शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017

सिविल सेवा साक्षात्कार 2017- हिंदी माध्यम से सफलता की बुलंदी छुएं / UPSC CIVIL SERVICE INTERVIEW 2017

सिविल सेवा 2017 की मुख्य परीक्षा संपन्न हो चुकी है | जिन प्रतिभागियों की परीक्षा अच्छी गई है, वे तो पूरी दम-ख़म से साक्षात्कार की तैयारी में लगे हैं, मगर जिनकी परीक्षा उतनी अच्छी नहीं गयी है, उनसे मैं यही कहना चाहूँगा की फिर से एक ईमानदार कोशिश करे- स्वविश्लेषण कर अपनी तैयारी की कमजोरियों को दूर करे और याद रखे कि- कोशिश करने वालों की हार नहीं होती | अभी से अगले साल की प्राथमिक परीक्षा के साथ-साथ साक्षात्कार की तैयारियों में जुट जाए |

मुख्य परीक्षा में अपनी सफलता के प्रति आश्वस्त  प्रतिभागियों के पास समय वाकई कम है.  जल्दी ही साक्षात्कार शुरू हो रहे हैं और इसी थोड़े समय में आपको अपने व्यक्तित्व में धार लगानी है. आपको साक्षात्कार बोर्ड के सामने अपने आपको सम्पूर्णता में सामने रखना है अपनी मानवीय खूबियों-खामियों के साथ. मेरी सलाह यही है की चिंता में अपना सर खुजाने की जगह उपरवाले का शुक्रिया अदा करते हुए आगे की तैयारियों में जुट जाये |

साथियों, साक्षात्कार की तैयारी के समय सिविल सेवा परीक्षा की नोटिफिकेशन से साक्षात्कार के सम्बन्ध में दिए निर्देश को अपने दिशासूचक की तरह प्रयोग करें  | ये निर्देश इस प्रकार हैं -

अ)उम्मीदवार  का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार का बायोडाटा होगा | उससे सामान्य रूचि की बातों पर प्रश्न पूछे जायेंगे | साक्षात्कार का उद्देश्य यह जानना है की उम्मीदवार लोकसेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं | यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक क्षमता को जांचने के अभिप्राय से की जाती है | मोटे तौर पर इस परीक्षा का प्रयोजन न केवल उसके बौध्दिक गुणों को वरन सामाजिक लक्षणों को और सामाजिक घटनाओं में उसकी रूचि  का भी  मूल्याङ्कन करना  है | इसमें उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति, स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति, संतुलित निर्णय की शक्ति, रूचि की विविधता और गहराई, नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता, बौधिक और नैतिक ईमानदारी की भी जांच की जा सकती है |
आ) साक्षात्कार की प्रणाली क्रॉस-एग्जामिनेशन की नहीं वरन स्वाभाविक वार्तालाप की प्रक्रिया द्वारा उम्मीदवार के मानसिक गुणों का पता लगाने का प्रयत्न किया जाता है | परन्तु, वह वार्तालाप एक विशेष दिशा में एवं एक विशेष प्रयोजन से होता है |

इ) साक्षात्कार उम्मीदवार के सामान्य या विशेष ज्ञान की परीक्षा के लिए नहीं होता क्यूंकि उनकी जांच लिखित प्रश्न पत्रों में पहले ही हो जाती है | उम्मीदवारों से आशा की जाती है की वो ना केवल अपने शैक्षणिक विशेष विषयों में पारंगत हो बल्कि उन घटनाओं पर भी ध्यान दें जो उनके चारों और अपने राज्य या देश के भीतर और बाहर घट रही हैं, तथा आधुनिक विचारधारा और नई-नई खोजों में भी रूचि लें जो की किसी सुशिक्षित युवा में जिज्ञासा पैदा कर सकती है |"


साक्षात्कार की औपचारिकताओं से मैं इस लेख की शुरुआत करना चाहूँगा |. ये चीजें महत्वपूर्ण है पर बहुत ज्यादा नहीं. साक्षात्कार बोर्ड के लोग आप सिविल सेवा के लिए कितने उपयुक्त है, इसे जांचने-परखने के लिए बैठे हैं. इसलिए आपके अन्दर क्या है, यह उनके लिए ज्यादा मायने रखता है. हालांकि, बाहरी व्यक्तित्व भी गरिमामय हो, इस बात का ध्यान रखना जरुरी है.

1.औपचारिकताए-- साक्षात्कार के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के सारे सर्टिफिकेट करीने से रखें | जाति प्रमाणपत्र (अगर आप अनुसूचित जाति/ जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं ),  अपने नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र (अगर आप वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं ) और साक्षात्कार फॉर्म में दिए अन्य निर्दिष्ट प्रमाण पत्र साथ में रखना ना भूलें | आपके साक्षात्कार से पहले आपके सर्टिफिकेट वेरीफाई किये जायेंगे |

2.वेश-भूषा -  आपका पहनावा औपचारिक एवं गरिमापूर्ण होना चाहिए | हाँ, इस बात का ध्यान रखे की आप मॉडलिंग के लिए नहीं जा रहे हैं | मैंने अपने साक्षात्कार के लिए डार्क ब्लू कलर की पैंट और उजले में महीन सोबर डिजाईन वाली शर्ट पहनी थी | टाई का प्रयोग आपकी इच्छा पर है, पर अगर आप इसके साथ आरामदेह है तो टाई का व्यवहार करे | बेल्ट और शू फॉर्मल होनी चाहिए | सबसे महत्त्वपूर्ण बात है की आप अपने साक्षात्कार के दिन के ड्रेस के साथ सहज और विश्वस्त होने चाहिए | साक्षात्कार के पहले ड्रेस को दो-तीन बार पहने | एक वैकल्पिक जोड़ा भी साथ में रखे |

3.अभिवादन -
हिंदी माध्यम से जो छात्र साक्षात्कार देने जाते हैं, उनको इस बात की सबसे ज्यादा उलझन होती है की अभिवादन में हिंदी का व्यवहार करे या प्रचलित अंग्रेजी जुमलों का | मेरी अपनी राय है की जब आप पूरा साक्षात्कार हिंदी में देने जा रहे हैं तो उसकी शुरुआत अंग्रेजी के साथ करना इस बात को दर्शाता है की आप अपनी भाषा को कमतर मानते है | कमरे में प्रवेश के समय अनुमति भी हिंदी में ही मागे- "क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ श्रीमान ?"( वैसे बहुत बार इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती है , साक्षात्कार बोर्ड गेट खुलते ही  आपका नाम पुकारते हुए आपको अन्दर आकर बैठने को कह सकता है |) अन्दर जाकर आप अपने लिए निर्दिष्ट कुर्सी के पास जाकर खड़े होकर चेहरे पर मुस्कराहट के साथ भारतीय परम्परा में साक्षात्कार बोर्ड के अध्यक्ष/अध्यक्षा एवं अन्य सदस्यों की तरफ देखते हुए हाथ जोड़ कर नमस्कार करे | सामान्यतः चेयरमैन बीच में और चार अन्य सदस्य (दो उनकी दायीं तरफ और दो बायीं तरफ ) होते हैं | आप अभिवादन करते हुए एक बार चेयरमैन को, एक बार दायीं और के दो सदस्यों को और एक बार बायीं और के दो सदस्यों को देखते हुए नमस्कार करें | सारे सदस्यों को अलग- अलग नमस्कार करने की जरुरत नहीं है | हाँ  अगर कोई महिला सदस्य हो तो आप उन्हें अलग से नमस्ते कर सकते हैं |


4.बायो-डाटा -    आप सबों की तरह मुझे भी ये शंका थी कि आप के सर्टिफिकेट और बायोडाटा साक्षात्कार कक्ष में आपके साथ रखना जरुरी है या नहीं? आपके द्वारा भरे गए विवरण के आधार पर आपका बायोडाटा साक्षात्कारकर्ताओं के पास मौजूद होता है | अतः , आप अपने बायोडाटा और सर्टिफिकेट की फाइल अपने साथ ले तो जरुर जाए पर उसे साक्षात्कार कक्ष के बाहर में चौकीदार के सुपुर्द कर खाली हाथ अन्दर प्रवेश करें |


तो, साक्षात्कार के दिन क्या पहनना है, किस तरह के कपड़े आपके व्यक्तित्व की सही  झलक देंगे, प्रमाणपत्र, बायोडाटा जैसी आवश्यक  औपचारिकताए ३-४ दिनों के अन्दर निपटा ले. इनके बाद आपको अपने साक्षात्कार के केंद्र बिंदु पर ध्यान देना है |

5. साक्षात्कार की तैयारी
सबसे पहले आपने प्राथमिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के फॉर्म को भरने में जो जानकारियां भरी हैं, उनकी एक कॉपी ले अपनी एक डायरी या नोट बुक में साक्षात्कार के संभावित टॉपिक का चयन करे.

कुछ संभावित टॉपिक इस प्रकार हैं-

क). आपकी शैक्षिक पृष्ठभूमि एवम आपका सिविल सेवा में वैकल्पिक विषय   - आपने जिस विषय से स्नातक  एवं उससे ऊपर का अध्ययन किया है उसकी एक स्तरीय जानकारी होना आपके लिए जरुरी है | वर्तमान में उस विषय से जुड़े मुद्दे जो ख़बरों में हो उसकी भी जानकारी आपके लिए अनिवार्य है | आपके वैकल्पिक विषय पर भी आपकी अच्छी पकड़ होनी चाहिए और उस विषय से संबंधित कोई मुद्दा अगर चर्चा में हो तो आपको उसके बारे में पूरी तरह तैयार रहना चाहिए |

ख). आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि- आप अपने घर और अपने घर के लोगों खासकर अपने माता-पिता के कार्यक्षेत्र, अपने भाइयों-बहनों के बारे में कोई विशिष्ट बात हो तो उसकी पूरी जानकारी रखे |

ग). आपका गृह राज्य- उसका इतिहास-भूगोल-राजनीति-कला-संस्कृति और वहां वर्तमान में चर्चा में रही ख़बरें जो राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रही हो | बहुत बार आप के साक्षात्कार का एक बड़ा हिस्सा आपके राज्य से जुड़े सवालों के ऊपर हो सकता है | आपके राज्य में किसी विभाग में आपको काम करना का मौका मिले तो आपकी क्या प्राथमिकताएँ होंगी, ऐसे सवाल भी पूछे जा सकते हैं | शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, राज्य में चल रही विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाएं के बारे में विस्तार से पूछा जा सकता है |

घ). आपका गृह जिला- वहां की खास बातें, वहां का प्रशासन, अगर आपको वहां का जिला कलक्टर या पुलिस कप्तान का कार्यभार दिया जाये तो क्या बदलाव लायेंगे|

ङ). अगर आप कोई नौकरी कर रहे हो तो उस नौकरी के बारे में विस्तृत जानकारी चाहिए | कभी-कभी टेढ़े सवाल जैसे क्या आप अपनी अभी की नौकरी को पसंद नहीं करते , आप इसे क्यों छोड़ना चाहते है -जैसे सवाल पूछे जा सकते हैं जिसके सकारात्मक जवाब आपके पास होने चाहिए |

च).अगर आप कही दुसरे राज्य में कार्य कर रहे हैं या वहां से आपने पढाई की है  तो उस राज्य और जिले के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाना जरुरी है. कभी-कभी आपके गृह राज्य और दुसरे राज्य की तुलना करें जैसे सवाल पूछे जाने पर बहुत ही निष्पक्ष, तार्किक और संतुलित उत्तर दें |

छ),भारत के इतिहास, भूगोल, वर्तमान, भविष्य, यहाँ की कला-संस्कृति-सभ्यता- धर्म-साहित्य- प्रशासन-राजनीति जैसे मुद्दों पर आपके पास समुचित जानकारी होनी चाहिए |

ज).अंतर्राष्ट्रीय संबध -खासकर भारत के विदेश संबंधों के बारे में आपकी स्पष्ट राय होनी चाहिए. अभी खासकर बांग्लादेश, म्यांमार ,श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान, उत्तर कोरिया, इजराइल , चीन, अमेरिका, रूस  ब्रिटेन जैसे देशों से भारत के  संबंध के बारे में  समुचित जानकारी जुटाए | चीन और भारत के रिश्तों में डोकलाम विवाद  को देखते हुए भारत-चीन सम्बन्ध पर सम्यक रूप से जानकारी रखे | हिन्द महासागर और चीन सागर क्षेत्र में बनते नए शक्ति समीकरणों पर भी आपकी पकड़ होनी चाहिए | वर्तमान सरकार की विदेश नीति और भारतीय मूल के लोगों एवं प्रवासी भारतियों के प्रति नीतिगत बदलावों के बारे में भी पूरी जानकारी रखे | रोहिंग्या मुद्दे के मद्देनजर भारत की शरणार्थियों के प्रति नीति का भी ज्ञान रखे |

झ).आपने सेवाओं की जो प्राथमिकता दी है, उसके स्पष्ट और तर्कपूर्ण उत्तर आपके पास होने चाहिए. और आपके उत्तरों से ऐसा नही लगना चाहिए की आप किसे सर्विस को कम करके आंक रहे हैं .
उदाहरण के लिए यदि आपकी पहली प्राथमिकता आईएएस और दूसरी आईएफएस है तो उसका कारण आपसे पूछा जा सकता है. अगर आपने कुछ अनोखी प्राथमिकताएँ दी है, तो सवाल पूछे जाने की संभावनाएं ज्यादा होती है. जैसे किसी की प्रथम चॉइस अगर IRS या आईपीएस हो तो 'क्यूँ 'का आपके पास संतोषजनक उत्तर होना चाहिए.

ञ). राज्यों की प्राथमिकताओं पर भी सवाल हो सकते हैं. ईमानदार जवाब काफी है. हर किसी के अपने गृह राज्य या नजदीक के राज्य या पसंद के राज्य में जाने के अपने -अपने कारण होते है. उसे विश्वस्तपूर्ण रूप में बताना काफी है. हाँ, बोर्ड को ये नही लगना चाहिए की आप समस्याग्रस्त राज्यों से भागने की चेष्टा कर रहे हैं.

ट). बजट के बारे में मुख्य जानकारियां आपके पास होनी चाहिए.

ठ). समसामयिक मुद्दों  जैसे
- बच्चों के विरुद्ध बढती हिंसा एवं यौन अपराध- विद्यालयों में असुरक्षित होते बच्चे
 -वैश्विक स्तर पर फैलते आतंकवाद - ISIS के फैलते साम्राज्य-
 -जलवायु परिवर्तन- दिल्ली में फैले वायु प्रदूषण की समस्या और संभावित समाधान
-भ्रष्टाचार-विमुद्रीकरण एवं GST से क्या बदलाव आएगा
 - महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते  अपराध एवं यौन हिंसा - क्या उपाय चाहिए इनपर रोक लगाने के लिए
- विधायिका-न्यायपालिका-कार्यपालिका में शक्ति संतुलन
-ओखी चक्रवात के सन्दर्भ में आपदा प्रबंधन एवं पूर्वानुमान
  जैसे मुद्दों पर आपके पास एक संतुलित और तार्किक राय होनी चाहिए. अति से बचे. हमेशा ध्यान रखे की विचारों में बुद्ध के मध्यम  मार्ग का पालन हमेशा श्रेयस्कर होता है. मूल्यों पर अटल रहे पर विचारों में लचीलापन बनाये रखे. आपके खुद के विचार समय के साथ कैसे बदलते हैं , इसका विश्लेषण करने पर आप इस बात की उपयोगिता समझ पाएंगे. अपने विचारों के साथ दूसरों (बोर्ड के सदस्यों ) के विचारों का भी आदर करे और हठधर्मिता से बचे. नित्य समाचारपत्र, सिविल सेवा की दो-तीन  स्तरीय पत्रिकाएँ यथा प्रतियोगिता दर्पण , कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु, बीबीसी हिंदी, टीवी पर कुछ अच्छी गुणवत्ता के डिबेट को देखते रहे |

ड). पाठ्येतर गतिविधियों में अगर आपकी सहभागिता रही है तो उसके बारे में पूरा जानकारी जुटा कर रखे.

ढ). आप सिविल सेवा में क्यूँ आना चाहते हैं , आपको इसमें आने के लिए किससे प्रेरणा मिली -यह काफी प्रचलित सवाल है और इस सवाल का ईमानदार और सटीक उत्तर बोर्ड को आपका मुरीद बना सकता है | घिसे-पिटे उत्तरों से बचे, अपने अनुभव और अपनी विचारों को संजोकर उत्तर दे |

ण). आपने फॉर्म में जो शौक फरमाए हैं(HOBBY) वो आपको शोक/शॉक न दें, इसका ख्याल रखे. हॉबी से साक्षात्कार  में ढेर सारे सवाल आने की आशा रख सकते हैं. इसलिए, हॉबी में आपने जो- जो विषय दिए हैं, उसके बारे में आपके पास पूरी जानकारी होनी चाहिए. जैसे, अगर आपने किताबें पढना अपनी हॉबी में दिया है तो हाल में पढ़ी अच्छी किताबों के बारे में, आपके प्रिय लेखक एवं कवि के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए.  आपको साहित्यिक फेस्टिवल एवं पुस्तक मेलों के आयोजन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए.

साक्षात्कार में हॉबी एक ऐसा क्षेत्र है जो कभी-कभी आपके सफलता या विफलता का फैसला कर सकता है | मैं अपने वर्ष 2008 में हुए साक्षात्कार का उदाहरण आप लोगों के सामने रखना चाहूँगा | मैंने अपने फॉर्म में सात हॉबी दी थी - डायरी लिखना, कविता लिखना, ध्यान, औरों को प्रेरित करना, समाज सेवा , प्रकृति का आनंद लेना , वाद-विवाद-संवाद में सहभागिता | मेरे साक्षात्कार की शुरुआत हॉबी से हुई और आखिरी प्रश्न भी हॉबी पर ही था | लगभग पचीस मिनट चले साक्षात्कार का एक तिहाई हिस्सा मेरे हॉबी पर केन्द्रित रहा | और, इस साक्षात्कार ने मुझे 300 में 210 अंक दिलाये जो की पहले प्रयत्न के हिसाब से बड़ी उपलब्धि थी |


 श्रीमती परवीन तल्हा की बोर्ड में चले मेरे इंटरव्यू का पहला सवाल था की आप डायरी में क्या लिखते है ? मैंने नपा-तुला संतुलित जवाब दिया | फिर सवाल आया की किसी एक प्रसिद्ध डायरी का नाम बताये | मैंने हिंदी में एक- दो लेखक के नाम लिए पर उन्होंने मुझे टोकते हुए कहा की विश्व भर में प्रसिद्ध डायरी .. एकाएक मुझे एन्न फ्रैंक की डायरी का ख्याल आया और मैंने जवाब दिया | शायद इसी जवाब की वो अपेक्षा कर रही थी, सो उनके चेहरे पर संतोष की मुस्कान आ गयी | फिर इस डायरी से जुड़े कुछ प्रश्न उन्होंने पूछे-किसने लिखा, कब लिखा, कहाँ लिखा, विषय क्या है ? मैंने इस डायरी को बड़े लगाव से वर्ष 2006 में पढ़ा था और अपनी डायरी में नोट भी लिए थे , सो मैंने इन सारे सवालों के संतुष्टिप्रद जवाब दिए |


इसके बाद मैडम मेरी अगली हॉबी की और मुड़ी और मुझसे कहा की आप कविता लिखते है ..अपनी किसी कविता की चार पंक्तियाँ सुनाये |
मैंने दृढ़ता से कहा कि मैं अपनी एक छोटी से कविता पूरी सुनाना चाहूँगा क्यूंकि चार पंक्तियों में मेरी कविता पूरी तरह से आप लोगों के सामने नहीं आ पायेगी | मैडम ने मुस्कराहट के साथ अनुमति दी | फिर मैंने अपनी हिंदी कविता -'मज़बूरी का नाम महात्मा गाँधी' सुनाई | कविता का आनंद आप लोग भी ले-


मज़बूरी का नाम महात्मा गाँधी




पता नही कब से मज़बूरी का

नाम महात्मा गाँधी है,

हर मुश्किल में हर बेबस की

ढाल महात्मा गाँधी है |



अक्सर इस जुमले को सुनते-

सुनते मन में आता है -

गाँधी जी का मज़बूरी से

ऐसा भी क्या नाता है?



ऑफिस की दीवारों पर

गाँधी की फोटो टंगी-टंगी,

बाबुओं का घूस मांगना

देखा करती घडी- घडी |



चौराहों- मैदानों में

बापू की प्रतिमा खड़ी- खड़ी,

नेताओं के झूठे वादे

सुनती विवश हो घडी-घडी |



गाँधी का चरखा, गाँधी की

खादी आज अतीत हुई,

गाँधी के घर में ही देखो

गोडसे की जीत हुई |



गाँधी जी की हिन्दुस्तानी

पड़ी आज भी कोने में,

गाँधी के प्यारे गांवों में

कमी न आयी रोने में.



नोटों पर छप, छुपकर गाँधी

सब कुछ देखा करते हैं

हर कुकर्म का, अपराधों का

मन में लेखा करते हैं.



गाँधी भारत का बापू था,

इंडिया में उसका काम नही,

मज़बूरी के सिवा यहाँ होठों पर

गाँधी नाम नही.



इतना कुछ गुन-कह-सुन मैंने

बात गांठ यह बंधी है-

गाँधी होने की मज़बूरी का ही

नाम महात्मा गाँधी है.


जब मैं कविता सुना रहा था, तब कमरे में पूर्ण शांति थी और सारे बोर्ड मेम्बर बड़ी गंभीरता से इसे सुन रहे थे | जब मैंने कविता ख़त्म की तब मैडम ने मेरी कविता से सन्दर्भ लेते हुए सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार पर सवाल पूछा | सवाल था की आप व्यवस्था के यथार्थ को जानते है, फिर भी आप इस व्यवस्था का हिस्सा क्यूँ बनना चाहते हैं ?  मैंने मुस्कान के साथ जवाब दिया- इस व्यवस्था को बदलने के लिए | फिर अगला सवाल था-कैसे?
मैंने विस्तार में उस सवाल का जवाब दिया |


इसके बाद कुछ प्रश्न बीरभूम जिला (पश्चिम बंगाल ) के बारे में थे जहाँ मैं रेलवे में बुकिंग क्लर्क की नौकरी कर रहा था | अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर सवाल आये (राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध वैकल्पिक विषय ), भारत का स्वतंत्रता संग्राम और भारत के विकास के मुद्दों पर सवाल पूछे गए | सबसे अंत में फिर हॉबी पर सवाल आया | एक बोर्ड मेम्बर ने पुछा की समाजसेवा आपकी हॉबी में कैसे शामिल है ?
दरअसल मैं बीरभूम जिले में तितली नाम के एक समाजसेवी संगठन से जुदा था जो बाल मजदूर और सेक्स वर्कर के बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए काम करती है | मैंने उन्हें इस संगठन से अपने जुडाव के बारे में बताया और वे इससे काफी प्रभावित भी हुए | फिर एक बोर्ड मेम्बर ने पुछा की आप समाजसेवा की हॉबी को प्रशासन में आने के बाद कैसे जारी रखेंगे? मैंने जवाब दिया की अगर एक प्रशासक सारे सरकारी कल्याणकारी  योजनाओं का प्रभावी एवं इमानदार निष्पादन सुनिश्चित कर सके तो वह सबसे बड़ी समाजसेवा होगी | इंटरव्यू बोर्ड के सारे सदस्य संतुष्ट और सहमत दिखे |

मेरा सुझाव है की आप ने अपने फॉर्म में जो हॉबी या पाठ्येतर गतिविधियाँ दी है, उनके बारे में गंभीर हो कर तैयारी करें | आप अपनी हॉबी के बारे में, उस हॉबी से जुड़े अन्य प्रधान व्यक्तियों के बारें में, आपको  उस हॉबी से क्या मिलता है जैसे सारे संभावित सवाल और उनके उत्तर तैयार करें | इस बात का ख्याल रखे की जब आप अपनी हॉबी के बारे में बात कर रहें हो तो आपके चेहरे पर ख़ुशी और चमक हो |



त).बहुत सारे परिस्थिति वाले सवाल आपसे पूछे जा सकते हैं जैसे-
   --अगर आप किसी नक्सल प्रभावित जिले में पोस्टेड हो तो नक्सलवाद से निपटने के लिए क्या कदम उठाएंगे?
---आपको ऐसे जिले में पोस्टिंग मिली है जहाँ पेयजल की भारी समस्या है, आप उससे कैसे निपटेंगे?
---आपके जिले में भूकंप या चक्रवात या बाढ़ जैसी कोई प्राकृतिक आपदा आने की चेतावनी मिली है. आप क्या-क्या कदम उठाएंगे?

थ). साक्षात्कार में कैसा हो आपका सेंस ऑफ़ ह्यूमर -
अपने साक्षात्कार से एक लोट-पोट करने वाला अनुभव भी सम्मुख रखना चाहूँगा | साक्षात्कार में आपको बिल्कुल गंभीर या नीरस बनने की जरुरत नही है | हास्य-विनोद भी आपके व्यक्तित्व का एक अहम् हिस्सा है |
एक बोर्ड मेम्बर ने मुझसे पुछा की क्या आपने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का नाम सुना है ? मैंने जवाब दिया - जी हाँ , सुना है , और फिर चुप हो गया | मेम्बर आशा कर रहे थे की मैं जवाब में अपने सारे ज्ञान की गंगा एक बार में ही बहा दूंगा , पर इस एक शब्द के जवाब से वो थोड़े हतप्रभ हो गए | फिर उन्होंने इससे जुड़े दो-तीन छोटे सवाल जैसे कब शुरू हुआ, किसने शुरू किया, क्या योजना है पूछा जिसका मैंने नपा -तुला जवाब दिया | अंत में आया एक सवाल- इस योजना की वर्तमान में क्या स्थिति/प्रगति  है ? मुझे इस सवाल का जवाब अच्छे से नहीं पता था | हम लोगों ने बहुत बार सड़क या पुल बनते हुए बोर्ड लगा देखा होगा- कार्य प्रगति पर है/ Work in Progress. मैंने सदस्य महोदय को वही जवाब दिया-"सर, कार्य तेजी से प्रगति पर है| " बोर्ड में ठहाका गूँज उठा | कुछ लोग खुल कर तो कुछ हंसी दबाने में लगे थे | वाकई इस जवाब की किसी ने आशा नहीं की होगी , पर यह जवाब मेरे अनुमान में मेरे लिए सकारात्मक ही रहा |


साथियों, इन सारे मुख्य विषयों पर पूछे जा सकने वालों सवालों की खुद से सूची बनाये और उनके जवाब तैयार करे. अपने साथियों, परिवार के सदस्यों, शिक्षकों  के साथ पूरी गंभीरता से छद्म साक्षात्कार की तैयारी करे. जरुरत लगे तो कोचिंग संस्थाओं के छदम साक्षात्कार बोर्ड की सहायता भी ले सकते हैं. पत्रिकाओं से सफल प्रतिभागियों के साक्षात्कार पढ़े. उनसे आपको साक्षात्कार में पूछे जा सकने वाले प्रश्नों की विविधता का अंदाजा लगेगा. साक्षात्कार पर कुछ स्तरीय बुक भी ले सकते हैं. पत्रिकाओं में कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु के साक्षात्कार वाले कॉलम और विश्लेषण से आपको काफी सहायता मिलेगी.


साक्षात्कार में नपे- तुले शब्दों में जवाब देना श्रेयस्कर है. जितना पूछा जाये, उतना ही जवाब दे. साक्षात्कार बोर्ड के सभी सदस्यों की और देखते हुए आई कांटेक्ट बनाये रखते हुए जवाब दे.

चेहरे पर स्वाभाविक सहज मुस्कान बनाये रखे. चेहरे पर चिंता या घबराहट को नहीं झलकने दें. काफी सहजता से साक्षात्कार के सहज प्रवाह में बहते चले.

जिस सवाल का जवाब न आता हो, ईमानदारी के साथ बोर्ड को बताये कि आपको उस सवाल का जवाब पता नहीं है. और आप उस बारे में जानकारी हासिल करेंगे.


आशा करता हूँ कि  इस आलेख से सिविल सेवा के साक्षात्कार में हिंदी माध्यम से भाग लेने वाले छात्र लाभान्वित होंगे | शुभकामनाओं के साथ,

केशवेन्द्र कुमार, आईएएस

आईएएस 2008 केरल कैडर