दोस्तों, सिविल सेवा परीक्षा के आंकड़ों को देखे तो वैकल्पिक विषय के तौर पर हिंदी भाषा और साहित्य के साथ अन्य भारतीय भाषाओं तथा साहित्य को वैकल्पिक विषय के तौर पर लेकर सफल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या दिन-पर-दिन बढती जा रही है | सिर्फ सफलता ही नहीं, भारतीय भाषाओं को वैकल्पिक विषय के तौर पर लेने वाले छात्रों ने कई बार इस परीक्षा में प्रथम स्थान तक लाया है | साहित्य को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लेकर सिविल सेवा में बैठने वाले छात्रों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है | मेरे बैच अर्थात 2008 में आईएस में 10 के आसपास ऐसे छात्र थे जिन्होंने एक विषय हिंदी साहित्य रखा था | इस विषय में अंक भी काफी अच्छे आ रहे हैं | हिंदी माध्यम में वैकल्पिक विषय के रूप में यह सबसे लोकप्रिय विषयों में से एक के रूप में उभर रहा है | अभी के नए पैटर्न में जहाँ एक ही वैकल्पिक विषय रखना है, हिंदी की वैकल्पिक विषय के रूप में महत्ता और भी बढ़ेगी, इसमें कोई संदेह नहीं |
कैसे छात्र रखे हिंदी वैकल्पिक विषय सिविल सेवा परीक्षा के लिए-
हर छात्र की विषय विशेष के प्रति अपनी रुचि और रुझान होता है | हिंदी वैकल्पिक विषय वैसे छात्रों के लिए उपयुक्त है जिन्होंने-
-बी.ए./एम.ए. में हिंदी भाषा और साहित्य पढ़ा है और इस विषय पर उनकी अच्छी पकड़ है |
-वैसे छात्र जिन्होंने स्नातक या पीजी के स्तर पर हिंदी नही पढ़ी है पर हिंदी भाषा और साहित्य में जिनकी गहन रुचि है और जो हिंदी में अपने विचारों को शुद्धता और स्पष्टता के साथ आसानी से रख लेते हैं |
-वैसे छात्र जो हिंदी में रचनात्मक क्षमता रखते हैं और हिंदी की किसी भी विधा में लेखन में लगे हैं |
-वैसे छात्र जिनकी शिक्षा हिंदी माध्यम से है और जिन्हें हिंदी भाषा में प्रभावी अभिव्यक्ति में कोई दिक्कत नहीं है |
यदि अपने स्नातक या स्नातकोत्तर किसी स्तर पर हिंदी साहित्य का अध्ययन किया है, या फिर हिंदी में रचनात्मक लेखन में आपकी अच्छी रूचि हो और आप किसी विषय पर अपने विचारों को सहज-सरल भाषा में प्रभावशाली रूप में अभिव्यक्त कर सकते हैं तो फिर यह विषय आपके लिए ही बना है. यह विषय सामान्य अध्ययन में तो आपको कोई फायदा नही पहुंचाता पर निबंध पत्र में आपको काफी अच्छे नंबर लाने में जरुर सहायता पहुंचाता है.
सिविल सेवा परीक्षा के लिए हिंदी भाषा और साहित्य वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम
मुख्य परीक्षा में हिंदी वैकल्पिक विषय के 250 अंकों के दो पत्र (कुल 500 अंक )हैं | पहला पत्र हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास पर केन्द्रित है | दूसरे पत्र में हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं की कृतियों का आस्वादन और उनपर केन्द्रित सवाल पूछे जायेंगे |
हिंदी प्रश्नपत्र 1
(उत्तर हिंदी में लिखने होंगे )
खंड 'क'
1.हिंदी भाषा एवं नागरी लिपि का इतिहास
१)अपभ्रंश, अवहट्ट एवं आरम्भिक हिंदी का व्याकरणिक एवं अनुप्रयुक्त स्वरुप
२)मध्यकाल में ब्रज एवं अवधी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास
३)सिद्धनाथ साहित्य, खुसरो, संत साहित्य, रहीम आदि कवियों एवं दक्खिनी हिंदी में खड़ी बोली हिंदी का प्रारंभिक स्वरुप
४)उन्नीसवीं शताब्दी में खड़ी बोली और नागरी लिपि का विकास
५)हिंदी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण
६)स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का विकास
७)भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी का विकास
८)हिंदी भाषा का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास
९)हिंदी की प्रमुख बोलियां और उनका परस्पर सम्बन्ध
१०)नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिंदी का स्वरुप
११)मानक हिंदी की व्याकरणिक संरचना
खंड 'ख'
2. हिंदी साहित्य का इतिहास
१)हिंदी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व तथा हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा
२) हिंदी साहित्य के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहित्यिक प्रवृतियाँ
क) आदिकाल- सिद्ध, नाथ एवं रासो साहित्य
प्रमुख कवि- चंदरवरदाई, खुसरो, हेमचन्द्र, विद्यापति
ख) भक्तिकाल- संत काव्यधारा, सूफी काव्यधारा, कृष्णभक्तिधारा एवं रामभक्तिधारा
प्रमुख कवि- कबीर, जायसी, सूर एवं तुलसी
ग) रीतिकाल- रीतिकाव्य, रीतिबद्ध काव्य एवं रीतिमुक्त काव्य
प्रमुख कवि- केशव, बिहारी, पद्माकर एवं घनानंद
घ) आधुनिक काल
*नवजागरण, गद्य का विकास, भारतेंदु मंडल
*प्रमुख लेखक- भारतेंदु, बालकृष्ण भट्ट एवं प्रताप नारायण मिश्र
*आधुनिक हिंदी कविता की प्रमुख प्रवृतियाँ : छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी कविता, नवगीत, समकालीन कविता और जनवादी कविता
प्रमुख कवि- मैथिलीशरण गुप्ता, प्रसाद, निराला, महादेवी, दिनकर, अज्ञेय, मुक्तिबोध, नागार्जुन
३) कथा साहित्य
क)उपन्यास और यथार्थवाद
ख)हिंदी उपन्यासों का उद्भव और विकास
ग) प्रमुख उपन्यासकार - प्रेमचंद, जैनेन्द्र, यशपाल, रेणु एवं भीष्म साहनी
घ) हिंदी कहानी का उद्भव और विकास
ड.)प्रमुख कहानीकार - प्रेमचंद, प्रसाद, अज्ञेय, मोहन राकेश एवं कृष्णा सोबती
४) नाटक और रंगमंच
क)हिंदी नाटक का उद्भव और विकास
ख) प्रमुख नाटककार - भारतेंदु, जयशंकर प्रसाद, जगदीश चन्द्र माथुर, रामकुमार वर्मा, मोहन राकेश
ग) हिंदी रंगमंच का विकास
५) आलोचना
क)हिंदी आलोचना का उद्भव एवं विकास
सैधांतिक, व्यवहारिक, प्रगतिवादी, मनोविश्लेषणवादी एवं नयी आलोचना
ख) प्रमुख आलोचक- रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामविलास वर्मा एवं नगेन्द्र
६) हिंदी गद्य की अन्य विधाएँ
ललित निबंध, रेखाचित्र, संस्मरण, यात्रा-वृतांत
प्रश्न पत्र -2
(उत्तर हिंदी में लिखने होंगे )
इस प्रश्न पत्र में निर्धारित मूल पाठ्य पुस्तकों को पढना अपेक्षित होगा और ऐसे प्रश्न पूछे जायेंगे जिससे अभ्यर्थी की आलोचनात्मक क्षमता की परीक्षा हो सके |
खंड 'क'
1. कबीर : कबीर ग्रंथावली, संपादक श्यामसुंदर दास (आरंभिक 100 पद )
2. सूरदास: भ्रमरगीत सार, संपादक रामचंद्र शुक्ल (आरंभिक 100 पद )
3. तुलसीदास: रामचरितमानस (सुंदर कांड)
कवितावली (उत्तरकाण्ड )
4. जायसी : पद्मावत, संपादक श्यामसुंदर दास (सिंघल द्वीप खंड एवं नागमती वियोग खंड)
5. बिहारी : बिहारी रत्नाकर, संपादक जगन्नाथ प्रसाद रत्नाकर ( आरंभिक 100 दोहे )
6. मैथिली शरण गुप्त : भारत भारती
7. जयशंकर प्रसाद : कामायनी (चिंता और श्रद्धा सर्ग )
8. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला : राग-विराग, संपादक रामविलास शर्मा ('राम की शक्ति पूजा' और 'कुकुरमुत्ता' )
9. रामधारी सिंह दिनकर : कुरुक्षेत्र
10. अज्ञेय : आँगन के पार द्वार (असाध्य वीणा )
11. मुक्तिबोध : ब्रह्मराक्षस
12. नागार्जुन : बादल को घिरते देखा है, अकाल के बाद, हरिजन गाथा
खंड 'ख'
1. भारतेंदु : भारत दुर्दशा
2. मोहन राकेश : आषाढ़ का एक दिन
3. रामचंद्र शुक्ल : चिंतामणि (भाग 1)- 'कविता क्या है' , 'श्रद्धा और भक्ति'
4. डॉ सत्येन्द्र : निबंध निलय - बालकृष्ण भट्ट, प्रेमचंद, गुलाब राय, हजारी प्रसाद द्विवेदी, राम विलास शर्मा, अज्ञेय, कुबेर नाथ राय
5. प्रेमचंद : गोदान
प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ट कहानियां, संपादक अमृत राय / मंजूषा- प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां, संपादक अमृत राय
6.जयशंकर प्रसाद : स्कंदगुप्त
7.यशपाल : दिव्या
8. फणीश्वर नाथ रेणु : मैला आँचल
9. मन्नू भंडारी : महाभोज
10.राजेंद्र यादव : एक दुनिया समानांतर( सभी कहानियां)
हिंदी विषय के लिए संक्षिप्त पुस्तक सूची इस प्रकार है-
प्रथम पत्र
१. हिंदी भाषा : हरदेव बाहरी
२. हिंदी भाषा का विकास : गोपाल राय
३. इग्नू से हिंदी भाषा एवं साहित्य में स्नातक(BA) व स्नातकोत्तर(MA) के भाषा एवं साहित्येतिहास खंड के नोट्स| इग्नू की किताबों से आप कवियों एवं साहित्यकारों के बारे में, हिंदी साहित्य के इतिहास के बारे में सम्यक तैयारी कर सकते हैं | पहले प्रश्न पत्र का एक बड़ा हिस्सा इग्नू की इन किताबों से पूरा किया जा सकता है | इनकी आपकी पूरी तयारी में लगभग पचास से साठ प्रतिशत तक भूमिका रहेगी |
४. हिंदी साहित्य एवं संवेदना का विकास : रामस्वरूप चतुर्वेदी
द्वितीय प्रश्न पत्र
१.भारत दुर्दशा- संवेदना व शिल्पा : रेवती रमण / सिद्धनाथ कुमार
२.मोहन राकेश और अषाढ़ का एक दिन - गिरीश रस्तोगी
३.महाकाव्य से मुक्ति - रेवती रमण
४. चिंतामणि प्रकाश - रेवती रमण
५. प्रसाद और स्कदगुप्त -रेवती रमण
६. सूरदास और भ्रमरगीत सार -डॉ किशोरीलाल*
७.कबीर साखी सुधा- डॉ वासुदेव सिंह *
८.प्रेमचंद की कहानिया :सादगी का सौंदर्य शास्त्र - डॉ सदानंद शाही
* मूल पाठ्य पुस्तक खरीदने की जरुरत नहीं, आलोचना और मूल पुस्तक दोनों एक साथ हैं |
(ऊपर दी गई अधिकांश पुस्तके अनुपम प्रकाशन (पटना) या राजकमल या वाणी प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित है
द्वारा प्रकाशित है . .
द्वितीय प्रश्न पत्र में अन्य मूल किताबे खरीदनी हैं .)
किताबों के अलावा छात्र कुछ साहित्यिक पत्रिकाएँ यथा आजकल, नया ज्ञानोदय, तद्भव, कथन, कथादेश आदि में से कोई एक या दो ,नियमित रूप से ले सकते हैं. साथ ही हिंदी में इन्टरनेट पर उपलब्ध सामग्री में www.hindisamay.com तथा कविताकोश एवं कहानी कोष का सन्दर्भ के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं. पुस्तक मेलों में भी आपको अपनी पसंद की तथा नई- नई पुस्तकों के बारे में जानकारी मिलेगी |
मेरी अपनी राय में हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ रखने वाले छात्रों के लिए या फिर उन छात्रों के लिए जिनका हिंदी साहित्य से गहरा अनुराग है, वे हिंदी भाषा एवं साहित्य वैकल्पिक विषय के साथ अपना आईएएस, आईपीएस , आईएफएस एवं अन्य प्रतिष्ठित केंद्रीय सेवाओं में जाने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं | इस विषय के साथ सिविल सेवा की तैयारी में जुटे साथियों की मदद के लिए मैं यथासंभव मदद के लिए तत्पर रहूँगा |
शुभकामनाओं के साथ,
केशवेन्द्र कुमार , आईएएस
जिला कलक्टर, वायनाड, केरल
कैसे छात्र रखे हिंदी वैकल्पिक विषय सिविल सेवा परीक्षा के लिए-
हर छात्र की विषय विशेष के प्रति अपनी रुचि और रुझान होता है | हिंदी वैकल्पिक विषय वैसे छात्रों के लिए उपयुक्त है जिन्होंने-
-बी.ए./एम.ए. में हिंदी भाषा और साहित्य पढ़ा है और इस विषय पर उनकी अच्छी पकड़ है |
-वैसे छात्र जिन्होंने स्नातक या पीजी के स्तर पर हिंदी नही पढ़ी है पर हिंदी भाषा और साहित्य में जिनकी गहन रुचि है और जो हिंदी में अपने विचारों को शुद्धता और स्पष्टता के साथ आसानी से रख लेते हैं |
-वैसे छात्र जो हिंदी में रचनात्मक क्षमता रखते हैं और हिंदी की किसी भी विधा में लेखन में लगे हैं |
-वैसे छात्र जिनकी शिक्षा हिंदी माध्यम से है और जिन्हें हिंदी भाषा में प्रभावी अभिव्यक्ति में कोई दिक्कत नहीं है |
यदि अपने स्नातक या स्नातकोत्तर किसी स्तर पर हिंदी साहित्य का अध्ययन किया है, या फिर हिंदी में रचनात्मक लेखन में आपकी अच्छी रूचि हो और आप किसी विषय पर अपने विचारों को सहज-सरल भाषा में प्रभावशाली रूप में अभिव्यक्त कर सकते हैं तो फिर यह विषय आपके लिए ही बना है. यह विषय सामान्य अध्ययन में तो आपको कोई फायदा नही पहुंचाता पर निबंध पत्र में आपको काफी अच्छे नंबर लाने में जरुर सहायता पहुंचाता है.
सिविल सेवा परीक्षा के लिए हिंदी भाषा और साहित्य वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम
मुख्य परीक्षा में हिंदी वैकल्पिक विषय के 250 अंकों के दो पत्र (कुल 500 अंक )हैं | पहला पत्र हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास पर केन्द्रित है | दूसरे पत्र में हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं की कृतियों का आस्वादन और उनपर केन्द्रित सवाल पूछे जायेंगे |
हिंदी प्रश्नपत्र 1
(उत्तर हिंदी में लिखने होंगे )
खंड 'क'
1.हिंदी भाषा एवं नागरी लिपि का इतिहास
१)अपभ्रंश, अवहट्ट एवं आरम्भिक हिंदी का व्याकरणिक एवं अनुप्रयुक्त स्वरुप
२)मध्यकाल में ब्रज एवं अवधी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास
३)सिद्धनाथ साहित्य, खुसरो, संत साहित्य, रहीम आदि कवियों एवं दक्खिनी हिंदी में खड़ी बोली हिंदी का प्रारंभिक स्वरुप
४)उन्नीसवीं शताब्दी में खड़ी बोली और नागरी लिपि का विकास
५)हिंदी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण
६)स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का विकास
७)भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी का विकास
८)हिंदी भाषा का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास
९)हिंदी की प्रमुख बोलियां और उनका परस्पर सम्बन्ध
१०)नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिंदी का स्वरुप
११)मानक हिंदी की व्याकरणिक संरचना
खंड 'ख'
2. हिंदी साहित्य का इतिहास
१)हिंदी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व तथा हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा
२) हिंदी साहित्य के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहित्यिक प्रवृतियाँ
क) आदिकाल- सिद्ध, नाथ एवं रासो साहित्य
प्रमुख कवि- चंदरवरदाई, खुसरो, हेमचन्द्र, विद्यापति
ख) भक्तिकाल- संत काव्यधारा, सूफी काव्यधारा, कृष्णभक्तिधारा एवं रामभक्तिधारा
प्रमुख कवि- कबीर, जायसी, सूर एवं तुलसी
ग) रीतिकाल- रीतिकाव्य, रीतिबद्ध काव्य एवं रीतिमुक्त काव्य
प्रमुख कवि- केशव, बिहारी, पद्माकर एवं घनानंद
घ) आधुनिक काल
*नवजागरण, गद्य का विकास, भारतेंदु मंडल
*प्रमुख लेखक- भारतेंदु, बालकृष्ण भट्ट एवं प्रताप नारायण मिश्र
*आधुनिक हिंदी कविता की प्रमुख प्रवृतियाँ : छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी कविता, नवगीत, समकालीन कविता और जनवादी कविता
प्रमुख कवि- मैथिलीशरण गुप्ता, प्रसाद, निराला, महादेवी, दिनकर, अज्ञेय, मुक्तिबोध, नागार्जुन
३) कथा साहित्य
क)उपन्यास और यथार्थवाद
ख)हिंदी उपन्यासों का उद्भव और विकास
ग) प्रमुख उपन्यासकार - प्रेमचंद, जैनेन्द्र, यशपाल, रेणु एवं भीष्म साहनी
घ) हिंदी कहानी का उद्भव और विकास
ड.)प्रमुख कहानीकार - प्रेमचंद, प्रसाद, अज्ञेय, मोहन राकेश एवं कृष्णा सोबती
४) नाटक और रंगमंच
क)हिंदी नाटक का उद्भव और विकास
ख) प्रमुख नाटककार - भारतेंदु, जयशंकर प्रसाद, जगदीश चन्द्र माथुर, रामकुमार वर्मा, मोहन राकेश
ग) हिंदी रंगमंच का विकास
५) आलोचना
क)हिंदी आलोचना का उद्भव एवं विकास
सैधांतिक, व्यवहारिक, प्रगतिवादी, मनोविश्लेषणवादी एवं नयी आलोचना
ख) प्रमुख आलोचक- रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामविलास वर्मा एवं नगेन्द्र
६) हिंदी गद्य की अन्य विधाएँ
ललित निबंध, रेखाचित्र, संस्मरण, यात्रा-वृतांत
प्रश्न पत्र -2
(उत्तर हिंदी में लिखने होंगे )
इस प्रश्न पत्र में निर्धारित मूल पाठ्य पुस्तकों को पढना अपेक्षित होगा और ऐसे प्रश्न पूछे जायेंगे जिससे अभ्यर्थी की आलोचनात्मक क्षमता की परीक्षा हो सके |
खंड 'क'
1. कबीर : कबीर ग्रंथावली, संपादक श्यामसुंदर दास (आरंभिक 100 पद )
2. सूरदास: भ्रमरगीत सार, संपादक रामचंद्र शुक्ल (आरंभिक 100 पद )
3. तुलसीदास: रामचरितमानस (सुंदर कांड)
कवितावली (उत्तरकाण्ड )
4. जायसी : पद्मावत, संपादक श्यामसुंदर दास (सिंघल द्वीप खंड एवं नागमती वियोग खंड)
5. बिहारी : बिहारी रत्नाकर, संपादक जगन्नाथ प्रसाद रत्नाकर ( आरंभिक 100 दोहे )
6. मैथिली शरण गुप्त : भारत भारती
7. जयशंकर प्रसाद : कामायनी (चिंता और श्रद्धा सर्ग )
8. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला : राग-विराग, संपादक रामविलास शर्मा ('राम की शक्ति पूजा' और 'कुकुरमुत्ता' )
9. रामधारी सिंह दिनकर : कुरुक्षेत्र
10. अज्ञेय : आँगन के पार द्वार (असाध्य वीणा )
11. मुक्तिबोध : ब्रह्मराक्षस
12. नागार्जुन : बादल को घिरते देखा है, अकाल के बाद, हरिजन गाथा
खंड 'ख'
1. भारतेंदु : भारत दुर्दशा
2. मोहन राकेश : आषाढ़ का एक दिन
3. रामचंद्र शुक्ल : चिंतामणि (भाग 1)- 'कविता क्या है' , 'श्रद्धा और भक्ति'
4. डॉ सत्येन्द्र : निबंध निलय - बालकृष्ण भट्ट, प्रेमचंद, गुलाब राय, हजारी प्रसाद द्विवेदी, राम विलास शर्मा, अज्ञेय, कुबेर नाथ राय
5. प्रेमचंद : गोदान
प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ट कहानियां, संपादक अमृत राय / मंजूषा- प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां, संपादक अमृत राय
6.जयशंकर प्रसाद : स्कंदगुप्त
7.यशपाल : दिव्या
8. फणीश्वर नाथ रेणु : मैला आँचल
9. मन्नू भंडारी : महाभोज
10.राजेंद्र यादव : एक दुनिया समानांतर( सभी कहानियां)
हिंदी विषय के लिए संक्षिप्त पुस्तक सूची इस प्रकार है-
प्रथम पत्र
१. हिंदी भाषा : हरदेव बाहरी
२. हिंदी भाषा का विकास : गोपाल राय
३. इग्नू से हिंदी भाषा एवं साहित्य में स्नातक(BA) व स्नातकोत्तर(MA) के भाषा एवं साहित्येतिहास खंड के नोट्स| इग्नू की किताबों से आप कवियों एवं साहित्यकारों के बारे में, हिंदी साहित्य के इतिहास के बारे में सम्यक तैयारी कर सकते हैं | पहले प्रश्न पत्र का एक बड़ा हिस्सा इग्नू की इन किताबों से पूरा किया जा सकता है | इनकी आपकी पूरी तयारी में लगभग पचास से साठ प्रतिशत तक भूमिका रहेगी |
४. हिंदी साहित्य एवं संवेदना का विकास : रामस्वरूप चतुर्वेदी
द्वितीय प्रश्न पत्र
१.भारत दुर्दशा- संवेदना व शिल्पा : रेवती रमण / सिद्धनाथ कुमार
२.मोहन राकेश और अषाढ़ का एक दिन - गिरीश रस्तोगी
३.महाकाव्य से मुक्ति - रेवती रमण
४. चिंतामणि प्रकाश - रेवती रमण
५. प्रसाद और स्कदगुप्त -रेवती रमण
६. सूरदास और भ्रमरगीत सार -डॉ किशोरीलाल*
७.कबीर साखी सुधा- डॉ वासुदेव सिंह *
८.प्रेमचंद की कहानिया :सादगी का सौंदर्य शास्त्र - डॉ सदानंद शाही
* मूल पाठ्य पुस्तक खरीदने की जरुरत नहीं, आलोचना और मूल पुस्तक दोनों एक साथ हैं |
(ऊपर दी गई अधिकांश पुस्तके अनुपम प्रकाशन (पटना) या राजकमल या वाणी प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित है
द्वारा प्रकाशित है . .
द्वितीय प्रश्न पत्र में अन्य मूल किताबे खरीदनी हैं .)
किताबों के अलावा छात्र कुछ साहित्यिक पत्रिकाएँ यथा आजकल, नया ज्ञानोदय, तद्भव, कथन, कथादेश आदि में से कोई एक या दो ,नियमित रूप से ले सकते हैं. साथ ही हिंदी में इन्टरनेट पर उपलब्ध सामग्री में www.hindisamay.com तथा कविताकोश एवं कहानी कोष का सन्दर्भ के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं. पुस्तक मेलों में भी आपको अपनी पसंद की तथा नई- नई पुस्तकों के बारे में जानकारी मिलेगी |
मेरी अपनी राय में हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ रखने वाले छात्रों के लिए या फिर उन छात्रों के लिए जिनका हिंदी साहित्य से गहरा अनुराग है, वे हिंदी भाषा एवं साहित्य वैकल्पिक विषय के साथ अपना आईएएस, आईपीएस , आईएफएस एवं अन्य प्रतिष्ठित केंद्रीय सेवाओं में जाने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं | इस विषय के साथ सिविल सेवा की तैयारी में जुटे साथियों की मदद के लिए मैं यथासंभव मदद के लिए तत्पर रहूँगा |
शुभकामनाओं के साथ,
केशवेन्द्र कुमार , आईएएस
जिला कलक्टर, वायनाड, केरल