शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017

सिविल सेवा साक्षात्कार 2017- हिंदी माध्यम से सफलता की बुलंदी छुएं / UPSC CIVIL SERVICE INTERVIEW 2017

सिविल सेवा 2017 की मुख्य परीक्षा संपन्न हो चुकी है | जिन प्रतिभागियों की परीक्षा अच्छी गई है, वे तो पूरी दम-ख़म से साक्षात्कार की तैयारी में लगे हैं, मगर जिनकी परीक्षा उतनी अच्छी नहीं गयी है, उनसे मैं यही कहना चाहूँगा की फिर से एक ईमानदार कोशिश करे- स्वविश्लेषण कर अपनी तैयारी की कमजोरियों को दूर करे और याद रखे कि- कोशिश करने वालों की हार नहीं होती | अभी से अगले साल की प्राथमिक परीक्षा के साथ-साथ साक्षात्कार की तैयारियों में जुट जाए |

मुख्य परीक्षा में अपनी सफलता के प्रति आश्वस्त  प्रतिभागियों के पास समय वाकई कम है.  जल्दी ही साक्षात्कार शुरू हो रहे हैं और इसी थोड़े समय में आपको अपने व्यक्तित्व में धार लगानी है. आपको साक्षात्कार बोर्ड के सामने अपने आपको सम्पूर्णता में सामने रखना है अपनी मानवीय खूबियों-खामियों के साथ. मेरी सलाह यही है की चिंता में अपना सर खुजाने की जगह उपरवाले का शुक्रिया अदा करते हुए आगे की तैयारियों में जुट जाये |

साथियों, साक्षात्कार की तैयारी के समय सिविल सेवा परीक्षा की नोटिफिकेशन से साक्षात्कार के सम्बन्ध में दिए निर्देश को अपने दिशासूचक की तरह प्रयोग करें  | ये निर्देश इस प्रकार हैं -

अ)उम्मीदवार  का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार का बायोडाटा होगा | उससे सामान्य रूचि की बातों पर प्रश्न पूछे जायेंगे | साक्षात्कार का उद्देश्य यह जानना है की उम्मीदवार लोकसेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं | यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक क्षमता को जांचने के अभिप्राय से की जाती है | मोटे तौर पर इस परीक्षा का प्रयोजन न केवल उसके बौध्दिक गुणों को वरन सामाजिक लक्षणों को और सामाजिक घटनाओं में उसकी रूचि  का भी  मूल्याङ्कन करना  है | इसमें उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति, स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति, संतुलित निर्णय की शक्ति, रूचि की विविधता और गहराई, नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता, बौधिक और नैतिक ईमानदारी की भी जांच की जा सकती है |
आ) साक्षात्कार की प्रणाली क्रॉस-एग्जामिनेशन की नहीं वरन स्वाभाविक वार्तालाप की प्रक्रिया द्वारा उम्मीदवार के मानसिक गुणों का पता लगाने का प्रयत्न किया जाता है | परन्तु, वह वार्तालाप एक विशेष दिशा में एवं एक विशेष प्रयोजन से होता है |

इ) साक्षात्कार उम्मीदवार के सामान्य या विशेष ज्ञान की परीक्षा के लिए नहीं होता क्यूंकि उनकी जांच लिखित प्रश्न पत्रों में पहले ही हो जाती है | उम्मीदवारों से आशा की जाती है की वो ना केवल अपने शैक्षणिक विशेष विषयों में पारंगत हो बल्कि उन घटनाओं पर भी ध्यान दें जो उनके चारों और अपने राज्य या देश के भीतर और बाहर घट रही हैं, तथा आधुनिक विचारधारा और नई-नई खोजों में भी रूचि लें जो की किसी सुशिक्षित युवा में जिज्ञासा पैदा कर सकती है |"


साक्षात्कार की औपचारिकताओं से मैं इस लेख की शुरुआत करना चाहूँगा |. ये चीजें महत्वपूर्ण है पर बहुत ज्यादा नहीं. साक्षात्कार बोर्ड के लोग आप सिविल सेवा के लिए कितने उपयुक्त है, इसे जांचने-परखने के लिए बैठे हैं. इसलिए आपके अन्दर क्या है, यह उनके लिए ज्यादा मायने रखता है. हालांकि, बाहरी व्यक्तित्व भी गरिमामय हो, इस बात का ध्यान रखना जरुरी है.

1.औपचारिकताए-- साक्षात्कार के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के सारे सर्टिफिकेट करीने से रखें | जाति प्रमाणपत्र (अगर आप अनुसूचित जाति/ जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं ),  अपने नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाणपत्र (अगर आप वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं ) और साक्षात्कार फॉर्म में दिए अन्य निर्दिष्ट प्रमाण पत्र साथ में रखना ना भूलें | आपके साक्षात्कार से पहले आपके सर्टिफिकेट वेरीफाई किये जायेंगे |

2.वेश-भूषा -  आपका पहनावा औपचारिक एवं गरिमापूर्ण होना चाहिए | हाँ, इस बात का ध्यान रखे की आप मॉडलिंग के लिए नहीं जा रहे हैं | मैंने अपने साक्षात्कार के लिए डार्क ब्लू कलर की पैंट और उजले में महीन सोबर डिजाईन वाली शर्ट पहनी थी | टाई का प्रयोग आपकी इच्छा पर है, पर अगर आप इसके साथ आरामदेह है तो टाई का व्यवहार करे | बेल्ट और शू फॉर्मल होनी चाहिए | सबसे महत्त्वपूर्ण बात है की आप अपने साक्षात्कार के दिन के ड्रेस के साथ सहज और विश्वस्त होने चाहिए | साक्षात्कार के पहले ड्रेस को दो-तीन बार पहने | एक वैकल्पिक जोड़ा भी साथ में रखे |

3.अभिवादन -
हिंदी माध्यम से जो छात्र साक्षात्कार देने जाते हैं, उनको इस बात की सबसे ज्यादा उलझन होती है की अभिवादन में हिंदी का व्यवहार करे या प्रचलित अंग्रेजी जुमलों का | मेरी अपनी राय है की जब आप पूरा साक्षात्कार हिंदी में देने जा रहे हैं तो उसकी शुरुआत अंग्रेजी के साथ करना इस बात को दर्शाता है की आप अपनी भाषा को कमतर मानते है | कमरे में प्रवेश के समय अनुमति भी हिंदी में ही मागे- "क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ श्रीमान ?"( वैसे बहुत बार इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती है , साक्षात्कार बोर्ड गेट खुलते ही  आपका नाम पुकारते हुए आपको अन्दर आकर बैठने को कह सकता है |) अन्दर जाकर आप अपने लिए निर्दिष्ट कुर्सी के पास जाकर खड़े होकर चेहरे पर मुस्कराहट के साथ भारतीय परम्परा में साक्षात्कार बोर्ड के अध्यक्ष/अध्यक्षा एवं अन्य सदस्यों की तरफ देखते हुए हाथ जोड़ कर नमस्कार करे | सामान्यतः चेयरमैन बीच में और चार अन्य सदस्य (दो उनकी दायीं तरफ और दो बायीं तरफ ) होते हैं | आप अभिवादन करते हुए एक बार चेयरमैन को, एक बार दायीं और के दो सदस्यों को और एक बार बायीं और के दो सदस्यों को देखते हुए नमस्कार करें | सारे सदस्यों को अलग- अलग नमस्कार करने की जरुरत नहीं है | हाँ  अगर कोई महिला सदस्य हो तो आप उन्हें अलग से नमस्ते कर सकते हैं |


4.बायो-डाटा -    आप सबों की तरह मुझे भी ये शंका थी कि आप के सर्टिफिकेट और बायोडाटा साक्षात्कार कक्ष में आपके साथ रखना जरुरी है या नहीं? आपके द्वारा भरे गए विवरण के आधार पर आपका बायोडाटा साक्षात्कारकर्ताओं के पास मौजूद होता है | अतः , आप अपने बायोडाटा और सर्टिफिकेट की फाइल अपने साथ ले तो जरुर जाए पर उसे साक्षात्कार कक्ष के बाहर में चौकीदार के सुपुर्द कर खाली हाथ अन्दर प्रवेश करें |


तो, साक्षात्कार के दिन क्या पहनना है, किस तरह के कपड़े आपके व्यक्तित्व की सही  झलक देंगे, प्रमाणपत्र, बायोडाटा जैसी आवश्यक  औपचारिकताए ३-४ दिनों के अन्दर निपटा ले. इनके बाद आपको अपने साक्षात्कार के केंद्र बिंदु पर ध्यान देना है |

5. साक्षात्कार की तैयारी
सबसे पहले आपने प्राथमिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के फॉर्म को भरने में जो जानकारियां भरी हैं, उनकी एक कॉपी ले अपनी एक डायरी या नोट बुक में साक्षात्कार के संभावित टॉपिक का चयन करे.

कुछ संभावित टॉपिक इस प्रकार हैं-

क). आपकी शैक्षिक पृष्ठभूमि एवम आपका सिविल सेवा में वैकल्पिक विषय   - आपने जिस विषय से स्नातक  एवं उससे ऊपर का अध्ययन किया है उसकी एक स्तरीय जानकारी होना आपके लिए जरुरी है | वर्तमान में उस विषय से जुड़े मुद्दे जो ख़बरों में हो उसकी भी जानकारी आपके लिए अनिवार्य है | आपके वैकल्पिक विषय पर भी आपकी अच्छी पकड़ होनी चाहिए और उस विषय से संबंधित कोई मुद्दा अगर चर्चा में हो तो आपको उसके बारे में पूरी तरह तैयार रहना चाहिए |

ख). आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि- आप अपने घर और अपने घर के लोगों खासकर अपने माता-पिता के कार्यक्षेत्र, अपने भाइयों-बहनों के बारे में कोई विशिष्ट बात हो तो उसकी पूरी जानकारी रखे |

ग). आपका गृह राज्य- उसका इतिहास-भूगोल-राजनीति-कला-संस्कृति और वहां वर्तमान में चर्चा में रही ख़बरें जो राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में रही हो | बहुत बार आप के साक्षात्कार का एक बड़ा हिस्सा आपके राज्य से जुड़े सवालों के ऊपर हो सकता है | आपके राज्य में किसी विभाग में आपको काम करना का मौका मिले तो आपकी क्या प्राथमिकताएँ होंगी, ऐसे सवाल भी पूछे जा सकते हैं | शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, राज्य में चल रही विभिन्न केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाएं के बारे में विस्तार से पूछा जा सकता है |

घ). आपका गृह जिला- वहां की खास बातें, वहां का प्रशासन, अगर आपको वहां का जिला कलक्टर या पुलिस कप्तान का कार्यभार दिया जाये तो क्या बदलाव लायेंगे|

ङ). अगर आप कोई नौकरी कर रहे हो तो उस नौकरी के बारे में विस्तृत जानकारी चाहिए | कभी-कभी टेढ़े सवाल जैसे क्या आप अपनी अभी की नौकरी को पसंद नहीं करते , आप इसे क्यों छोड़ना चाहते है -जैसे सवाल पूछे जा सकते हैं जिसके सकारात्मक जवाब आपके पास होने चाहिए |

च).अगर आप कही दुसरे राज्य में कार्य कर रहे हैं या वहां से आपने पढाई की है  तो उस राज्य और जिले के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाना जरुरी है. कभी-कभी आपके गृह राज्य और दुसरे राज्य की तुलना करें जैसे सवाल पूछे जाने पर बहुत ही निष्पक्ष, तार्किक और संतुलित उत्तर दें |

छ),भारत के इतिहास, भूगोल, वर्तमान, भविष्य, यहाँ की कला-संस्कृति-सभ्यता- धर्म-साहित्य- प्रशासन-राजनीति जैसे मुद्दों पर आपके पास समुचित जानकारी होनी चाहिए |

ज).अंतर्राष्ट्रीय संबध -खासकर भारत के विदेश संबंधों के बारे में आपकी स्पष्ट राय होनी चाहिए. अभी खासकर बांग्लादेश, म्यांमार ,श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान, उत्तर कोरिया, इजराइल , चीन, अमेरिका, रूस  ब्रिटेन जैसे देशों से भारत के  संबंध के बारे में  समुचित जानकारी जुटाए | चीन और भारत के रिश्तों में डोकलाम विवाद  को देखते हुए भारत-चीन सम्बन्ध पर सम्यक रूप से जानकारी रखे | हिन्द महासागर और चीन सागर क्षेत्र में बनते नए शक्ति समीकरणों पर भी आपकी पकड़ होनी चाहिए | वर्तमान सरकार की विदेश नीति और भारतीय मूल के लोगों एवं प्रवासी भारतियों के प्रति नीतिगत बदलावों के बारे में भी पूरी जानकारी रखे | रोहिंग्या मुद्दे के मद्देनजर भारत की शरणार्थियों के प्रति नीति का भी ज्ञान रखे |

झ).आपने सेवाओं की जो प्राथमिकता दी है, उसके स्पष्ट और तर्कपूर्ण उत्तर आपके पास होने चाहिए. और आपके उत्तरों से ऐसा नही लगना चाहिए की आप किसे सर्विस को कम करके आंक रहे हैं .
उदाहरण के लिए यदि आपकी पहली प्राथमिकता आईएएस और दूसरी आईएफएस है तो उसका कारण आपसे पूछा जा सकता है. अगर आपने कुछ अनोखी प्राथमिकताएँ दी है, तो सवाल पूछे जाने की संभावनाएं ज्यादा होती है. जैसे किसी की प्रथम चॉइस अगर IRS या आईपीएस हो तो 'क्यूँ 'का आपके पास संतोषजनक उत्तर होना चाहिए.

ञ). राज्यों की प्राथमिकताओं पर भी सवाल हो सकते हैं. ईमानदार जवाब काफी है. हर किसी के अपने गृह राज्य या नजदीक के राज्य या पसंद के राज्य में जाने के अपने -अपने कारण होते है. उसे विश्वस्तपूर्ण रूप में बताना काफी है. हाँ, बोर्ड को ये नही लगना चाहिए की आप समस्याग्रस्त राज्यों से भागने की चेष्टा कर रहे हैं.

ट). बजट के बारे में मुख्य जानकारियां आपके पास होनी चाहिए.

ठ). समसामयिक मुद्दों  जैसे
- बच्चों के विरुद्ध बढती हिंसा एवं यौन अपराध- विद्यालयों में असुरक्षित होते बच्चे
 -वैश्विक स्तर पर फैलते आतंकवाद - ISIS के फैलते साम्राज्य-
 -जलवायु परिवर्तन- दिल्ली में फैले वायु प्रदूषण की समस्या और संभावित समाधान
-भ्रष्टाचार-विमुद्रीकरण एवं GST से क्या बदलाव आएगा
 - महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते  अपराध एवं यौन हिंसा - क्या उपाय चाहिए इनपर रोक लगाने के लिए
- विधायिका-न्यायपालिका-कार्यपालिका में शक्ति संतुलन
-ओखी चक्रवात के सन्दर्भ में आपदा प्रबंधन एवं पूर्वानुमान
  जैसे मुद्दों पर आपके पास एक संतुलित और तार्किक राय होनी चाहिए. अति से बचे. हमेशा ध्यान रखे की विचारों में बुद्ध के मध्यम  मार्ग का पालन हमेशा श्रेयस्कर होता है. मूल्यों पर अटल रहे पर विचारों में लचीलापन बनाये रखे. आपके खुद के विचार समय के साथ कैसे बदलते हैं , इसका विश्लेषण करने पर आप इस बात की उपयोगिता समझ पाएंगे. अपने विचारों के साथ दूसरों (बोर्ड के सदस्यों ) के विचारों का भी आदर करे और हठधर्मिता से बचे. नित्य समाचारपत्र, सिविल सेवा की दो-तीन  स्तरीय पत्रिकाएँ यथा प्रतियोगिता दर्पण , कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु, बीबीसी हिंदी, टीवी पर कुछ अच्छी गुणवत्ता के डिबेट को देखते रहे |

ड). पाठ्येतर गतिविधियों में अगर आपकी सहभागिता रही है तो उसके बारे में पूरा जानकारी जुटा कर रखे.

ढ). आप सिविल सेवा में क्यूँ आना चाहते हैं , आपको इसमें आने के लिए किससे प्रेरणा मिली -यह काफी प्रचलित सवाल है और इस सवाल का ईमानदार और सटीक उत्तर बोर्ड को आपका मुरीद बना सकता है | घिसे-पिटे उत्तरों से बचे, अपने अनुभव और अपनी विचारों को संजोकर उत्तर दे |

ण). आपने फॉर्म में जो शौक फरमाए हैं(HOBBY) वो आपको शोक/शॉक न दें, इसका ख्याल रखे. हॉबी से साक्षात्कार  में ढेर सारे सवाल आने की आशा रख सकते हैं. इसलिए, हॉबी में आपने जो- जो विषय दिए हैं, उसके बारे में आपके पास पूरी जानकारी होनी चाहिए. जैसे, अगर आपने किताबें पढना अपनी हॉबी में दिया है तो हाल में पढ़ी अच्छी किताबों के बारे में, आपके प्रिय लेखक एवं कवि के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए.  आपको साहित्यिक फेस्टिवल एवं पुस्तक मेलों के आयोजन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए.

साक्षात्कार में हॉबी एक ऐसा क्षेत्र है जो कभी-कभी आपके सफलता या विफलता का फैसला कर सकता है | मैं अपने वर्ष 2008 में हुए साक्षात्कार का उदाहरण आप लोगों के सामने रखना चाहूँगा | मैंने अपने फॉर्म में सात हॉबी दी थी - डायरी लिखना, कविता लिखना, ध्यान, औरों को प्रेरित करना, समाज सेवा , प्रकृति का आनंद लेना , वाद-विवाद-संवाद में सहभागिता | मेरे साक्षात्कार की शुरुआत हॉबी से हुई और आखिरी प्रश्न भी हॉबी पर ही था | लगभग पचीस मिनट चले साक्षात्कार का एक तिहाई हिस्सा मेरे हॉबी पर केन्द्रित रहा | और, इस साक्षात्कार ने मुझे 300 में 210 अंक दिलाये जो की पहले प्रयत्न के हिसाब से बड़ी उपलब्धि थी |


 श्रीमती परवीन तल्हा की बोर्ड में चले मेरे इंटरव्यू का पहला सवाल था की आप डायरी में क्या लिखते है ? मैंने नपा-तुला संतुलित जवाब दिया | फिर सवाल आया की किसी एक प्रसिद्ध डायरी का नाम बताये | मैंने हिंदी में एक- दो लेखक के नाम लिए पर उन्होंने मुझे टोकते हुए कहा की विश्व भर में प्रसिद्ध डायरी .. एकाएक मुझे एन्न फ्रैंक की डायरी का ख्याल आया और मैंने जवाब दिया | शायद इसी जवाब की वो अपेक्षा कर रही थी, सो उनके चेहरे पर संतोष की मुस्कान आ गयी | फिर इस डायरी से जुड़े कुछ प्रश्न उन्होंने पूछे-किसने लिखा, कब लिखा, कहाँ लिखा, विषय क्या है ? मैंने इस डायरी को बड़े लगाव से वर्ष 2006 में पढ़ा था और अपनी डायरी में नोट भी लिए थे , सो मैंने इन सारे सवालों के संतुष्टिप्रद जवाब दिए |


इसके बाद मैडम मेरी अगली हॉबी की और मुड़ी और मुझसे कहा की आप कविता लिखते है ..अपनी किसी कविता की चार पंक्तियाँ सुनाये |
मैंने दृढ़ता से कहा कि मैं अपनी एक छोटी से कविता पूरी सुनाना चाहूँगा क्यूंकि चार पंक्तियों में मेरी कविता पूरी तरह से आप लोगों के सामने नहीं आ पायेगी | मैडम ने मुस्कराहट के साथ अनुमति दी | फिर मैंने अपनी हिंदी कविता -'मज़बूरी का नाम महात्मा गाँधी' सुनाई | कविता का आनंद आप लोग भी ले-


मज़बूरी का नाम महात्मा गाँधी




पता नही कब से मज़बूरी का

नाम महात्मा गाँधी है,

हर मुश्किल में हर बेबस की

ढाल महात्मा गाँधी है |



अक्सर इस जुमले को सुनते-

सुनते मन में आता है -

गाँधी जी का मज़बूरी से

ऐसा भी क्या नाता है?



ऑफिस की दीवारों पर

गाँधी की फोटो टंगी-टंगी,

बाबुओं का घूस मांगना

देखा करती घडी- घडी |



चौराहों- मैदानों में

बापू की प्रतिमा खड़ी- खड़ी,

नेताओं के झूठे वादे

सुनती विवश हो घडी-घडी |



गाँधी का चरखा, गाँधी की

खादी आज अतीत हुई,

गाँधी के घर में ही देखो

गोडसे की जीत हुई |



गाँधी जी की हिन्दुस्तानी

पड़ी आज भी कोने में,

गाँधी के प्यारे गांवों में

कमी न आयी रोने में.



नोटों पर छप, छुपकर गाँधी

सब कुछ देखा करते हैं

हर कुकर्म का, अपराधों का

मन में लेखा करते हैं.



गाँधी भारत का बापू था,

इंडिया में उसका काम नही,

मज़बूरी के सिवा यहाँ होठों पर

गाँधी नाम नही.



इतना कुछ गुन-कह-सुन मैंने

बात गांठ यह बंधी है-

गाँधी होने की मज़बूरी का ही

नाम महात्मा गाँधी है.


जब मैं कविता सुना रहा था, तब कमरे में पूर्ण शांति थी और सारे बोर्ड मेम्बर बड़ी गंभीरता से इसे सुन रहे थे | जब मैंने कविता ख़त्म की तब मैडम ने मेरी कविता से सन्दर्भ लेते हुए सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार पर सवाल पूछा | सवाल था की आप व्यवस्था के यथार्थ को जानते है, फिर भी आप इस व्यवस्था का हिस्सा क्यूँ बनना चाहते हैं ?  मैंने मुस्कान के साथ जवाब दिया- इस व्यवस्था को बदलने के लिए | फिर अगला सवाल था-कैसे?
मैंने विस्तार में उस सवाल का जवाब दिया |


इसके बाद कुछ प्रश्न बीरभूम जिला (पश्चिम बंगाल ) के बारे में थे जहाँ मैं रेलवे में बुकिंग क्लर्क की नौकरी कर रहा था | अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर सवाल आये (राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध वैकल्पिक विषय ), भारत का स्वतंत्रता संग्राम और भारत के विकास के मुद्दों पर सवाल पूछे गए | सबसे अंत में फिर हॉबी पर सवाल आया | एक बोर्ड मेम्बर ने पुछा की समाजसेवा आपकी हॉबी में कैसे शामिल है ?
दरअसल मैं बीरभूम जिले में तितली नाम के एक समाजसेवी संगठन से जुदा था जो बाल मजदूर और सेक्स वर्कर के बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए काम करती है | मैंने उन्हें इस संगठन से अपने जुडाव के बारे में बताया और वे इससे काफी प्रभावित भी हुए | फिर एक बोर्ड मेम्बर ने पुछा की आप समाजसेवा की हॉबी को प्रशासन में आने के बाद कैसे जारी रखेंगे? मैंने जवाब दिया की अगर एक प्रशासक सारे सरकारी कल्याणकारी  योजनाओं का प्रभावी एवं इमानदार निष्पादन सुनिश्चित कर सके तो वह सबसे बड़ी समाजसेवा होगी | इंटरव्यू बोर्ड के सारे सदस्य संतुष्ट और सहमत दिखे |

मेरा सुझाव है की आप ने अपने फॉर्म में जो हॉबी या पाठ्येतर गतिविधियाँ दी है, उनके बारे में गंभीर हो कर तैयारी करें | आप अपनी हॉबी के बारे में, उस हॉबी से जुड़े अन्य प्रधान व्यक्तियों के बारें में, आपको  उस हॉबी से क्या मिलता है जैसे सारे संभावित सवाल और उनके उत्तर तैयार करें | इस बात का ख्याल रखे की जब आप अपनी हॉबी के बारे में बात कर रहें हो तो आपके चेहरे पर ख़ुशी और चमक हो |



त).बहुत सारे परिस्थिति वाले सवाल आपसे पूछे जा सकते हैं जैसे-
   --अगर आप किसी नक्सल प्रभावित जिले में पोस्टेड हो तो नक्सलवाद से निपटने के लिए क्या कदम उठाएंगे?
---आपको ऐसे जिले में पोस्टिंग मिली है जहाँ पेयजल की भारी समस्या है, आप उससे कैसे निपटेंगे?
---आपके जिले में भूकंप या चक्रवात या बाढ़ जैसी कोई प्राकृतिक आपदा आने की चेतावनी मिली है. आप क्या-क्या कदम उठाएंगे?

थ). साक्षात्कार में कैसा हो आपका सेंस ऑफ़ ह्यूमर -
अपने साक्षात्कार से एक लोट-पोट करने वाला अनुभव भी सम्मुख रखना चाहूँगा | साक्षात्कार में आपको बिल्कुल गंभीर या नीरस बनने की जरुरत नही है | हास्य-विनोद भी आपके व्यक्तित्व का एक अहम् हिस्सा है |
एक बोर्ड मेम्बर ने मुझसे पुछा की क्या आपने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का नाम सुना है ? मैंने जवाब दिया - जी हाँ , सुना है , और फिर चुप हो गया | मेम्बर आशा कर रहे थे की मैं जवाब में अपने सारे ज्ञान की गंगा एक बार में ही बहा दूंगा , पर इस एक शब्द के जवाब से वो थोड़े हतप्रभ हो गए | फिर उन्होंने इससे जुड़े दो-तीन छोटे सवाल जैसे कब शुरू हुआ, किसने शुरू किया, क्या योजना है पूछा जिसका मैंने नपा -तुला जवाब दिया | अंत में आया एक सवाल- इस योजना की वर्तमान में क्या स्थिति/प्रगति  है ? मुझे इस सवाल का जवाब अच्छे से नहीं पता था | हम लोगों ने बहुत बार सड़क या पुल बनते हुए बोर्ड लगा देखा होगा- कार्य प्रगति पर है/ Work in Progress. मैंने सदस्य महोदय को वही जवाब दिया-"सर, कार्य तेजी से प्रगति पर है| " बोर्ड में ठहाका गूँज उठा | कुछ लोग खुल कर तो कुछ हंसी दबाने में लगे थे | वाकई इस जवाब की किसी ने आशा नहीं की होगी , पर यह जवाब मेरे अनुमान में मेरे लिए सकारात्मक ही रहा |


साथियों, इन सारे मुख्य विषयों पर पूछे जा सकने वालों सवालों की खुद से सूची बनाये और उनके जवाब तैयार करे. अपने साथियों, परिवार के सदस्यों, शिक्षकों  के साथ पूरी गंभीरता से छद्म साक्षात्कार की तैयारी करे. जरुरत लगे तो कोचिंग संस्थाओं के छदम साक्षात्कार बोर्ड की सहायता भी ले सकते हैं. पत्रिकाओं से सफल प्रतिभागियों के साक्षात्कार पढ़े. उनसे आपको साक्षात्कार में पूछे जा सकने वाले प्रश्नों की विविधता का अंदाजा लगेगा. साक्षात्कार पर कुछ स्तरीय बुक भी ले सकते हैं. पत्रिकाओं में कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु के साक्षात्कार वाले कॉलम और विश्लेषण से आपको काफी सहायता मिलेगी.


साक्षात्कार में नपे- तुले शब्दों में जवाब देना श्रेयस्कर है. जितना पूछा जाये, उतना ही जवाब दे. साक्षात्कार बोर्ड के सभी सदस्यों की और देखते हुए आई कांटेक्ट बनाये रखते हुए जवाब दे.

चेहरे पर स्वाभाविक सहज मुस्कान बनाये रखे. चेहरे पर चिंता या घबराहट को नहीं झलकने दें. काफी सहजता से साक्षात्कार के सहज प्रवाह में बहते चले.

जिस सवाल का जवाब न आता हो, ईमानदारी के साथ बोर्ड को बताये कि आपको उस सवाल का जवाब पता नहीं है. और आप उस बारे में जानकारी हासिल करेंगे.


आशा करता हूँ कि  इस आलेख से सिविल सेवा के साक्षात्कार में हिंदी माध्यम से भाग लेने वाले छात्र लाभान्वित होंगे | शुभकामनाओं के साथ,

केशवेन्द्र कुमार, आईएएस

आईएएस 2008 केरल कैडर














रविवार, 9 जुलाई 2017

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए समाज शास्त्र की पुस्तक सूची


साथियों, समाजशास्त्र हिंदी माध्यम से सिविल सेवा की तैयारी करने वालों के लिए एक लोकप्रिय वैकल्पिक विषय रहा है | यह विषय उन छात्रों के लिए हैं जो समाज और सामाजिक मुद्दों से गहरा ताल्लुक रखते हैं, समसामयिक सामाजिक मुद्दों में गहरी रूचि रखते हैं, समाज की जटिलताओं को समझकर सामाजिक समस्याओं के समाधान सुझाना चाहते है | यह वैकल्पिक विषय मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन पत्र एवं निबंध पत्र के लिए भी काफी उपयोगी है |

इग्नू की BA एवं MA की समाजशास्त्र की पुस्तकें इस विषय की तैयारी के लिए एक अच्छा आधार प्रदान करती है | इस विषय की हिंदी माध्यम में उपलब्ध कुछ स्तरीय पुस्तकों की सूची मैं यहाँ पर दे रहा  हूँ | यह सूची बस सांकेतिक है और कोई और अच्छी पुस्तक सामने आने पर वो इसमें जोड़ दी जायेगी | एक और बात याद रखे की आपको तैयारी सिविल सेवा के पाठ्यक्रम की करनी है, किताबों की नहीं | एक ही विषय पर कोई किताब आपको पढने में सरल लग सकती है और किसी को जटिल |  विषय के बारे में आधारभूत जानकारी के बाद उस विषय की किसी भी किताब को देखकर आप इस बात का निश्चय कर सकते हैं की वह किताब आपकी तैयारी के लिए आवश्यक है या नहीं |

प्रश्न पत्र १
इग्नू की BA एवं MA की समाजशास्त्र की पुस्तकें
समाजशास्त्र एक परिचय- सत्यपाल रूहेला- डायमंड पब्लिकेशन-
(१,२,३६,७,,८,९,)
समाजशास्त्र परिचय -संपादक- राम गणेश यादव एवं जे पी मिश्र - ओरिएंट ब्लैक स्वान पब्लिकेशन
(१,२,५,८,९,१०)
सामाजिक विचारक- एस एल दोषी, पी सी जैन- रावत पब्लिकेशन- जयपुर, दिल्ली
(मार्क्स, दुर्खीम, वेबर विस्तार से ) पत्र १ ४ क, ख, ग
उच्चतर समाजशास्त्रीय सिद्धांत- शम्भूलाल दोषी मधुसूदन त्रिवेदी- रावत प्रकाशन- जयपुर एवं नयी दिल्ली
(प्रश्न पत्र १- 1, २, ३, ४ आंशिक रूप से )
समाजशास्त्र- अवधारणाएँ एवं सिद्धांत - जे पी सिंह- प्रेन्टिस हॉल ऑफ़ इंडिया, नयी दिल्ली
(१,२, ५, १० )
सामाजिक विचारधारा एवं सामाजिक विचारक- डॉ गणेश पाण्डेय एवं अरुणा पाण्डेय



प्रश्न पत्र २
इग्नू की BA एवं MA की समाजशास्त्र की पुस्तकें

भारतीय समाज एवं विचार धाराएं - डी आर जाटव -नेशनल पब्लिशिंग हाउस- जयपुर, नई दिल्ली
(प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक भारत का समाज चिंतन, राजनितिक आंदोलनों में सामाजिक प्रवृतियाँ, समाज चिंतन के समकालीन संप्रदाय,)

भारतीय समाज संरचना एवं परिवर्तन - सत्यपाल रूहेला- उत्तर प्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी
(जनसँख्या, धर्म, जाति प्रथा, जनजातियाँ, सामाजिक वर्ग, विवाह-परिवार- साम्पत्तिक अधिकार, शिक्षा, ग्रामीण और  नगर संस्था, शासक और शासित )

भारतीय सामाजिक संरचना एवं परिवर्तन के एल शर्मा- रावत पब्लिकेशन- जयपुर एवं नयी दिल्ली
(भारतीय समाज, उद्भव, सामाजिक आन्दोलन, जनजाति, ग्रामीण एवं नगरीय समुदाय , परिवार, जाति, नारी, जनसँख्या, सामाजिक परिवर्तन )

हाशिये की वैचारिकी-  संपादक- उमाशंकर चौधुरी- अनामिका प्रकाशन- दिल्ली
(जाति, दलित, जनजाति प्रश्न )

शुभकामनाओं के साथ,
केशवेन्द्र कुमार आईएएस 

बुधवार, 10 मई 2017

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए दर्शन शास्त्र की पुस्तक सूची

दर्शनशास्त्र हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए काफी लोकप्रिय वैकल्पिक विषय रहा है | निबंध पत्र के लिए इसकी प्रासंगिकता और उपयोगिता को देखते हुए इसका वैकल्पिक विषय के रूप में महत्त्व और भी बढ़ गया है |  वैसे छात्र जिन्हें दर्शन में और साहित्यिक- सामाजिक समस्याओं के गहन अनुशीलन, चिंतन और समाधान खोजने में आनंद आता है और जिनकी भाषा पर अच्छी पकड़ है, वे निस्संकोच इस विषय का चयन कर सकते हैं| दर्शनशास्त्र के साथ सिविल सेवा की तैयारी  के लिए पुस्तक सूचि निम्नलिखित है-

प्रश्न पत्र १ एवं २
प्राचीन भारतीय धर्म एवं दर्शन- डॉ शिवस्वरूप सहाय-  मोतीलाल बनारसीदास प्रकाशन
भारतीय दर्शन- संपादक- डॉ नन्द किशोर देवराज - उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ
भारतीय दर्शन( दो भागों में )- डॉ राधाकृष्णन -(अनुवादक- नंदकिशोर गोभिल)- राजपाल एंड संस प्रकाशन
नीतिशास्त्र के प्रमुख सिद्धांत-डॉ डी आर जाटव- मालिक एंड कंपनी- दिल्ली
पाश्चात्य दर्शन- याकूब मसीह
समकालीन पाश्चात्य दर्शन- बी के लाल
भारतीय संस्कृति- नरेन्द्र मोहन -प्रभात प्रकाशन- नयी दिल्ली

इग्नू की बी ए एवं एम ए दर्शनशास्त्र की पुस्तकें


विस्तृत अध्ययन हेतु- (पुस्तकालय की मदद से )
दर्शन दिग्दर्शन - राहुल सांकृत्यायन- किताबघर प्रकाशन
भारतीय दर्शनशास्त्र का इतिहास -  जयदेव वेदालंकार - न्यू भारतीय बुक कारपोरेशन- नयी दिल्ली
(मध्यकालीन आचार्यों का दर्शन - आचार्य शंकर, रामानुज, आचार्य मध्व, बल्लभ और चैतन्य दर्शन )
भारतीय दर्शन का इतिहास (५ खंडो में )- डॉ सुरेन्द्रनाथ गुप्ता- राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी द्वारा अनुदित एवं प्रकाशित
भारतीय दर्शन की मूलगामी समस्याएँ- नारायण शास्त्री द्रविड़- विश्वविद्यालय प्रकाशन, सागर

वैकल्पिक विषय की तैयारी करते हुए यह बात ध्यान में रखे की आपके सिलेबस तैयार करना है और पूरी समझ के साथ, रट्टा मरकर नहीं | साथ-ही-साथ इस बात का भी ध्यान रखे की ज्ञान अनंत और अथाह है | ज्ञान प्राप्ति के लिए हम जीवन भर पढ़ सकते हैं और पढ़ते रहेंगे | अपना सारा ध्यान अभी चिड़िया की आंख अर्थात सिविल सेवा में अच्छे रैंक के साथ सफलता पाने पर लगाये | किताबों पर नहीं टॉपिक पर अपना ध्यान केन्द्रित करें | जब आप सारे टॉपिक कुछ चुनिन्दा स्तरीय पुस्तकों से तैयार कर लेते हैं तो फिर अन्य स्तरीय पुस्तकों से दुहराते हुए कोई नयी बात मिलने पर उसे नोट कर ले |
शुभकामनाओं के साथ,
केशवेन्द्र कुमार, IAS


मंगलवार, 9 मई 2017

FAQ- सिविल सेवा की तैयारी में लगे साथियों द्वारा बार- बार पूछे जानेवाले सवालों के जवाब

प्राथमिक एवं मुख्य  परीक्षा से संबंधित -


१.सिविल सेवा की तैयारी के लिए  हिंदी में कौन सा समाचार पत्र पढ़े ? क्या हिन्दू समाचारपत्र पढना अनिवार्य है ? 

नहीं, सिविल सेवा की अंग्रेजी माध्यम से तैयारी करनेवाले अधिकांश छात्र हिन्दू समाचारपत्र का अध्ययन करते है | यह एक अच्छा समाचारपत्र है जो समसामयिकी एवं निबंध के लिए उपयोगी है | अगर आपकी अंग्रेजी अच्छी है और आप हिन्दू पेपर पढने में कोई दिक्कत नहीं महसूस करते हैं तो इसे पढना अच्छा है | अगर आपको भाषा की दिक्कत आ रही है तो आप किसी भी अच्छे हिंदी समाचारपत्र जैसे हिंदुस्तान, प्रभात खबर, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, जनसत्ता जो की आपके राज्य में उपलब्ध है, को पढ़ सकते हैं | इतना ध्यान रखे की आपको पेपर सिविल सेवा की तैयारी के लिए पढना है| अपना ध्यान देश-विदेश की प्रमुख घटनाओं, सम्पादकीय एवं आलेखों और साक्षात्कार की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण अपने प्रदेश की घटनाओं पर केन्द्रित करें |

२. समसामयिकी - करंट अफेयर  कितने दिनों का पढ़े ?

सामान्यतः प्रारंभिक परीक्षा के सवा  वर्ष (उदहारण के लिए मई में यदि प्रारंभिक परीक्षा हो तो पिछले वर्ष की जनवरी तक)  पहले तक की समसामयिकी पर ध्यान केन्द्रित करना काफी है |

३. मैं १० वीं/ १२ वीं कक्षा में हूँ ,सिविल सेवा की तैयारी कैसे करूँ ?

--अपना ध्यान १० वीं / १२ वीं की परीक्षा अच्छे तरह से उत्तीर्ण करने पर लगाये | अपनी लेखन शैली पर ध्यान दे | अच्छी किताबें पढने की आदत डालें | समाचारपत्र के साथ कुछ पत्रिकाएँ जैसे कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु , योजना, कुरुक्षेत्र, विज्ञान प्रगति पढना अभी काफी है | स्नातक के द्वितीय या तृतीय वर्ष से गंभीरता से सिविल सेवा की तैयारी आरम्भ करना काफी है |

4. सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय में क्या पढ़े और क्या छोड़े?

--सामान्य अध्ययन एवं  वैकल्पिक विषय की तैयारी करते हुए यह बात ध्यान में रखे की आपके सिलेबस तैयार करना है और पूरी समझ के साथ, रट्टा मरकर नहीं | साथ-ही-साथ इस बात का भी ध्यान रखे की ज्ञान अनंत और अथाह है | ज्ञान प्राप्ति के लिए हम जीवन भर पढ़ सकते हैं और पढ़ते रहेंगे | अपना सारा ध्यान अभी चिड़िया की आंख अर्थात सिविल सेवा में अच्छे रैंक के साथ सफलता पाने पर लगाये | किताबों पर नहीं टॉपिक पर अपना ध्यान केन्द्रित करें | जब आप सारे टॉपिक कुछ चुनिन्दा स्तरीय पुस्तकों से तैयार कर लेते हैं तो फिर अन्य स्तरीय पुस्तकों से दुहराते हुए कोई नयी बात मिलने पर उसे नोट कर ले |

5. नोट्स बनाये या नहीं ?

-यह आपके पास उपलब्ध समय पर निर्भर करता है | संक्षिप्त एवं सटीक नोट्स बनाये जो आपको दुहराने में मदद करेगा | किसी भी विषय पर एक अच्छी किताब को मुख्य किताब के तौर पर प्रयोग करे और उस विषय पर उस किताब के अलावा कुछ भी अच्छी सामग्री मिले तो नोट्स ले ले |

६. समसामयिकी  के लिए क्या हो रणनीति ?

हिंदी के दो अच्छे समाचार पत्र संक्षेप में पढ़े, सटीक नोट लें | निबंध के लिए कुछ अच्छा मिले तो उसे अलग रख ले | दो सिविल सेवा की पत्रिकाओं (प्रतियोगिता दर्पण/ सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल/ सिविल सर्विसेज टाइम्स/कम्पटीशन सक्सेस रिव्यु इत्यादि)  को पढने से लगभग काफी अंश कवर हो जाएगा | योजना एवं कुरुक्षेत्र पढ़े | बीबीसी हिंदी की वेबसाइट देखे और संक्षिप्त  नोट्स ले लें | सप्ताह में एक या दो दिन इन्टरनेट से भी प्रमुख राष्ट्रीय/ अंतर राष्ट्रीय महत्त्व की संस्थाओं के वेबसाइट से नोट्स बना ले |

७. कैसे चुने वैकल्पिक विषय-

---आपने जिस विषय से स्नातक या परास्नातक किया है, उसके पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र UPSC की वेबसाइट पर देखे, अगर संतुष्ट हैं तो उसे ही अपने वैकल्पिक विषय के रूप में रखे |
--अगर नहीं, तो फिर उपलब्ध वैकल्पिक विषयों में से अपनी रुचि के चार-पांच विषयों को छांटे | उनका पाठ्यक्रम एवं पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र UPSC की वेबसाइट पर देखे | उसमे जो आपके अच्छा लगे और सामान्य अध्ययन एवं निबंध के पत्र में भी लाभदायी लगे, उसे वैकल्पिक विषय के रूप में रखे |
--किसी भी विषय को चुनने पर आपके लिए उसके फायदे-नुकसान इस परीक्षा की तैयारी के सम्बन्ध में होंगे | तराजू के दोनों पलड़ों को देखते हुए, संतुलन बनाते हुए दृढ निर्णय ले | एक बार विषय चुनने के बाद उसे बदलना बेवकूफी होगी, इस बात का ध्यान रख अपना समय लेते हुए सही निर्णय ले | प्रशासन में आपके सही निर्णय लेने की क्षमता एक महत्त्वपूर्ण अंग है और सही वैकल्पिक विषय का चयन आपके निर्णय क्षमता का परीक्षण भी है |

८ क्या निबंध पत्र अंग्रेजी में लिखना है ?

अगर आप सिविल सेवा की परीक्षा हिंदी माध्यम में दे रहे हैं तो आप हिंदी माध्यम में निबंध लिखेंगे |

९. क्या नौकरी करते हुए आईएएस/आईपीएस/सिविल सेवा की तैयारी हो सकती है ?

बिलकुल, बहुत से लोगों ने नौकरी के साथ इस परीक्षा की तैयारी की है और मैं खुद उनमे से एक हूँ | हाँ, आपको समय का प्रबंधन अच्छे से करना होगा और नौकरी और तैयारी में सम्यक संतुलन साधना होगा | छः से आठ घंटे तक आप तैयारी के लिए निकल सके तो यह संभव है |

१०. क्या सिर्फ सिविल सेवा की तैयारी करें या उसके साथ किसी और नौकरी की तैयारी करें?

-अगर आपकी आर्थिक पृष्ठभूमि अच्छी है तो आप अपनी उच्चतर शिक्षा को जारी रखते हुए सिविल सेवा की तैयारी करें |
-अगर नहीं तो फिर बैंक/एसएससी/रेलवे/शिक्षक/लेक्चरर/ एवं ऐसी किसी भी अच्छी नौकरी की परीक्षा पर भी ध्यान दे जिसमे आने के बाद भी आप सिविल सेवा की तैयारी कर सके | पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद आप नेट/ JRF परीक्षा का भी विकल्प रख सकते हैं |

११. आईएस/आईपीएस/ सिविल सेवा के लिए क्या शैक्षणिक योग्यता चाहिए ?

किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से स्नातक में पास होना काफी है | स्नातक के अंक या डिवीज़न बाधा नहीं है, स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए |

१२. सामान्य अध्ययन की पुस्तक सूची कहाँ से मिलेगी ?
मैंने अपनी तैयारी के लिए सामान्य अध्ययन के लिए जिन पुस्तकों की सहायता ली थी, उसके बारे में मैंने विस्तार से अपने ब्लॉग पर लिखा है | यह आलेख कई लोगों यहाँ तक की कोचिंग संस्थाओं द्वारा भी काफी उद्धृत किया गया है और मेरे एवं ब्लॉग के सन्दर्भ के साथ या उसके बिना भी सोशल मीडिया में काफी शेयर भी किया गया है | इस सन्दर्भ में सिविल सेवा में हुए बदलावों के मद्देनजर कुछ परिवर्तन अपेक्षित है जिसे मैं कोरोना संकट के बाद नयी पुस्तकों एवं पत्रिकाओं की समीक्षा कर करूँगा |  अभी भी यह सूची सामान्य अध्ययन के पाठ्यक्रम को समग्रता से कवर करती है |  आलेख का लिंक निम्न है -






साक्षात्कार से संबंधित

१. साक्षात्कार किस भाषा में दे सकते हैं ?

जिस भाषा में आपने सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा दी है, आप उस भाषा में साक्षात्कार दे सकते है | हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से सिविल सेवा मुख्य परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी उसी भाषा का चयन साक्षात्कार के लिए कर सकते हैं |

२. क्या हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले छात्रों का साक्षात्कार हिंदी में होता है ?

--जी हाँ | हाँ, बोर्ड में ऐसे एक या दो मेम्बर हो सकते हैं जिन्हें हिंदी नहीं आती हो, इसलिए अगर आप अंग्रेजी बोल और समझ लेते हैं तो और भी अच्छा है | कोई सदस्य जान बूझकर अंग्रेजी में सवाल कर सकते हैं, आप उसका जवाब हिंदी में बिंदास देने के लिए स्वतंत्र है |


३. क्या साक्षात्कार में अंग्रेजी की प्रचलित शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं ?

--ऐसे अंग्रेजी के शब्द जो हिंदी की बोलचाल में प्रचलित हैं और जिनका हिंदी में उत्तम विकल्प मौजूद नहीं है, उनके लिए अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग उचित है | उदहारण के लिए SAARC सम्मलेन  के लिए आप हिंदी में दक्षेस सम्मेलन शब्द या सार्क सम्मलेन शब्द किसी का भी उपयोग कर सकते हैं क्योंकि दोनों ही हिंदी की शब्दावली में सामान रूप से प्रचलित है |


गुरुवार, 4 मई 2017

सिविल सेवा परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय(ऑप्शनल पेपर ) का चयन कैसे करे


हिंदी माध्यम से सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए वैकल्पिक विषय का चयन एक बड़ी दुविधा के तौर पर होता है | मन में ढेरों सवाल होते हैं- किस विषय से ज्यादा अंक आयेंगे, किस विषय से टॉपर बनते हैं, स्नातक तक पढ़े विषय को वैकल्पिक विषय के तौर पर ले या नहीं इत्यादि |

सिविल सेवा परीक्षा के लिए वर्तमान में एक वैकल्पिक विषय का चयन करना होता है | इस विकल्पिक विषय के 250 अंक के दो प्रश्न पात्र होते हैं | और इस तरह सिविल सेवा की परीक्षा में वैकल्पिक विषय के कुल ५०० अंक है|

उपलब्ध विषयों की सूची -
इतिहास
भूगोल
समाजशास्त्र
लोक प्रशासन
नृविज्ञान
राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध
मनोविज्ञान
दर्शन शास्त्र
अर्थशास्त्र
विधि
प्रबंधन
कृषि विज्ञान
पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान
हिंदी भाषा एवं साहित्य/ संस्कृत भाषा एवं साहित्य/मैथिलि भाषा एवं साहित्य/उर्दू भाषा एवं साहित्य एवं अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओं का साहित्य

वनस्पति विज्ञान
रसायन विज्ञान
सिविल इंजीनियरिंग
वाणिज्य तथा लेखा विधि
विद्युत इंजीनियरिंग
भू विज्ञान
गणित
यांत्रिक इंजीनियरिंग
चिकित्सा विज्ञान
भौतिकी
सांख्यिकी
प्राणी विज्ञान


कैसे चयन करे वैकल्पिक विषय का-

 इन सारे उपलब्ध विषयों को देखते हुए अपनी शैक्षणिक  पृष्ठभूमि और विषयों में रूचि को ध्यान में रखते हुए इन सारे विषयों में से  चयन को २-३ विषयों पर केन्द्रित करें |
*सामान्यतः ऊपर के  किसी विषय को आपने स्नातक या परास्नातक स्तर पर हिंदी माध्यम में पढ़ा है और आप उस विषय में रूचि रखते हैं तो उस विषय का चयन सर्वोत्तम है |
*अगर आपने ऊपर के विषयों में किसी को स्नातक या परास्नातक स्तर विषय पर पढ़ा है पर उसमे आपकी रूचि नहीं है तो फिर आप ऊपर के लिस्ट से अपनी रूचि की  २-३ विषयों की शोर्ट लिस्ट तैयार करे | इन चयनित विषय के सारे टॉपिक देखे, इनके सिविल सेवा के सिलेबस और क्वेश्चन बैंक को देखे | यह अनुमान लगाये की इस विषय को आप ३-६ महीने में अच्छे से तैयार कर सकते हैं या नहीं |
*अगर आप अपने स्नातक या परास्नातक के विषय को वैकल्पिक विषय के तौर पर नहीं ले रहे हैं तो इस बात का भी ध्यान रखे की वैकल्पिक विषय से आपको सामान्य अध्ययन, निबंध पत्र एवं साक्षात्कार में कितनी मदद मिल रही है |
*सामान्य अध्ययन में काफी सहायता पहुचने वाले विषय हैं-
इतिहास, लोक प्रशासन, राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध, समाज शास्त्र, नृविज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र,विधि
*निबंध एवं साक्षात्कार में सहायक वैकल्पिक विषय-
इतिहास, लोक प्रशासन, राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध, समाज शास्त्र, नृविज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र,विधि, दर्शन शास्त्र, मनोविज्ञान, प्रबंधन, हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओ का साहित्य

इस बात का ध्यान रखें की विषय में आपकी रूचि या उस विषय का आपके द्वारा पहले पढ़ा होने काफी महत्तवपूर्ण घटक हैं | इसके बाद ही सामान्य अध्ययन, निबंध या साक्षात्कार में उस वैकल्पिक विषय से होने वाले लाभ के बारे में सोचे | शार्ट लिस्ट किये हुए २-३ विषयों से आपके परीक्षा में मिलने वाले लाभ-हानि की गणना कर अपने लिए उपयुक्त वैकल्पिक विषय का चयन करें | चयन आपका खुद का होना चाहिए, किसी दवाब में आकर नहीं | चयन के लिए पर्याप्त समय ले और एक अच्छा निर्णय ले |


शुभकामनाओं के साथ,
केशवेन्द्र कुमार


सोमवार, 1 मई 2017

सिविल सेवा परीक्षा हेतु लोक प्रशासन के लिए पुस्तक सूची

प्रथम प्रश्न पत्र -
१. लोक प्रशासन- संकल्पनाएँ एवं सिद्धांत- रुम्की बासु- जवाहर पब्लिशर्स
लोक प्रशासन- अवस्थी एवं महेश्वरी
२. लोक प्रशासन के नए आयाम- मोहित भट्टाचार्य - जवाहर पब्लिशर्स
३. प्रशासनिक विचारक - नरेन्द्र थोरी - आर बी एस ए पब्लिशर, जयपुर



द्वितीय प्रश्न पत्र
१.भारतीय प्रशासन- श्रीराम महेश्वरी-  ओरिएंट लोंग्मेन प्रकाशन
या
भारतीय लोक प्रशासन- डॉ सुरेन्द्र कटारिया - नेशनल पब्लिशिंग हाउस
२. लोक प्रशासन के बदलते आयाम- संपादक- एस एन मिश्र - भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, दिल्ली

इग्नू की बी ए एवं एम ए की लोक प्रशासन की पुस्तकें