोचिंग करने से ही सफलता मिलती है? सारे toppers किसी न किसी कोचिंग की सिफारिश करते दीखते हैं!
*क्या जॉब करते हुए इस परीक्षा की तैयारी की जा सकती है?
*इस परीक्षा के बारे में जानकारी कहाँ से मिलेगी?
*निबंध और साक्षात्कार की तैयारी कैसे की जाए?
*सामान्य अध्ययन के विस्तृत sylllabus को कैसे तैयार किया जाए?
*मुख्य परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर कैसे लिखे जाए?
इन सारे सवालो के साथ आपके और भी ढेर सारे सवालों के जवाब लेकर मैं इस ब्लॉग पर हाजिर होऊंगा धीरे-धीरे।
शुभकामनाओं के साथ,
आपका,
केशवेन्द्र