सोमवार, 21 सितंबर 2009

सिविल सेवा की तैयारी के लिए उपयोगी पत्र-पत्रिकाएँ

सिविल सेवा की तैयारी में पत्र-पत्रिकाओं का योगदान बड़ा ही अहम होता है। सामान्य अध्ययन पत्र की आधी तैयारी का दारोमदार इन्ही के ऊपर होता है। इसके अलावा बहुत सारे ऐच्छिक विषयों यथा राजनीतिविज्ञान, लोकप्रशासन, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र में भी पत्र-पत्रिकाएँ आपको अद्यतन बने रहने में मदद करती हैं। निबंध पत्र में अच्छे अंक लाना पूरी तरह आपके द्वारा अच्छे पत्र-पत्रिकाओं के अध्ययन पर निर्भर है। साक्षात्कार में भी ये आपको काफी मदद पहुंचाते हैं।


तो साथियों, मैं सिविल सेवा की तैयारी में उपयोगी पत्र-पत्रिकाओं की एक संक्षिप्त सूची आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ-


समाचार पत्र:-
The Hindu
दैनिक जागरण/हिंदुस्तान/दैनिक भास्कर/प्रभात खबर



पत्रिकाएं:- (कोई दो)

प्रतियोगिता दर्पण

चाणक्या सिविल सर्विसेज टूडे

सिविल सर्विसेज क्रोनिकल

CSR (हिन्दी या अंग्रेजी)

सिविल सर्विसेज टाईम्स

अरिहंत समसामयिकी महासागर



अन्य पत्रिकाएं:- विज्ञान प्रगति

योजना

कुरुक्षेत्र

अहा, जिंदगी! (निबंध एवं सकारात्मक चिंतन हेतु)

Frontline (ऐच्छिक)/इंडिया टुडे/आउटलुक के विशिष्ट अंक



सन्दर्भ पत्रिकाएं:- मनोरमा ईयर बुक

भारत (ईयर बुक)



Question Bank (UPSC: 1988-2008) with answer

प्रारम्भिक:- अरिहंत

मुख्य:- सिविल सर्विसेज क्रोनिकल

सिविल सेवा में पाए स्वर्णिम सफलता हिंदी साहित्य के साथ

दोस्तों, साहित्य को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लेकर सिविल सेवा में सफल होने वाले छात्रों की संख्या दिन-पर-दिन बढती ही जा रही है. मेरे बैच अर्थात २००८ में आईएस में १० के आसपास ऐसे छात्र थे जिन्होंने एक विषय हिंदी साहित्य रखा था. इस विषय में अंक भी काफी अच्छे आ रहे हैं.


अब आपके मन में यह सवाल होगा की यह विषय किन छात्रों के लिए ज्यादा उपयुक्त है? यदि अपने स्नातक या स्नातकोत्तर किसी स्तर पर हिंदी साहित्य का अध्ययन किया है, या फिर हिंदी में रचनात्मक लेखन में आपकी अच्छी रूचि हो और आप किसी विषय पर अपने विचारों को सहज-सरल भाषा में प्रभावशाली रूप में अभिव्यक्त कर सकते हैं तो फिर यह विषय आपके लिए ही बना है. यह विषय सामान्य अध्ययन में तो आपको कोई फायदा नही पहुंचाता  पर निबंध पत्र में आपको काफी अच्छे नंबर लाने  में जरुर सहायता पहुंचाता है.

हिंदी विषय के लिए संक्षिप्त पुस्तक सूची है-

प्रथम पत्र

१. हिंदी भाषा : हरदेव बाहरी

२. हिंदी भाषा का विकास : गोपाल राय

३. इग्नू स्नातक व स्नातकोत्तेर के भाषा एवं साहित्येतिहास खंड के नोट्स

४. हिंदी साहित्य एवं संवेदना का विकास : रामस्वरूप चतुर्वेर्दी



द्वितीय प्रश्न पत्र

१.भारत दुर्दशा- संवेदना व शिल्पा : रेवती रमण / सिद्धनाथ कुमार

२.मोहन राकेश और अषाढ़ का एक दिन - गिरीश रस्तोगी

३.महाकाव्य से मुक्ति - रेवती रमण

४. चिंतामणि प्रकाश - रेवती रमण

५. प्रसाद और स्कदगुप्त -रेवती रमण

६. सूरदास और भ्रमरगीत सार -डॉ किशोरीलाल*

७.कबीर साखी सुधा- डॉ वासुदेव सिंह *

८.प्रेमचंद की कहानिया :सादगी का सौंदर्य शास्त्र - डॉ सदानंद शाही



* मूल पाठ्य पुस्तक खरीदने की जरुरत नहीं



ऊपर दी गई अधिकांश पुस्तके अनुपम प्रकाशन (पटना) या राजकमल या वाणी प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित है

द्वारा प्रकाशित है . .

द्वितीय प्रश्न पत्र में अन्य मूल किताबे खरीदनी हैं .

किताबों के अलावा छात्र कुछ साहित्यिक पत्रिकाएँ यथा आजकल, नया ज्ञानोदय, तद्भव, कथन, कथादेश आदि में से कोई एक या दो ,नियमित रूप से ले ककते हैं.

सिविल सेवा की तैयारी राजनीतिविज्ञान विषय के साथ

साथियों, सिविल सेवा के लिए राजनीति विज्ञान एक पसंदीदा वैकल्पिक विषय रहा है. हिंदी और अंग्रेजी, दोनों ही माध्यमों के अभ्यर्थियों ने अपनी सफलता के लिए इस विषय पर भरोसा किया है. और परीक्षा के परिणाम भी इस बात की पुष्टि करते हैं की इस विषय ने अपने चाहनेवालों को निराश नही किया है. आलोक कुमार झा, मंजू राजपाल जैसे लोगों ने दिखाया है की इस विषय को लेकर आप सफलता की दौड़ में सबसे आगे आने का ख्वाब देख सकते हैं.


इस विषय की सबसे बड़ी खासियत ये है की मुख्या परीक्षा के सामान्य अध्ययन पत्र में यह सबसे ज्यादा मदद पहुँचने वाला वैकल्पिक विषय है. पहले पत्र में भारतीय संविधान और राज्यव्यवस्था खंड तथा दुसरे पत्र में अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध एवं भारत के विश्व सम्बन्ध खंड के लगभग २०० अंक के सामान्य अध्ययन के प्रश्न इस वैकल्पिक विषय के छात्रों के लिए खुद-ब-खुद तैयार हो जाते हैं. इसके अलावा भारत का स्वाधीनता संग्राम एवं अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था खंड के भी ५०-६० अंक के प्रश्न को यह विषय अपने में समेटे हुए है. प्राम्भिक परीक्षा में भी सामान्य अध्ययन के १५-२० प्रश्न इस वैकल्पिक विषय से कवर हो जाते हैं .

अब प्रश्न उठता है की कैसे अभ्यर्थियों के लिए यह विषय उपयुक्त है? मेरा मानना है कि वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने राजनीति विज्ञान का किसी भी स्तर पर अध्ययन किया है, उनके लिए यह एक स्वाभाविक पसंद है. साथ ही वैसे लोग जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध में काफी रूचि है और जो भारतीय प्रशाशन की बारीकियों के अध्ययन में दिलचस्पी रखते हैं, उनके लिए यह अच्छा विषय है.



राजनीति विज्ञान

प्रथम प्रश्न पत्र



१.राजनीतिक सिद्धांत की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
या
समकालीन राजनीतिक सिद्धांत - जे सी जौहरी -स्टर्लिंग पब्लिकेशन

२.राजनीतिक चिंतन की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन


३.भारतीय प्रशासन एवं राजनीति (राज्यों की राजनीति सहित) - बी एल फाडिया - प्रतियोगिता साहित्य

४.संविधान - डी डी बासु/ सुभाष कश्यप

५.संसद - सुभाष कश्यप

६.राजनीति विज्ञान - NCERT - XI, XII





द्वितीय प्रश्न पत्र  हेतु-


१. तुलनात्मक राजनीति एवं राजनीतिक संस्थाएं - सी बी गेना - विकास पब्लिशिंग हाउस
                                या
तुलनात्मक राजनीति की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन

                                 या
तुलनात्मक राजनीति- जे सी जोहरी - स्टर्लिंग पब्लिकेशन



२.अंतर्राष्ट्रीय राजनीति (सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पक्ष)- बी एल फाडिया - प्रतियोगिता साहित्य

३.अंतर्राष्ट्रीय संगठन - पुष्पेश पन्त - TMH

४.अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध - वी एन खन्ना - विकास पब्लिशिंग हाउस , नयी दिल्ली

५. २१ वीं शताब्दी में अन्तर सम्बन्ध - पुष्पेश पन्त - TMH





The Hindu से अन्तर सम्बन्ध पर नोट्स

Frontline से नोट्स

IGNOU political science book of BA &; MA

सिविल सेवा के लिए निकलनेवाली स्तरीय पत्रिकाओं के अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध विशेषांक



किताबों की यह सूची मात्र सांकेतिक है, अभी हिंदी माध्यम में राजनीतिविज्ञान के हर अंग पर दो-चार अच्छी किताबें उपलब् हैं. हाँ, ये किताबें आपके पाठ्यक्रम को पूरा कवर कर लेती हैं. उसके बाद आप अन्य उपलब्ध पुस्तकों को देख कर ये जान सकते हैं की आपको उनकी जरुरत है या नही.

शुभकामनाओं के साथ,

केशव